दुर्ग: दुर्ग के रहने वाले राजेश कुमार तिवारी ने सुपेला थाने में शिकायत दर्ज कराई कि "अभिषेक मित्तल और राहुल कपूर नाम के दो व्यक्तियों ने केएफसी की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर ठगी की है. दोनों ने आवेदन करने के लिए वेबसाइट और ईमेल दिया. फिर अलग अलग मोबाइल नंबरों से बातचीत कर उन्हें विश्वास में लिया. बातचीत में केएफसी की फ्रेंचाइजी दिलाने का झांसा देकर केनरा बैंक के एक अकाउंट में दो बार में कुल 93,0500 रूपये जमा भी करवाए. उसके बाद आरोपियों ने फ्रेंचाइजी नहीं दी.
फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर ठगी: जब पीड़ित को केएफसी की फ्रेंचाइजी नहीं मिली, तब उसे महसूस हुआ कि उसके साथ ठगी हो गई है. राजेश तिवारी ने तत्काल सुपेला थाना में शिकायत दर्ज कराई. अपराध दर्ज होने के बाद दुर्ग पुलिस ने स्पेशल टीम का गठन किया. जिन नंबरों से फोन आया था, उन नंबरों की पतासाजी की गई. साथ ही जो वेबसाइट दी गई थी, उस वेबसाइट की जांच कर सारी डिटेल निकाली गई.
पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट की ली मदद: पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट की मदद ली. तब जाकर पता लगा कि एक ऐसा ग्रुप है, जो लोगों को ठगी का शिकार बना रहा है. केएफसी के अलावा गो डैडी, KIA, पतंजलि, हल्दीराम जैसे कई फ्लैगशिप कंपनियों की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर यह गिरोह ठगी कर रहा था. अब तक 250 से ज्यादा कंपनियों का एक वेब पेज भी बनाया जा चुका है, जिसके जरिए करोड़ों रुपये की ठगी की गई. इन लोगों से 16 विभिन्न कंपनियों के कीपैड एवं एंड्राइड मोबाइल फोन, एक टैबलेट, एक लैपटॉप, 3 एटीएम कार्ड समेत कई अन्य चीजें बरामद की गई है. साथ ही वेबसाइट के एडमिन पेज के एड्रेस भी मिले हैं. आरोपियों के पस से 4 लाख 68 हजार 150 रूपये नगद जब्त किए गए हैं.
जांंच में बिहार कनेक्शन का हुआ खुलासा: इस पूरे मामले में पुलिस अब खोजबीन कर रही है. मोबाइल नंबर और अन्य तकनीकी सहायता की मदद से जब पुलिस ने पतासाजी की, तो उन्हें बिहार के नवादा की जानकारी मिली. बिहार के नवादा में रहने वाले रामप्रवेश और सूरज प्रसाद पिछले कई सालों से इसी तरह से ठगी कर रहे थे.
नवादा से दोनों आरोपी गिरफ्तार: दुर्ग पुलिस की टीम बिहार के नवादा पहुंची और उन्होंने जानकारी जुटाई, तो पता चला कि आरोपी अपने गांव से बाहर बहुत कम आते थे. घटना में इस्तेमाल मोबाइल नंबर को गांव में ही छोड़कर घर के बाहर रहते थे. पुलिस ने सब्जी वाला, फेरी वाला, चाय दुकान वाला बन कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पतासाजी की. जिसके बाद अलग अलग स्थानों पर प्लानिंग के तहत उनके ठिकानों पर दबिश दी गई. पुलिस ने मौके से दोनों आरोपी पिता पुत्र को गिरफ्तार किया है.
देश भर में 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी: दबिश में पूछताछ करने पर आरोपी ने पहले तो पुलिस को मना किया. गुमराह करने की कोशिश की. लेकिन जब कड़ाई के साथ पूछताछ की गई, तो आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. शुरुआती पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि "उन्होंने अब तक 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है." आरोपियों ने अब तक इंडियन ऑयल, जॉकी, कार फाइनेंस, विवो मोबाइल, मैकडोनाल्ड, हल्दीराम, केएफसी, पतंजलि, चाय सुट्टा बार, अपोलो टायर, जैसे कई नामी गिरामी कंपनियों के हुबहू मिलते जुलते नाम के साथ इनकी एक वेबसाइट भी बना रखी थी. जिसके आधार पर लोगों को फंसाते थे और ठगी की वारदात को अंजाम देते थे.
कई कंपनियों के डोमेन भी खरीदे: आरोपियों ने कई कंपनियों के डोमेन भी खरीद रखे थे. जब कोई शख्स इस वेबसाइट को क्लिक करता था तो वहां फ्रेंचाइजी के लिए जानकारी मौजूद रहती थी. इसी वेबसाइट पर फ्रेंचाइजी के लिए कॉन्टैक्ट का ऑप्शन था. यहां पर लोगों को इन दोनों का मोबाइल नंबर और फोन नंबर मिलता था. जैसे ही कोई शख्स इनसे संपर्क करता था. वह इनके जाल में फंसता चला जाता था. इस तरह उससे ठगी हो जाती थी.
17 राज्यों की पुलिस से संपर्क करने की कवायद: फिलहाल पुलिस ने इनके खिलाफ दर्ज अपराधों की संख्या को देखते हुए अन्य राज्यों से भी संपर्क किया है. जिन जिन राज्यों में उन्होंने धोखाधड़ी की है, उसका खुलासा भी पुलिस जांच के बाद करेगी. अब देश भर के 17 राज्यों की पुलिस से संपर्क कर इनके खिलाफ और भी मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे.