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गरियाबंद: राज्यपाल के सामने भावुक हुआ युवक, परिवार के 17 लोगों की हो चुकी है मौत - डीकेएस अस्पताल

सुपेबेड़ा गांव पहुंची राज्यपाल के सामने एक युवक की आंखे नम हो गई. युवक ने राज्यपाल से गुजारिश करते हुए कहा कि वे आगे की पीढ़ी को इस बीमारी से बचा लें.

राज्यपाल के सामने भावुक हुआ युवक
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Published : Oct 23, 2019, 8:46 AM IST

Updated : Oct 23, 2019, 10:19 PM IST

गरियाबंद : सुपेबेड़ा पहुंची राज्यपाल के सामने त्रिलोचन सोनवानी नाम का युवक अपनी समस्या रखते हुए भावुक हो गया. युवक ने राज्यपाल को बताया कि उसके परिवार के 17 लोगों की मौत इस बीमारी से हो गई है. युवक ने राज्यपाल से गुजारिश की है कि वे आगे की पीढ़ी को इस बीमारी से बचा लें.

राज्यपाल के सामने भावुक हुआ युवक.

मंगलवार को सुपेबेड़ा पहुंची राज्यपाल अनुसूईया उईके से एक युवक ने अपनी समस्यायों का जिक्र नम आंखों से किया. त्रिलोचन सोनवानी ने बताया कि 'सुपेबेड़ा गांव अपनी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है और धीरे-धीरे काल के गाल में समा रहा है'.

राज्यपाल से गांव को है काफी उम्मीदें
युवक ने ETV भारत से चर्चा करते हुए कहा कि 'राज्यपाल से गांव को काफी उम्मीदें हैं, लेकिन इस मामले में पर्याप्त मदद नहीं मिली वह युवक अपनी गांव की समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश करेगा'.

डीकेएस की स्थिति ठीक नहीं
वहीं सोनवानी ने बताया कि 'कोई भी ग्रामीण अधिक खर्च होने की वजह से मेकाहारा जाकर इलाज नहीं कराता और डीकेएस की स्थिति भी ठीक नहीं है. वहीं ब्लड बैंक से खून लेने के लिए ग्रामीणों को 1 हजार 50 रुपए देना पड़ता हैं, जिस पर तत्काल स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी कि अब किसी को एक रुपए भी खर्च नहीं करना पड़ेगा. सब कुछ निशुल्क होगा'.

सरकारी खर्च पर हो इलाज
सोनवानी ने बताया कि 'उसे इस खर्च की जानकारी नहीं थी. स्वास्थ्य मंत्री ने उसे ही इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी थी और सारा इलाज सरकारी खर्च पर हो. इसके लिए गांव के मरीजों को रायपुर एम्स ले जाकर इलाज कराने को कहा था'.

गरियाबंद : सुपेबेड़ा पहुंची राज्यपाल के सामने त्रिलोचन सोनवानी नाम का युवक अपनी समस्या रखते हुए भावुक हो गया. युवक ने राज्यपाल को बताया कि उसके परिवार के 17 लोगों की मौत इस बीमारी से हो गई है. युवक ने राज्यपाल से गुजारिश की है कि वे आगे की पीढ़ी को इस बीमारी से बचा लें.

राज्यपाल के सामने भावुक हुआ युवक.

मंगलवार को सुपेबेड़ा पहुंची राज्यपाल अनुसूईया उईके से एक युवक ने अपनी समस्यायों का जिक्र नम आंखों से किया. त्रिलोचन सोनवानी ने बताया कि 'सुपेबेड़ा गांव अपनी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है और धीरे-धीरे काल के गाल में समा रहा है'.

राज्यपाल से गांव को है काफी उम्मीदें
युवक ने ETV भारत से चर्चा करते हुए कहा कि 'राज्यपाल से गांव को काफी उम्मीदें हैं, लेकिन इस मामले में पर्याप्त मदद नहीं मिली वह युवक अपनी गांव की समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश करेगा'.

डीकेएस की स्थिति ठीक नहीं
वहीं सोनवानी ने बताया कि 'कोई भी ग्रामीण अधिक खर्च होने की वजह से मेकाहारा जाकर इलाज नहीं कराता और डीकेएस की स्थिति भी ठीक नहीं है. वहीं ब्लड बैंक से खून लेने के लिए ग्रामीणों को 1 हजार 50 रुपए देना पड़ता हैं, जिस पर तत्काल स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी कि अब किसी को एक रुपए भी खर्च नहीं करना पड़ेगा. सब कुछ निशुल्क होगा'.

सरकारी खर्च पर हो इलाज
सोनवानी ने बताया कि 'उसे इस खर्च की जानकारी नहीं थी. स्वास्थ्य मंत्री ने उसे ही इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी थी और सारा इलाज सरकारी खर्च पर हो. इसके लिए गांव के मरीजों को रायपुर एम्स ले जाकर इलाज कराने को कहा था'.

Intro:गरियाबंद--- सुपेबेड़ा पहुंची राज्यपाल के समक्ष वहां की समस्याएं रखते हुए युवक त्रिलोचन सोनवानी बेहद भावुक हो गया उसने बताया कि उसके परिवार के 17 लोगों की मौत इस बीमारी से हो चुकी है उसकी पीढ़ी के लोग अर्थात भाई दोस्त कई इस बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं उसने गुजारिश की कि कम से कम आने वाली पीढ़ी अर्थात उनके बच्चों को इस बीमारी से किसी भी तरह बचा लिया जाए राज्यपाल उस समस्याएं बताते हुए युवक की आंखें भर आई उसने बताया कि किस तरह मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे यह गांव धीरे-धीरे काल के गाल में समा रहा है इन सबके बाद ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए उसने कहा कि राज्यपाल से गांव को काफी उम्मीदें हैं लेकिन अगर इस पर भी पर्याप्त मदद नहीं मिली तो अंततः वह युवक अपने गांव की समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने की कोशिश करेगा


Body:उस युवक ने बताया कि मेकाहारा में कई किस्म की समस्याएं अधिक खर्च आने के चलते कोई मेकाहारा जाकर इलाज कराना नहीं चाहता डी केस की स्थिति भी ठीक नहीं है ब्लड बैंक से खून के लिए ₹1050 देने पड़ते हैं जिस पर तत्काल स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि अब किसी को ₹1 भी खर्च नहीं करने पड़ेंगे सब कुछ निशुल्क होगा मुझे इस खर्च की भी जानकारी नहीं थी स्वास्थ्य मंत्री ने त्रिलोचन सोनवानी को ही इस कार्य की जिम्मेदारी दी की सारा इलाज सरकारी खर्च पर हो इसके लिए गांव के मरीजों को रायपुर एम्स ले जाकर इलाज


Conclusion:
Last Updated : Oct 23, 2019, 10:19 PM IST
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