गरियाबंद: राजिम में 4 साल पहले लक्ष्मण झूला बनाने की घोषणा हुई थी, जो अब तक पूरी नहीं हो पाई है. इसका काम कछुए की चाल से चल रहा है. लोगों को लगता है कि सरकार बदलते ही काम और धीमा हो गया है. इस पुल से बरसात के दिनों में तीन नदियों के बीच संगम स्थल पर मौजूद कुलेश्वर मंदिर तक पहुंचने की सुविधा मिलनी थी.
पिछली सरकार के मंत्री द्वारा इस पुल के निर्माण की घोषणा होने पर लोग इसे लेकर काफी उत्साहित थे, लेकिन सरकार बदल गई पर घोषणा अब तक पूरी नहीं हो पाई है. लोगों के आस्था और रोमांच का प्रतीक बन चुका लक्ष्मण झूला अधूरे निर्माण के बावजूद चर्चा में बना हुआ है क्योंकि लोगों को लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि काम पूरा हो और श्रेय पिछली सरकार को चला जाए. इस खातिर काम की धीमी गति पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
फरवरी तक पूरा होना था काम
करोड़ों रुपए की लागत से शुरू हुए लक्ष्मण झूले का काम वैसे तो इस साल फरवरी तक पूरा हो जाना था, लेकिन निर्माण की धीमी गति को देखकर लग रहा की अगले 1 साल में भी ये तैयार नहीं हो सकेगा. राजिम के लोगों का कहना है कि लक्ष्मण झूला पिछले सरकार की एक अच्छी पहल थी. आस्था के साथ-साथ लोग इसे एडवेंचर के रूप में भी देख रहे थे. अभी बरसात के दिनों में उफनती नदी के कारण संगम के बीच में मौजूद कुलेश्वर मंदिर के दर्शन लिए श्रद्धालु नहीं पहुंच पाते थे.