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सोशल मीडिया बना भावना के लिए वरदान, दो दिन में लोगों ने किया दो लाख से ज्यादा का दान

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Published : Jul 21, 2019, 11:38 PM IST

Updated : Jul 21, 2019, 11:57 PM IST

गरियाबंद में रहने वाली भावना 12वीं के बाद लॉ की पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन गरीबी उसके इस सपने के आड़े आ रही थी. ऐसे में उसके लिए एक सोशल मीडिया कैंपेन चलाया गया, जिसके जरिए लोगों की मदद से अब भावना का एक अच्छी यूनिवर्सिटी में एडमिशन हो गया है.

सोशल मीडिया पर पैसे देकर लोगों ने भावना की मदद की

गरियाबंद : वो कहते हैं न कि अगर मन में लगन और जिगर में जज्बा हो तो ईश्वर भी आपकी मदद के लिए कोई न कोई दरवाजा खोल ही देता है. इस बात का जीता, जागता उदहरण है कोसमबुड़ा गांव की रहने वाली भावना ध्रुव. गरीब परिवार में जन्म लेने वाली भावना ने जैसे-तैसे 12वीं तक की पढ़ाई की.

सोशल मीडिया पर पैसे देकर लोगों ने भावना की मदद की

इसके बाद वो लॉ की पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन जब भावना के पिता गुमान सिंह को जब पता लगा कि बेटी के कॉलेज की फीस के लिए एक लाख 88 हजार रुपये की दरकार थी. भावना के पिता को जब इस बारे में पता लगा तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई, क्योंकि इतनी ज्यादा रकम जुटा पाना उनके लिए सक्षम नहीं था.

पिता को थी भविष्य की चिंता
गरीबी की मार झेल रहे गुमान सिंह को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो करे तो क्या करे. आखों के सामने बेटी के सपने को मरता हुआ देख गुमान का दिल अंदर ही अंदर कचोटे जा रहा था. सरकार की मदद से बेटी ने 12वीं तक की पढ़ाई तो कर ली थी, लेकिन अब उसका भविष्य अंधकार में लग रहा था और यही वजह गुमान सिंह को अंदर ही अंदर खाए जा रही थी.

सोशल मीडिया से मिली मदद
बेटी को पढ़ाने की व्यवस्था करने की उधेड़-बुन में एक रोज गुमान सिंह रायपुर पहुंचे और उन्होंने प्रेस कर अपनी मजबूरी बताई. बस फिर क्या था किसी पत्रकार ने गुमान सिंह के पूरे इंटरव्यू को गुमान सिंह की बैंक अकाउंट डिटेल के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. पोस्ट तेजी से वायरल हुई और देश के अगल-अलग हिस्सों से गुमान सिंह के अकाउंट में रकम आने का जो सिलसिला शुरू हुआ वो अभी भी जारी है. लोगों की मदद से अब तक गुमान सिंह के अकाउंट में ढाई लाख रुपए से ज्यादा रकम जमा हो चुकी है. लोगों की मदद से गुमान सिंह ने अपनी बेटी भावना का एडमिशन रायपुर के हिदायतुल्ला नेशनल लॉ कॉलेज में कराया है.

दानदाताओं को कहा- शुक्रिया
बेटी के सपने को साकार होते देख गुमान सिंह खुश हैं और वो समाज का शुक्रिया अदा कर रहे हैं. हम भी दुआ करेंगे की भावना के सपने साकार हों और वो भी ठीक उसी तरह लोगों की मदद करें, जिस तरह लोगों ने उनकी मदद की है.

गरियाबंद : वो कहते हैं न कि अगर मन में लगन और जिगर में जज्बा हो तो ईश्वर भी आपकी मदद के लिए कोई न कोई दरवाजा खोल ही देता है. इस बात का जीता, जागता उदहरण है कोसमबुड़ा गांव की रहने वाली भावना ध्रुव. गरीब परिवार में जन्म लेने वाली भावना ने जैसे-तैसे 12वीं तक की पढ़ाई की.

सोशल मीडिया पर पैसे देकर लोगों ने भावना की मदद की

इसके बाद वो लॉ की पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन जब भावना के पिता गुमान सिंह को जब पता लगा कि बेटी के कॉलेज की फीस के लिए एक लाख 88 हजार रुपये की दरकार थी. भावना के पिता को जब इस बारे में पता लगा तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई, क्योंकि इतनी ज्यादा रकम जुटा पाना उनके लिए सक्षम नहीं था.

पिता को थी भविष्य की चिंता
गरीबी की मार झेल रहे गुमान सिंह को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो करे तो क्या करे. आखों के सामने बेटी के सपने को मरता हुआ देख गुमान का दिल अंदर ही अंदर कचोटे जा रहा था. सरकार की मदद से बेटी ने 12वीं तक की पढ़ाई तो कर ली थी, लेकिन अब उसका भविष्य अंधकार में लग रहा था और यही वजह गुमान सिंह को अंदर ही अंदर खाए जा रही थी.

सोशल मीडिया से मिली मदद
बेटी को पढ़ाने की व्यवस्था करने की उधेड़-बुन में एक रोज गुमान सिंह रायपुर पहुंचे और उन्होंने प्रेस कर अपनी मजबूरी बताई. बस फिर क्या था किसी पत्रकार ने गुमान सिंह के पूरे इंटरव्यू को गुमान सिंह की बैंक अकाउंट डिटेल के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. पोस्ट तेजी से वायरल हुई और देश के अगल-अलग हिस्सों से गुमान सिंह के अकाउंट में रकम आने का जो सिलसिला शुरू हुआ वो अभी भी जारी है. लोगों की मदद से अब तक गुमान सिंह के अकाउंट में ढाई लाख रुपए से ज्यादा रकम जमा हो चुकी है. लोगों की मदद से गुमान सिंह ने अपनी बेटी भावना का एडमिशन रायपुर के हिदायतुल्ला नेशनल लॉ कॉलेज में कराया है.

दानदाताओं को कहा- शुक्रिया
बेटी के सपने को साकार होते देख गुमान सिंह खुश हैं और वो समाज का शुक्रिया अदा कर रहे हैं. हम भी दुआ करेंगे की भावना के सपने साकार हों और वो भी ठीक उसी तरह लोगों की मदद करें, जिस तरह लोगों ने उनकी मदद की है.

Intro:स्लग---आदिवासी बेटी के सपनों की उडान
एंकर---गरियाबंद की एक होनहार गरीब आदिवासी परिवार की बेटी का सपना आखिरकार पुरा होने जा रहा है, दानदाताओं ने बेटी की दिलखोलकर मदद की, गरीब परिवार की इस बेटी का वकालत की पढाई करके गरीबों की आवाज बनने का पहला रास्ता साफ हो गया है।
Body:वीओ 1---ये है गरियाबंद जिले के छुरा विकासखंड के कोसमबुडा गॉव की भावना ध्रुव, पढाई में हमेशा अव्वल रहने वाली भावना बडी होकर जज बनना चाहती है, ताकि दबे कुचले और गरीब लोगो की आवाज बन सके, मगर उसके सपनो के पुरा होने में सबसे बडा रोडा था उसकी गरीबी, डेढ एकड जमीन के भरोसे पिता के लिए बेटी के इतने बडे सपने को पुरा करना आसान नही था, सरकार की प्रयास योजना का लाभ लिया तो बेटी की बिलासपुर में 12वीं तक की पढाई तो आसानी से पुरी हो गयी, मगर जब लॉ कॉलेज में एडमिशन की बारी आयी तो एक लाख अठयासी हजार फीस की रकम सुनकर पिता गुमान सिंह के हाथ गांव फुल गये, मगर उन्होंने हार नही मानी, कुछ दिन पहले वे बेटी को लेकर रायपुर प्रेस क्लब पहुंचे, प्रेसवार्ता के दौरान अपनी मजबूरी ब्यान की, किसी पत्रकार ने बैंक एकाउंट के साथ उनके इंटरव्यू को सोशल मीडिया पर डाल दिया और एक हफ्ते में ही देशभर के लोगो ने भावना की मदद के लिए अपने हाथ आगे बढाने शुरु कर दिये, भावना के खाते में अबतक सवा दो लाख रुपये जमा हो चुके है, उसी पैसे को निकालकर भावना ने रायपुर के हिदायतुल्ला नेशनल लॉ कालेज की फीस जमा करके एडमिशन ले लिया है।
बाइट 1----भावना ध्रुव............
वीओ 2---बात बेटी के सपनों को पुरा करने की थी तो पिता गुमान सिंह ने बिना देरी किये दानदाताओं से मदद की गुहार लगा दी, बात समाज की होनहार बेटी के सपनों की थी तो छत्तीसगढ सहित देशभर में फैले आदिवासी संगठनो ने मदद करना शुरु कर दिया, बात देश की बेटी के सपनों की थी तो जिसने भी सोशल मीडिया पर भावना की अपील को देखा या सुना हर उस इंसान ने मदद के लिए अपने हाथ आगे बढा दिये, समय पर बेटी को मदद मिलने से अब गुमान सिहं खुश है साथ ही समाज भी होनहार बेटी को मदद करके गर्व महसूस कर रहा है।
बाइट 2----गुमान सिंह, भावना के पिता.........
बाइट 3---कौशल सिंह ठाकुर, समाजिक पदाधिकारी..............
Conclusion:फाईनल वीओ----एडमिशन के बाद अब जल्द ही रायपुर की हिदायतुल्ला नेशनल लॉ युनिर्वसिर्टी मे भावना की पढाई शुरु हो जायेगी, हम भी कामना करते है कि जल्द ही भावना के सपने पुरे हो और वे एक अच्छी न्यायदात्री बनकर देश और दुनिया में अपने परिवार और समाज का नाम रोशन करें।
Last Updated : Jul 21, 2019, 11:57 PM IST
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