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वो महिला जिसने राजीव गांधी और सोनिया को खिलाए थे कंदमूल, उसे सब गए 'भूल' - congress

बल्दी बाई ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी को साल 1985 में कंदमूल खिलाए थे. आज वो खुद बांस की टोकरियां बनाकर चार नातियों के साथ दो वक्त की रोटी जुटाने की जंग करती रहती हैं.

बल्दी बाई
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Published : May 27, 2019, 3:47 PM IST

Updated : May 27, 2019, 5:12 PM IST

गरियाबंद: बल्दी बाई, ये उन यादों की गवाह हैं, जो सबके नसीब में नहीं होती हैं. प्रधानमंत्री को अपने घर में बिठाकर अपने हाथ से खिलाने का मौका कम ही लोगों को मिलता है, जो इन्हें भी मिला था.

बल्दी बाई ने राजीव गांधी और सोनिया को खिलाए थे कंदमूल

पोस्टर लेडी बनी बल्दी बाई

बल्दी बाई ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी को साल 1985 में कंदमूल खिलाए थे. उसके बाद तो ये पोस्टर लेडी बन गईं लेकिन अफसोस तमाम सरकारों और खुद कांग्रेस नेताओं ने सिर्फ इन्हें ऐसे ही रखा. दुर्भाग्य ये है कि बल्दी बाई के पति और बेटे ने गरीबी की वजह से दम तोड़ चुके हैं और खुद वे बांस की टोकरियां बनाकर चार नातियों के साथ दो वक्त की रोटी जुटाने की जंग करती रहती हैं.

सिर पर पक्की छत नहीं

गरियाबंद जिले कुल्हाड़ीघाट में रहने वाली बल्दी बाई उम्र के आखिरी पड़ाव पर हैं, लेकिन आज तक उन्हें अपने सिर पर पक्की छत तक नसीब नहीं हो पाई है. मीडिया में आज भी बल्दीबाई की तस्वीरें गरियाबंद के बड़े नेताओं के मुकाबले कहीं ज्यादा नजर आती हैं. लेकिन बदनसीबी देखिए सरकार की तमाम योजनाओं के बाद भी उन्हें कोई लाभ नहीं पाया है.

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने कुल्हाडीघाट को गोद लिया था

ऐसा नहीं है कि नेताओं को इस बात की जानकारी नहीं है. सबको खबर है. अपने दौरे के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने कुल्हाड़ीघाट को गोद लिया था. उसके बाद से कांग्रेस के कई दिग्गज नेता समय-समय पर यहां पहुंचते रहे. सभी ने बल्दीबाई के साथ फोटो खिंचवाई और हर संभव मदद का आश्वासन देकर चलते बने. कांग्रेस के स्थानीय नेता भी बल्दी बाई की उपेक्षा होने की बात स्वीकार कर रहे हैं.

हमारे यहां शायद सियासत का रिवाज यही है कि वंचितों को गले लगाकर हम सहानुभूति तो पा लेते हैं, लेकिन अफसोस जिन्हें गले लगाते हैं उनके हिस्से चर्चे के अलावा कुछ नहीं आता. बल्दी बाई कांग्रेस शासनकाल की इंदिरा आवास योजना हो या फिर भाजपा शासनकाल की पीएम आवास योजना हो, दोनों ही योजनाओं की पात्रता रखने के बाद भी बल्दीबाई को अब तक पक्का मकान नसीब नहीं. हाल ये है कि 4 पोतों के साथ बल्दी बाई दो जून की रोटी के लिए मशक्कत कर रही हैं.

गरियाबंद: बल्दी बाई, ये उन यादों की गवाह हैं, जो सबके नसीब में नहीं होती हैं. प्रधानमंत्री को अपने घर में बिठाकर अपने हाथ से खिलाने का मौका कम ही लोगों को मिलता है, जो इन्हें भी मिला था.

बल्दी बाई ने राजीव गांधी और सोनिया को खिलाए थे कंदमूल

पोस्टर लेडी बनी बल्दी बाई

बल्दी बाई ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी को साल 1985 में कंदमूल खिलाए थे. उसके बाद तो ये पोस्टर लेडी बन गईं लेकिन अफसोस तमाम सरकारों और खुद कांग्रेस नेताओं ने सिर्फ इन्हें ऐसे ही रखा. दुर्भाग्य ये है कि बल्दी बाई के पति और बेटे ने गरीबी की वजह से दम तोड़ चुके हैं और खुद वे बांस की टोकरियां बनाकर चार नातियों के साथ दो वक्त की रोटी जुटाने की जंग करती रहती हैं.

सिर पर पक्की छत नहीं

गरियाबंद जिले कुल्हाड़ीघाट में रहने वाली बल्दी बाई उम्र के आखिरी पड़ाव पर हैं, लेकिन आज तक उन्हें अपने सिर पर पक्की छत तक नसीब नहीं हो पाई है. मीडिया में आज भी बल्दीबाई की तस्वीरें गरियाबंद के बड़े नेताओं के मुकाबले कहीं ज्यादा नजर आती हैं. लेकिन बदनसीबी देखिए सरकार की तमाम योजनाओं के बाद भी उन्हें कोई लाभ नहीं पाया है.

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने कुल्हाडीघाट को गोद लिया था

ऐसा नहीं है कि नेताओं को इस बात की जानकारी नहीं है. सबको खबर है. अपने दौरे के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने कुल्हाड़ीघाट को गोद लिया था. उसके बाद से कांग्रेस के कई दिग्गज नेता समय-समय पर यहां पहुंचते रहे. सभी ने बल्दीबाई के साथ फोटो खिंचवाई और हर संभव मदद का आश्वासन देकर चलते बने. कांग्रेस के स्थानीय नेता भी बल्दी बाई की उपेक्षा होने की बात स्वीकार कर रहे हैं.

हमारे यहां शायद सियासत का रिवाज यही है कि वंचितों को गले लगाकर हम सहानुभूति तो पा लेते हैं, लेकिन अफसोस जिन्हें गले लगाते हैं उनके हिस्से चर्चे के अलावा कुछ नहीं आता. बल्दी बाई कांग्रेस शासनकाल की इंदिरा आवास योजना हो या फिर भाजपा शासनकाल की पीएम आवास योजना हो, दोनों ही योजनाओं की पात्रता रखने के बाद भी बल्दीबाई को अब तक पक्का मकान नसीब नहीं. हाल ये है कि 4 पोतों के साथ बल्दी बाई दो जून की रोटी के लिए मशक्कत कर रही हैं.

Intro:स्लग---कब होगा सपना पूरा

एंकर---प्रधानमंत्री को अपने घर में बिठाकर अपने हाथों से भोजन कराना कोई मामूली बात नही है, शायद देश के गिने गुने लोगो को ही ये शौभग्य प्राप्त हुआ हैं, उऩमें से भी सामान्य परिवारों की गिनती तो नही के बराबर है, मगर गरियाबंद जिले की बल्दी बाई को ये मौका मिलने के बाद भी उसके जीवन में कोई परिवर्तन नही आय़ा, जीवन के अंतिम पडाव पर पहुंच चुकी बल्दी बाई को एक पक्की छत तक नसीब नही हो पायी।
Body:वीओ 1----तस्वीरों में नजर आ रही ये गरियाबंद जिले के कुल्हाडीघाट की बल्दी बाई हैं, ये वही बल्दी बाई हैं जो 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गॉधी और उनकी पत्नि सोनिया गांधी को अपने घर में बिठाकर अपने हाथों से कंदमूल खिलाने के बाद पोस्टर लेडी बनी गयी थी, मीडिया में आज भी बल्दी बाई की तस्वीरें गरियाबंद के बडे नेताओं के मुकाबले कहीं ज्यादा नजर आती है, मगर ये बल्दी बाई का दुर्भाग्य है कि सरकार की तमाम योजनाओं के बाद भी आज तक उसे पक्का घर नसीब नही हो पाया, जिंदगी के अंतिम पडाव पर बैठी बल्दी बाई आज भी पक्के की घर की आश लगाये बैठी है और लकडी की टोकरी बनाकर अपना गुजर बसर करने पर मजबूर है।
बाइट 1---बल्दी बाई, पीडिता............
वीओ 2-----ऐसा नही है कि नेताओं को इस बात की जानकारी ना हो, अपने दौरे के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गॉधी ने कुल्हाडीघाट को गौद लिया था, उसके बाद से कांग्रेस के कई दिग्गज नेता समय समय पर यहॉ पहुंचते रहे, सभी ने बल्दी बाई के साथ फोटो खिंचवाई और हर संभव मदद का आश्वासन देकर चलते बने, कांग्रेस के स्थानीय नेता भी बल्दी बाई की उपेक्षा होने की बात स्वीकार कर रहे है।
बाइट 2---संजय नेताम, कांग्रेस नेता..........
फाईनल वीओ----ऐसा नही कि बल्दी बाई किसी रहीस खानदान से है, या फिर उसके परिवार में कमाई को कोई बडा जरिया है, बल्कि बल्दी बाई एक गरीब आदिवासी परिवार से ताल्लूक रखती है, वह आज भी टुटे फुटे कच्चे घर में रहती है, पति और इकलौता बेटा गरीबी में दम तोड चुके है, फिलहाल वह अपने चार नातियों के साथ मजदूरी करके अपना गुजर बसर कर रही है, कांग्रेस शासनकाल की इंदिरा आवास योजना हो या फिर भाजपा शासनकाल की पीएम आवास योजना हो, दोनों ही योजनाओं की पात्रता रखने के बाद भी बल्दी बाई को अब तक पक्का मकान नही मिलना समझ से परे है।Conclusion:null
Last Updated : May 27, 2019, 5:12 PM IST
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