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गरियाबंद : फर्जी दस्तावेजों से पाई थी नौकरी, अब तक नहीं हटाए गए 129 शिक्षाकर्मी

BJYM के कार्यकर्ताओं ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षाकर्मियों को हटाने की मांग की है.

129 शिक्षाकर्मियों को हटाने की मांग
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Published : Sep 2, 2019, 11:50 AM IST

Updated : Sep 2, 2019, 12:28 PM IST

गरियाबंद : भारतीय जनता युवा मोर्चा ने रैली निकालकर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षाकर्मियों को हटाने की मांग की है. BJYM के कार्यकर्ताओं का कहना है कि, 'जब जांच में 129 शिक्षाकर्मी दोषी पाए गए हैं तो उन्हें हटाया क्यों नहीं जा रहा है'.

129 शिक्षाकर्मियों को हटाने की मांग

दरअसल, फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर 13 साल से नौकरी करने की शिकायत मिलने के बाद इन शिक्षाकर्मियों के खिलाफ जांच की गई थी. दो महीने पहले जिला पंचायत सीईओ ने अपनी जांच में दोषी पाए जाने पर 129 शिक्षाकर्मियों को हटाने के लिए जनपद पंचायत मैनपुर को निर्देश भी जारी किए थे.

पढ़ें : छत्तीसगढ़ में छाए रहेंगे बादल, इन इलाकों में है बारिश की संभावना

जनपद पंचायत से निर्देश मिलने के बाद मैनपुर जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में जनपद सदस्यों ने फर्जी शिक्षाकर्मियों को मानवीय संवेदना के आधार पर नहीं हटाने का प्रस्ताव पास कर दिया, जिसके बाद से इन्हें अब तक नहीं हटाया गया है.

बता दें कि गरियाबंद जिले में 2 साल पहले 2009 की नियुक्तियों के 103 शिक्षाकर्मियों को एक झटके में आदेश देकर बर्खास्त कर दिया गया था.

गरियाबंद : भारतीय जनता युवा मोर्चा ने रैली निकालकर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षाकर्मियों को हटाने की मांग की है. BJYM के कार्यकर्ताओं का कहना है कि, 'जब जांच में 129 शिक्षाकर्मी दोषी पाए गए हैं तो उन्हें हटाया क्यों नहीं जा रहा है'.

129 शिक्षाकर्मियों को हटाने की मांग

दरअसल, फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर 13 साल से नौकरी करने की शिकायत मिलने के बाद इन शिक्षाकर्मियों के खिलाफ जांच की गई थी. दो महीने पहले जिला पंचायत सीईओ ने अपनी जांच में दोषी पाए जाने पर 129 शिक्षाकर्मियों को हटाने के लिए जनपद पंचायत मैनपुर को निर्देश भी जारी किए थे.

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जनपद पंचायत से निर्देश मिलने के बाद मैनपुर जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में जनपद सदस्यों ने फर्जी शिक्षाकर्मियों को मानवीय संवेदना के आधार पर नहीं हटाने का प्रस्ताव पास कर दिया, जिसके बाद से इन्हें अब तक नहीं हटाया गया है.

बता दें कि गरियाबंद जिले में 2 साल पहले 2009 की नियुक्तियों के 103 शिक्षाकर्मियों को एक झटके में आदेश देकर बर्खास्त कर दिया गया था.

Intro:स्लग---फर्जी शिक्षाकर्मी मामला बना पहेली

एंकर---गरियाबंद में फर्जी शिक्षाकर्मियों का मामला एक पहली बनकर रह गया है, इन फर्जी शिक्षाकर्मियों को हटाने के लिए जब जनप्रतिनिधि विरोध करते है तो अधिकारी उन्हे बचा लेते है और जब अधिकारी हटाने का प्रस्ताव पास करते है तो जनप्रतिनिधि उनके लिए ढाल बन जाते है, Body:यहीं कारण कि फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी करने का खुलासा होने के लंबे समय बाद भी इन शिक्षाकर्मियों पर आजतक कोई कार्यवाही नही हो पायी और ये शिक्षाकर्मी फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी पाकर आज 13 साल से नौकरी कर रहे है, दो महीने पहले जिला पंचायत सीईओ ने अपनी जॉच के बाद 129 शिक्षाकर्मियों को हटाने के लिए जनपद पंचायत मैनपुर को निर्देश जारी किया था, मैनपुर जनपद पंचायत ने अपनी सामान्य सभा की बैठक में जनपद सदस्यों ने फर्जी शिक्षक कर्मियों को मानवीय संवेदना के आधार पर नही हटाने का प्रस्ताव पास करते हुए ना जाने क्यों अभयदान दे दिया है, इस तरह का ये खेल पिछले 13 साल से चल रहा है, अब शुक्रवार को एक बार फिर भाजपा युवा मोर्चा ने रैली निकालकर मैनपुर जनपद सीईओ को ज्ञापन सौंपकर इन्हे हटाने की मांग की है।

Conclusion:
इन सबके बीच बड़ा सवाल यह की जब फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे ली गई नियुक्तियों के पुख्ता प्रमाण प्रशासन को मिल ही गए हैं तब भी क्यों इन पर कार्यवाही करने में प्रशासन के हाथ-पांव फूल रहे हैं यह सवाल और गंभीर इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि गरियाबंद जिले में है 2 साल पहले मैनपुर जनपद द्वारा ही ठीक ऐसे ही की गई 2009 की नियुक्तियों के 103 शिक्षाकर्मियों को एक झटके में आदेश देकर बर्खास्त कर दिया गया था फिर इस बार कार्यवाही में देर क्यों


बाइट 1----रुपेश साहू, अध्यक्ष, मैनपुर भाजपा युवा मोर्चा......
Last Updated : Sep 2, 2019, 12:28 PM IST
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