दुर्ग: कोरोनो की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है. अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी से लगातार हो रही मौतों के आंकड़ों ने शासन-प्रशासन को भी सक्ते में डाल दिया था. शायद यही वजह है कि DMF शासी परिषद की मंगलवार को हुई बैठक में तमाम सदस्यों ने कोरोना संक्रमण से निपटने और भविष्य में तीसरी वेव की आशंका को देखते हुए DMF के संसाधन का उपयोग करने पर जोर दिया. सदस्यों ने कहा कि तीसरे वेव की आशंका को देखते हुए यह बहुत जरूरी है कि इससे निपटने के लिए पर्याप्त व्यवस्था रखें और कोरोना संक्रमण से रोकथाम के लिए DMF के माध्यम से पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई जाए.
3 करोड़ रुपये कोरोना के लिए सुरक्षित
बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. उन्होंने कहा कि सदस्यों का जिस तरह का मत है और निर्णय है उससे कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आधी राशि अर्थात लगभग 3 करोड़ इस मद में व्यय के लिए सुरक्षित रखे जाएं. शेष 3 करोड़ 38 लाख रुपए से माननीय सदस्यों के प्रस्तावों पर विचार के बात निर्णय लेकर इस पर काम शुरू किया जाएगा. बैठक में गृह एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि डीएमएफ के माध्यम से पहले भी स्वास्थ्य ढाँचे में खर्च किये गए हैं. इनका उपयोगी नतीजा आया है. अभी भी कोरोना संक्रमण को रोकने की दिशा में यह राशि काफी काम आएगी. शेष राशि में जो अत्यंत आवश्यक प्रकृति के कार्य हैं उन्हें स्वीकृत कर शुरू कराया जाए.
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प्रभारी मंत्री ने जिला प्रशासन की तारीफ की
बैठक में संबोधन में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर प्रशासन ने अच्छा काम किया है. तेजी से निर्णय लेते हुए और अधोसंरचना पर काम करते हुए कोरोना संक्रमण की रोकथाम की दिशा में प्रभावी कार्रवाई हुई. आगे भी तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हमें अपने संसाधनों को लगातार अपडेट करना होगा. इसके लिए DMF के माध्यम से पूरी मदद देनी होगी. PHE मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने कहा कि विधायक निधि और डीएमएफ के बेहतर उपयोग से पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण से लड़ने का ढांचा मजबूत हुआ है. हम लोगों ने लगातार इस दिशा में कार्य किया है और आगे भी अग्रिम तैयारी हमारे लिए काफी उपयोगी होगी.
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भिलाई विधायक देवेंद्र ने टाउनशिप में पेयजल का उठाया मुद्दा
बैठक में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने टाउनशिप में पेयजल का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि उनके और जिला प्रशासन द्वारा बार-बार शिकायत के बाद भी भिलाई टाउनशिप की पेयजल व्यवस्था में BSP प्रबंधन ने कोई सुधार नहीं किया. कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि BSP प्रबंधन को बताया गया है कि फिल्टर प्लांट की टेक्नोलॉजी बदलें और तात्कालिक रूप से ऐसे उपाय करें जिनसे अपेक्षित नतीजे सामने आये. प्रशासन ने पेयजल का दोबारा टेस्ट कराया है. पहले से गुणवत्ता में सुधार दिख रहा है. अभी वे गंगरेल से पानी मंगा रहे हैं. इसका असर तीन दिनों में दिख सकता है. BSP प्रबंधन को नागरिकों को बिना देर किए शतप्रतिशत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए हैं. प्रभारी मंत्री ने पर्यावरण मंडल के अधिकारियों को भी मौके पर भेजकर रिपोर्ट लेने के निर्देश दिए.
DMF से अब तक 133 करोड़ के कार्य प्रस्तावित
कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने शासी परिषद की बैठक में DMF मद से अब तक किये गये कार्यों की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब तक 133 करोड़ रुपये के काम प्रस्तावित हो चुके हैं. जिनमें से अधिकांश पर काम पूरा हो चुका है. 3475 स्वीकृत कार्यों में 352 काम प्रगति पर हैं. मंगलवार को हुई बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष शालिनी यादव, नगर निगम आयुक्त दुर्ग ऋतुराज रघुवंशी, जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक, नगर निगम रिसाली कमिश्नर प्रकाश सर्वे और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.