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आस्था और रोमांच का प्रतीक लक्ष्मण झूला है अधूरा, मायूस हैं लोग

इस पुल से बरसात के दिनों में तीन नदियों के बीच संगम स्थल पर मौजूद कुलेश्वर मंदिर तक पहुंचने की सुविधा मिलनी थी.

लक्ष्मण झूला
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Published : Jun 21, 2019, 2:35 PM IST

Updated : Jun 21, 2019, 3:25 PM IST

गरियाबंद: राजिम में 4 साल पहले लक्ष्मण झूला बनाने की घोषणा हुई थी, जो अब तक पूरी नहीं हो पाई है. इसका काम कछुए की चाल से चल रहा है. लोगों को लगता है कि सरकार बदलते ही काम और धीमा हो गया है. इस पुल से बरसात के दिनों में तीन नदियों के बीच संगम स्थल पर मौजूद कुलेश्वर मंदिर तक पहुंचने की सुविधा मिलनी थी.

न्यूज स्टोरी.

पिछली सरकार के मंत्री द्वारा इस पुल के निर्माण की घोषणा होने पर लोग इसे लेकर काफी उत्साहित थे, लेकिन सरकार बदल गई पर घोषणा अब तक पूरी नहीं हो पाई है. लोगों के आस्था और रोमांच का प्रतीक बन चुका लक्ष्मण झूला अधूरे निर्माण के बावजूद चर्चा में बना हुआ है क्योंकि लोगों को लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि काम पूरा हो और श्रेय पिछली सरकार को चला जाए. इस खातिर काम की धीमी गति पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

फरवरी तक पूरा होना था काम

करोड़ों रुपए की लागत से शुरू हुए लक्ष्मण झूले का काम वैसे तो इस साल फरवरी तक पूरा हो जाना था, लेकिन निर्माण की धीमी गति को देखकर लग रहा की अगले 1 साल में भी ये तैयार नहीं हो सकेगा. राजिम के लोगों का कहना है कि लक्ष्मण झूला पिछले सरकार की एक अच्छी पहल थी. आस्था के साथ-साथ लोग इसे एडवेंचर के रूप में भी देख रहे थे. अभी बरसात के दिनों में उफनती नदी के कारण संगम के बीच में मौजूद कुलेश्वर मंदिर के दर्शन लिए श्रद्धालु नहीं पहुंच पाते थे.

गरियाबंद: राजिम में 4 साल पहले लक्ष्मण झूला बनाने की घोषणा हुई थी, जो अब तक पूरी नहीं हो पाई है. इसका काम कछुए की चाल से चल रहा है. लोगों को लगता है कि सरकार बदलते ही काम और धीमा हो गया है. इस पुल से बरसात के दिनों में तीन नदियों के बीच संगम स्थल पर मौजूद कुलेश्वर मंदिर तक पहुंचने की सुविधा मिलनी थी.

न्यूज स्टोरी.

पिछली सरकार के मंत्री द्वारा इस पुल के निर्माण की घोषणा होने पर लोग इसे लेकर काफी उत्साहित थे, लेकिन सरकार बदल गई पर घोषणा अब तक पूरी नहीं हो पाई है. लोगों के आस्था और रोमांच का प्रतीक बन चुका लक्ष्मण झूला अधूरे निर्माण के बावजूद चर्चा में बना हुआ है क्योंकि लोगों को लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि काम पूरा हो और श्रेय पिछली सरकार को चला जाए. इस खातिर काम की धीमी गति पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

फरवरी तक पूरा होना था काम

करोड़ों रुपए की लागत से शुरू हुए लक्ष्मण झूले का काम वैसे तो इस साल फरवरी तक पूरा हो जाना था, लेकिन निर्माण की धीमी गति को देखकर लग रहा की अगले 1 साल में भी ये तैयार नहीं हो सकेगा. राजिम के लोगों का कहना है कि लक्ष्मण झूला पिछले सरकार की एक अच्छी पहल थी. आस्था के साथ-साथ लोग इसे एडवेंचर के रूप में भी देख रहे थे. अभी बरसात के दिनों में उफनती नदी के कारण संगम के बीच में मौजूद कुलेश्वर मंदिर के दर्शन लिए श्रद्धालु नहीं पहुंच पाते थे.

Intro:आस्था और रोमांच का प्रतीक लक्ष्मण झूला अधूरा

चार माह पहले खत्म हो चुकी है निर्माण की अवधि

कछुआ गति से चल रहे निर्माण पर लोगों ने उठाए सवाल

चर्चा है कि पिछली सरकार को ना जाए श्रेय है इसलिए वर्तमान सरकार नहीं दे रहे ध्यान

त्रिवेणी संगम पर स्थित कुलेश्वर मंदिर बरसात में पहुंचने बनाया जा रहा लक्ष्मण झूला


स्लग---लक्ष्मण झुला अधूरा


एंकर--गरियाबंद जिले के राजिम में 4 साल पहले हुई लक्ष्मण झूला बनाने की घोषणा अब तक पूरी नहीं हो पाई है इसका काम कछुआ गति से चल रहा है लोगों को लगता है कि सरकार बदलते ही काम और धीमा हो गया है हम आपको बता दें कि इससे बरसात में तीन नदियों के बीच संगम स्थल पर स्थित कुलेश्वर मंदिर तक पहुंचने कि सुविधा मिलनी थी पिछली सरकार के मंत्री द्वारा घोषणा होने पर लोग इसे लेकर काफी उत्साहित थे मगर सरकार बदल गई पर घोषणा अब तक पूरी नहीं हो पाई है लोगों के आस्था और रोमांच का प्रतीक बन चुका लक्ष्मण झूला अधूरे निर्माण के बावजूद चर्चा में इसलिए बना हुआ है क्योंकि लोगों को लगता है कि यह सरकार ऐसा नहीं चाहती कि काम पूरा हो और श्रेय पिछली सरकार को जाए इसीलिए इस काम की धीमी गति पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है


Body:वीओ--
गरियाबंद के राजिम त्रिवेणी संगम पर लक्ष्मण झुले का लुफ्त उठाने के लिए फिलहाल लोगों को लंबा इंतजार करना पडेगा, झुले का काम अभी पुरा नही हुआ है और सालभर से ज्यादा का वक्त लग सकता है, 3 साल पहले करोडों रुपये की लागत से शुरु हुए लक्ष्मण झुले का काम वैसे तो इस साल के फरवरी तक पुरा हो जाना था मगर निर्माण की धीमी गति के कारण काम पुरा नही हो पाया,

बाइट 1---सुरेश पटेल, स्थानीय.........

वीओ---राजिम के लोगों का कहना है कि लक्ष्मण झूला पिछले सरकार की एक अच्छी पहल थी आस्था के साथ साथ लोग इसे एडवेंचर के रूप में भी देख रहे थे कि बारिश के मौसम में जब काफी बाढ़ रेहता है तब बाढ़ के पानी के ऊपर बेहद करीब से गुजरने का मौका इस से मिलना था साथ ही कुलेश्वर मंदिर के दर्शन जो अब तक बरसात में नहीं हो पाते थे वह भी संभव हो पाएगा यहां के लोग कहते हैं कि कुछ समय पहले तक यह राजिम के लोगों का सपना था मगर वह सपना कई साल बाद भी पूरा नहीं हो पाए

बाइट-- शेखर टिकरिया राजीम निवासी


वीओ-- राजिम के लोगों में यह भी सोच और चर्चा है कि लक्ष्मण झूला पूर्व सरकार की घोषणा होने के चलते वर्तमान सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है वह यह नहीं चाहते कि काम पूरा हो और श्रेय पूर्व की सरकार को मिले यही कारण है कि बेहद धीमे चलते काम के बावजूद किसी पर कोई कढ़ाई नहीं हो रही है समय खत्म हो चुका है मगर निर्माण आधा भी नहीं हुआ है ऐसे में दो-तीन साल और इंतजार करना पड़ सकता है

बाइट--- तुकाराम कंसारी स्थानीय निवासी


वीओ---झुले का काम देख रहे अधिकारियों के सुस्त रैवये का फायदा ठेकेदार बखुबी उठा रहा है, काम में लगे मजदूरों की माने तो झुले का काम देख रहे एक एसडीओ और 6 सबइंजीनियर कब और जाते है ये उनको मालूम नही है

Conclusion:फाइनल वीओ--- जो भी हो मगर निर्माण खत्म होने का समय 4 माह पहले ही चुका है और अब तक निर्माण आधा ही हो पाया है इससे यह स्पष्ट है कि लोगों का सपना साकार होने में अभी लंबा वक्त लगना बाकी हैं
Last Updated : Jun 21, 2019, 3:25 PM IST
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