दुर्ग/भिलाई: यातायात पुलिस की ओर से हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता था, लेकिन इस साल सड़क सुरक्षा माह का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान हर दिन सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं. एसपी प्रशांत ठाकुर ने एक महीने तक चलने वाले इस अभियान का शुभारंभ किया. उन्होंने अंजोर रथ को दिखाई हरी झंडी दिखाई. इसके साथ यह भी प्रयास किया जाएगा की आम नागरिकों की इस कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित कराई जाए. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अंजोर रथ और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को यातायात के प्रति जागरूक किया जाएगा.
दुर्ग यातायात पुलिस की ओर से पांच अंजोर रथ तैयार किए गए हैं, जो शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी जाएगा. इसके माध्यम से लोगों को यातायात के नियमों की जानकारी देंगे. एसपी प्रशांत ठाकुर ने इस रथ को हरी झंडी दिखाई. इसके अलावा चौक-चौराहों पर स्कूली बच्चों, एनसीसी, एनएसएस और विभिन्न सामाजिक संगठन नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करेंगे.
पढ़ें-रायपुर: आज से राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह की शुरुआत
नुक्कड़ नाटक के जरिेए दिया संदेश
इस अवसर पर इप्टा (Indian People's Theatre Association) ने नुक्कड़ नाटक की शानदार प्रस्तुति दी. नाटक के माध्यम से बताया गया कि शराब पीकर गाड़ी चलाना, बिना हेलमेट बाइक चलाना और बिना सीट बैल्ट के फोर व्हीलर चलाना जीवन के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है. इससे न केवल खुद को नुकसान पहुंचता है, बल्कि परिवार को भी कष्ट झेलना पड़ता है.
प्रदर्शनी के माध्यम से यातायात के लिए किया जागरूक
दुर्ग में यूं तो लगातार 4 साल से सड़क दुर्घटना के मामले में कमी आई है, लेकिन दुर्ग पुलिस कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती. सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत ट्रैफिक कंट्रोल रूम में एक की प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें दुर्घटना के कारण और उससे बचाव के लिए यातायात नियम कितना जरूरी है, प्रदर्शित किया गया है.
पढ़ें-जीवन के 6 गुरुओं ने बनाया इंटरनेशनल रंगोली आर्टिस्ट: प्रमोद साहू
खुद करें नियमों का पालन
दुर्ग एसपी प्रशांत ठाकुर ने बताया कि यातायात पुलिस की ओर से हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह या सड़क सुरक्षा माह का आयोजन किया जाता है, ताकि लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जा सके. इस बार चित्रकला, नुक्कड़ नाटक और विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाएगा. वे आगे कहते हैं कि यदि खुद से लोग नियमों का पालन करेंगे तो इस तरह के आयोजन की जरूरत नहीं पड़ेगी.