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गरियाबंद में 200 से अधिक पटवारियों की हड़ताल, दफ्तर में सुविधाएं बढ़ाने की मांग - patwari

9 सूत्रीय मांगों को लेकर 200 से अधिक पटवारी हड़ताल पर हैं. पटवारियों की मांग है कि दफ्तर में सुविधाएं बढाई जाए.

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हड़ताल पर पटवारी
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Published : Dec 15, 2020, 4:51 PM IST

Updated : Dec 16, 2020, 11:52 AM IST

गरियाबंद : 9 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के पटवारी हड़ताल पर चले गए हैं. जिलेभर में 200 से अधिक पटवारी हड़ताल पर हैं. जिससे किसानों को और जमीन खरीदारों को परेशानी हो रही है. पटवारियों का कहना है कि पुरानी कई मांगें हैं. जिसे कई वर्ष पहले शासन ने मान लिया था. उसे न तो पूरा किया गया है और न ही उस पर अमल किया गया है. पटवारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के दूसरे दिन ही हड़ताल खत्म करने संबंध में पत्र जारी किए गए. पटवारियों ने इस पत्र को जलाया और सरकार से मांगें पूरी करने की बात कही है.

गरियाबंद में 200 से अधिक पटवारियों की हड़ताल

पटवारियों का कहना है कि भुइंया सॉफ्टवेयर में कई बार बदलाव किए जाते हैं. उन्हें काम करने में तकलीफ हो रही है. पटवारियों का कहना है कि उनके पास न तो लैपटॉप है, न कंप्यूटर, न इंटरनेट न ही स्कैनर और न ही प्रिंटर की सुविधा है. फिर भी उन्हें नक्शा खसरा B1 देना होता है. इसकी व्यवस्था वे निजी तौर पर कर रहें हैं. जिसमें लगने वाला खर्च भी शासन वाहन नहीं कर रही है. ऐसे में उन पर आर्थिक भार पड़ रहा है.

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पटवारी हड़ताल पर

पढ़ें : कांकेर: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर राजस्व पटवारी संघ, सरकारी काम होंगे प्रभावित

जांच के बिना पटवारी पर FIR

पटवारियों ने बताया कि जमीन से जुड़े काम जब लोगों के मन मुताबिक नहीं होते तो किसी न किसी तरह के आरोप लगाकर पटवारियों को फंसाने का प्रयास किया जाता है. नियम यह भी बना था कि विभागीय जांच के बिना पटवारी पर FIR नहीं किया जा सकता है. पटवारियों ने वरिष्ठता के आधार पर 45 साल से अधिक उम्र वालों को राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नति करने की मांग की है. पटवारियों ने मुख्यालय में निवास की बाध्यता खत्म किए जाने की मांग की है. नक्सल, भत्ता, स्टेशनरी, खर्च वेतन विसंगति दूर किए जाने की मांग पटवारियों की तरफ से की गई है.

पटवारियों की बेमियादी हड़ताल

पटवारियों का कहना है कि यह हड़ताल का तीसरा चरण है. पहले दो चरण में वे शासन-प्रशासन तक अपनी मांग पहुंचा चुके हैं. अब अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो चुका है, यह तभी खत्म होगा जब उनकी मांगे मानी जाएगी.

गरियाबंद : 9 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के पटवारी हड़ताल पर चले गए हैं. जिलेभर में 200 से अधिक पटवारी हड़ताल पर हैं. जिससे किसानों को और जमीन खरीदारों को परेशानी हो रही है. पटवारियों का कहना है कि पुरानी कई मांगें हैं. जिसे कई वर्ष पहले शासन ने मान लिया था. उसे न तो पूरा किया गया है और न ही उस पर अमल किया गया है. पटवारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के दूसरे दिन ही हड़ताल खत्म करने संबंध में पत्र जारी किए गए. पटवारियों ने इस पत्र को जलाया और सरकार से मांगें पूरी करने की बात कही है.

गरियाबंद में 200 से अधिक पटवारियों की हड़ताल

पटवारियों का कहना है कि भुइंया सॉफ्टवेयर में कई बार बदलाव किए जाते हैं. उन्हें काम करने में तकलीफ हो रही है. पटवारियों का कहना है कि उनके पास न तो लैपटॉप है, न कंप्यूटर, न इंटरनेट न ही स्कैनर और न ही प्रिंटर की सुविधा है. फिर भी उन्हें नक्शा खसरा B1 देना होता है. इसकी व्यवस्था वे निजी तौर पर कर रहें हैं. जिसमें लगने वाला खर्च भी शासन वाहन नहीं कर रही है. ऐसे में उन पर आर्थिक भार पड़ रहा है.

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पटवारी हड़ताल पर

पढ़ें : कांकेर: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर राजस्व पटवारी संघ, सरकारी काम होंगे प्रभावित

जांच के बिना पटवारी पर FIR

पटवारियों ने बताया कि जमीन से जुड़े काम जब लोगों के मन मुताबिक नहीं होते तो किसी न किसी तरह के आरोप लगाकर पटवारियों को फंसाने का प्रयास किया जाता है. नियम यह भी बना था कि विभागीय जांच के बिना पटवारी पर FIR नहीं किया जा सकता है. पटवारियों ने वरिष्ठता के आधार पर 45 साल से अधिक उम्र वालों को राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नति करने की मांग की है. पटवारियों ने मुख्यालय में निवास की बाध्यता खत्म किए जाने की मांग की है. नक्सल, भत्ता, स्टेशनरी, खर्च वेतन विसंगति दूर किए जाने की मांग पटवारियों की तरफ से की गई है.

पटवारियों की बेमियादी हड़ताल

पटवारियों का कहना है कि यह हड़ताल का तीसरा चरण है. पहले दो चरण में वे शासन-प्रशासन तक अपनी मांग पहुंचा चुके हैं. अब अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो चुका है, यह तभी खत्म होगा जब उनकी मांगे मानी जाएगी.

Last Updated : Dec 16, 2020, 11:52 AM IST
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