गरियाबंद: धान खरीदी की स्थितियां को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने इसका जायजा लिया. खरीदी केंद्रों में किसान धान तौलवातें नजर आए. बाकी कर्मचारी भी अपने काम को समेटते नजर आए. इस दौरान जहां किसानों से चर्चा हुई. वे 2500 समर्थन मूल्य को लेकर सरकार से संतुष्ट नजर आए. 15 दिन धान खरीदी और चलने की जरूरत बताते नजर आए.
पढ़ें: छत्तीसगढ़ में लगी देश की पहली ELCA मशीन, लेजर से भाप बनकर उड़ेगा हार्ट ब्लॉकेज
खरीदी प्रभारी से चर्चा
इसके अलावा धान खरीदी केंद्र के प्रभारी ने जानकारी दी. कहा कि धान बेचने के लिए 80 किसानों ने पंजीयन कराया था. धान बेचने पहुंचे नहीं हैं. गरियाबंद धान खरीदी केंद्र में कुल 1013 किसानों ने पंजीयन कराया था. 922 किसान ही धान बेचने पहुंचे. बाकी किसानों ने धान क्यों नहीं धान बेचा इसका पता अब तक नहीं चला है.
हमालों से चर्चा
धान खरीदी इस प्लास्टिक की बोरियों में की गई है. धान खरीदी को लेकर काफी परेशान नजर आए. किसानों का कहना है कि यह बोरियां उन्हें उठाने में काफी तकलीफ हो रही है. बोरी स्लिप हो रही है. गाड़ी में भर्ती और पीठ में लाते समय काफी परेशानी हो रही है. धान का स्टेक अचानक फिसल कर गिर जाता है. व्यवस्थित करने में ऊर्जा और समय दोनों व्यर्थ होता है.