दुर्ग: जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की ओर से दुर्ग जिले में लगभग 22 हजार शिशुवती महिलाओं को जैविक अनाज बांटा जाएगा. इन महिलाओं को 2 साल तक यह सुविधा प्रदान किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. छत्तीसगढ़ शासन के सुपोषण अभियान में अपनी भागीदारी दर्ज कराते हुए बैंक के संचालक मंडल ने यह निर्णय लिया है.
योजना की शुरुआत बैंक की 108वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में मानस भवन परिसर में 25 अक्टूबर को होगी. छत्तीसगढ़ शासन की ओर से शुरू मुख्यमंत्री सुपोषण योजना में भागीदारी दर्ज करते हुए बैंक के संचालक मंडल ने यह निर्णय लिया है.
जानिए क्या है यह योजना
- इस योजना में दुर्ग, बेमेतरा और बालोद जिलों के सभी 12 विकास खंड़ों की लगभग 22 हजार शिशुवती महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा.
- महिलाओं को प्रतिमाह ढाई किलो चावल, ढाई किलो गेंहू और आधा किलो चना प्रदान किया जाएगा.
- हितग्राही महिला को दो माह का एक साथ जैविक आनाज उपलब्ध कराया जाएगा.
- इसके लिए प्रतिमाह 550 क्विंटल जैविक अनाज की आवश्यकता होगी. इसके लिए तीनो जिले के किसानों से कोटेशन आंमत्रित किए गए हैं.
- इस योजना से महिलाओं को पोष्टिक आहार मिलने के साथ ही क्षेत्र में जैविक अनाज की खेती करने वालें किसानों को बाजार उपलब्ध होगा, जिससे किसान जैविक खेती करने के प्रति प्रोत्साहित होंगे.
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यह प्रदेश की पहली योजना है, जिसमें शिशुवती महिला को दो वर्ष तक जैविक अनाज उपलब्ध कराया जाएगा. वर्तमान में सरकार की ओर से गर्भवती महिला को 6 माह तक पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाता है. यह संस्था गर्भवती महिला के साथ नव प्रसतिओं को भी पोष्टिक जैविक अनाज 12 माह तक उपलब्ध कराएगी. इस योजना पर संभावित खर्च 70 लाख रु. से 1 करोड़ तक होगा.