गरियाबंद: कोरोना वायरस की वजह से हर कोई मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग समेत सैनिटाइज का उपयोग कर रहा है, जिससे कोविड-19 की महामारी से बचा जा सके, लेकिन गरियाबंद कलेक्टर कार्यालय में तो इससे उलट ही नजारा देखने को मिल रहा है. लंबे समय से ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन लाकर रखी गई है, लेकिन अभी तक इसका इस्तेमाल शुरू नहीं किया गया है, इसकी वजह से लोग खुद को बिना सैनिटाइज के ही कलेक्ट्रेट में प्रवेश कर रहे हैं. जबकि जिले में 13 कोरोना के मरीज मिल चुके हैं, लेकिन प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है.
कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा हर वक्त बना रहता है, लेकिन सरकारी कार्यालयों में लापरवाही देखने को मिल रही है. कलेक्ट्रेट में केवल हथेली पर सैनिटाइजर छिड़कने का काम किया जा रहा है, जबकि फुल बॉडी ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन कलेक्ट्रेट में पहले से मौजूद है. अभी हाल ही में देवभोग के एसडीएम कार्यालय में एक ऑपरेटर को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, जिसके लिए एसडीएम ऑफिस सील करना पड़ा. इसके बावजूद जिम्मेदार कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
कोरोना वायरस फैलने का लोगों में डर
बता दें कि जिला कार्यालय में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सेंसर युक्त सैनिटाइजर मशीन लगाई जानी है, जिससे लोग ऑटोमेटिकली सैनिटाइज हो सकें, लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि लाखों की मशीन पड़ी पड़ी धूल खा रही है. इसकी वजह से कलेक्ट्रेट पहुंचने वाले लोगों में कोरोना वायरस फैलने का डर बना रहता है.
सरकारी पैसे का मजाक उड़ा रहे जिम्मेदार
जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन सैकड़ों लोग गांव से अपने काम लेकर जिला कार्यालय पहुंचते हैं. इन स्थितियों के बीच किस आदमी को वायरस का संक्रमण है, किसे नहीं यह कोई नहीं जान सकता, ऐसी स्थिति में गरियाबंद जिला मुख्यालय में मशीन का उपयोग न होना सरकार का पैसा बर्बाद है. साथ ही लोगों में कोरोना वायरस का फैलने का खतरा भी है, लेकिन जिम्मेदार ध्यान ही नहीं दे रहे हैं.