गौरेला पेंड्रा मरवाही: दो महीने पहले छत्तीसगढ़ की सीमा से एमपी गए 5 हाथियों का दल एक बार फिर पेंड्रा के मरवाही वन मंडल आ चुका है. सोशल मीडिया में इन हाथियों के दल का आराम फरमाते हुए वीडियो वायरल हो रहा है. कई गांवों में उत्पात मचाने के बाद ये हाथी आराम फरमा रहे हैं. वीडियो में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है कि हाथियों का दल आराम से चैन की नींद सो रहा है.
सोशल मीडिया में वीडियो हुआ वायरल: दरअसल, पेंड्रा के मरवाही वन मंडल में हाथियों के दल का आराम फरमाते वीडियो किसी ने बना कर सोशल मीडिया में शेयर कर दिया. अब ये वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. इन हाथी के दलों ने रविवार की रात को ग्रामीण इलाकों में उत्पात मचाया था. इससे पहले भी गजराज के इस जल ने शनिवार को उत्पात मचाया और फिर रविवार को आराम करते देखे गए. उत्पात मचाने के बाद थककर ये सो गए. वायरल वीडियो में 5 हाथी आराम करते दिख रहे हैं.
एमपी से वापस लौटा हाथियों का दल: बता दें कि हाथियों का दल लगभग दो महीने के बाद मध्य प्रदेश के कोतमा अनूपपुर क्षेत्र में विचरण करने के बाद वापस मरवाही वन मंडल के जंगलों में पहुंच गया है. वन मंडल में प्रवेश करते ही हाथियों के दल ने रविवार देर रात जमकर उत्पात मचाया था. थकावट महसूस होने पर ये हाथी आराम करने लगे. जंगल से गुजर रहे एक शख्स ने पास में जाकर हाथियों का फोटो लिया और वीडियो भी बनाया और सोशल मीडिया में शेयर कर दिया.
वन विभाग की अपील: वहीं, हाथियों का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने से वन विभाग खफा है. वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि ऐसे वीडियो या फोटो बनाकर सोशल मीडिया में न डाले. अपने जीवन की रक्षा स्वयं करें. वन अमला लगातार हाथियों के मूवमेंट पर अपनी नजर बनाए हुए है. जिधर भी हाथी बढ़ते हैं, उधर पड़ने वाले गांव में रहने वाले ग्रामीणों को वन विभाग की ओर से अलर्ट किया जाता है. ताकि कोई भी घटना-दुर्घटना न हो. वन विभाग ने इस वायरल वीडियो की पुष्टि की है.
कागजों में सीमित है गजराज परियोजना: हाथियों के प्राकृतिक रहवास के लिए गजराज परियोजना की बातें महज कागजों तक सीमित है. सरगुजा, कोरिया, कोरबा जैसे हाथियों के प्राकृतिक रहवास क्षेत्र में खुल रही खदानों और मानवीय दखल का नतीजा यह है कि अब हाथी इंसानों के क्षेत्र में पहुंच रहा है. जब इंसानों ने हाथियों के क्षेत्र में दखलअंदाजी कर पेड़ों की कटाई शुरू की तो हाथी इंसानों के क्षेत्र में पहुंचकर घरों को तोड़ने-फोड़ने लगे.