दुर्ग: कोरोना महामारी से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन चल रहा है. इससे ट्रांसपोर्ट की सेवाएं बंद कर दी गई है. ऐसी हालत में मजदूरों के काम भी बंद हो गए हैं. उनके पास अपने घर पलायन करने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है. बेबस मजदूर हजारों किलोमीटर का पैदल सफर करने के लिए मजबूर हो गए हैं. इन मुश्किल हालातों में दुर्ग जिला युवा कांग्रेस के महासचिव मो. नज़रुल इस्लाम ने मिसाल पेश की है. उन्होंने 17 मजदूरों को मोतिहारी, पूर्व चंपारण (बिहार) के लिए बस से रवाना किया. कुछ दिनों पहले भी मो. नजरुल इस्लाम ने 15 मजदूरों को उत्तरप्रदेश रवाना किया था.
बिहार के पूर्वी चंपारण से आए 17 मजदूर काम करने भिलाई-3 आए हुए थे. लॉकडाउन के बाद उनका ठेकेदार काम छोड़कर चला गया. इसके बाद मजदूरों के खाने के लाले पड़ गए थे. जानकारी मिलने के बाद नजरुल इस्लाम की उन्हें 40 दिनों से राशन दे रहे थे. मजदूर ने जब घर जाने की गुहार लगाई तो नजरुल ने दुर्ग कलेक्टर से उन्हें वापस भेजने की परमिशन मांगी. इसके बाद बस बुक कराकर उन्हें भिलाई-3 से बिहार भेजा गया.
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इसके साथ ही सभी मजदूरों को रास्ते के लिए पुड़ी-सब्जी, बिस्किट, चनामुर्रा, पानी, मास्क, सैनिटाइजर के साथ रास्ते में जरूरत पड़ने वाले सारी सामग्री के साथ झंडा दिखाकर बस को रवाना किया गया. वहीं नजरुल की इस पहल से मजदूर काफी खुश हैं. मजदूरों की विदाई के वक्त रवि भोई, पारखदास, गिरीश, श्रीकांत वर्मा, रौशन निर्मलकर, मो. इसरार, सेवादल दुर्ग जिला युवाअध्यक्ष संदीप साहू उपस्थित थे.