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दुर्ग: डॉक्टर और इन्श्योरेंस कंपनी पर कार्रवाई, मरीज की मौत मामले में 7 लाख से ज्यादा का हर्जाना

दुर्ग उपभोक्ता आयोग ने 2015 में मरीज की मौत के मामले में अपोलो बीएसआर के डायरेक्टर डॉ दिलीप रत्नानी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर करीब 8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा.

consumer-commission-fined Director of Apollo BSR Dr Dilip Ratnani and Insurance Company in durg
डॉक्टर और इन्श्योरेंस कंपनी पर कार्रवाई
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Published : Nov 27, 2020, 4:37 PM IST

दुर्ग: जिला उपभोक्ता फोरम ने अपोलो बीएसआर के डायरेक्टर डॉ दिलीप रत्नानी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर 7 लाख 73 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. उपभोक्ता फोरम ने अपोलो BSR और इंश्योरेंस कंपनी पर मरीज के इलाज में लापरवाही के कारण मरीज की मौत मामले में जुर्माना लगाया है.

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अपोलो बीएसआर के डायरेक्टर डॉ दिलीप रत्नानी पर कार्रवाई

खेराज मल पंजवानी को 21 अगस्त 2015 को सीने में दर्द होने पर भिलाई के सुपेला स्थित बीएम शाह हॉस्पिटल में चेकअप के लिए भर्ती कराया गया था. जहां से इलाज के लिए मरीज को भिलाई के जुनवानी स्थित अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. जहां डॉक्टर दिलीप रत्नानी ने मरीज का इलाज किया. शुरू में मरीज को नॉर्मल बताया गया, लेकिन आईसीयू में रखा गया. साथ ही ऑपरेशन के लिए टालते हुए 3 दिन बिता दिया गया.24 अगस्त 2015 को डॉ दिलीप रत्नानी ने आउट ऑफ स्टेशन जाने की बात कह कर मरीज को नारायणा हॉस्पिटल रायपुर के डॉ चंदेल के पास रेफर करने का दबाव परिजनों पर बनाया, लेकिन परिजनों ने आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए रायपुर में इलाज न करवा पाने की बात कही.

पढ़ें:दुर्ग: जिला उपभोक्ता फोरम ने दो बिल्डरों पर लगाया हर्जाना, ऐसा है मामला

अपोलो बीएसआर और इंश्योरेंस कंपनी पर हर्जाना

इसके बाद 27 अगस्त 2015 को अचानक मरीज को सीरियस बताया गया. डॉ दिलीप रत्नानी ने तत्काल 50 हजार रुपये जमा करने की पेशकश की. साथ ही परिजनों को कंप्यूटर में दिखाया कि, जो भी ब्लॉकेज हैं, उसे क्लियर कर ऑपरेशन कर दिया गया है. हैरत की बात है कि शाम को हॉस्पिटल की नर्स ने परिजनों को बताया कि मरीज की मौत हो गई है. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठना लाजमी है. परिजनों ने मामले की शिकायत उपभोक्ता फोरम से की, जिसके बाद जिला उपभोक्ता आयोग ने अपोलो बीएसआर और इंश्योरेंस कंपनी पर हर्जाना लगाया है.

पढ़ें: दुर्ग: उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी पर लगाया 18 लाख रुपये का जुर्माना

डॉक्टर्स की लालच ने मरीज की ली जान

जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने हॉस्पिटल की लापरवाही पर कार्रवाई की है. जिला उपभोक्ता आयोग ने बताया कि अस्पताल में कोई कार्डियक सर्जन उपलब्ध नहीं था, बावजूद इसके मरीज का अस्पताल में इलाज किया गया. राज पंजवानी अपने पिता के अच्छे इलाज के लिए हैदराबाद ले जाना चाह रहा था, लेकिन डॉक्टर्स की लालच ने मरीज के परिजनों को कोई राय नहीं दिया.

पढ़ें:दुर्ग: जिला उपभोक्ता फोरम ने दो बिल्डरों पर लगाया हर्जाना, ऐसा है मामला

जिला उपभोक्ता फोरम ने अपराधियों पर लगाया जुर्माना

जिला उपभोक्ता फोरम ने अपोलो बीएसआर के डायरेक्टर डॉ दिलीप रत्नानी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर 7 लाख 73 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. फोरम ने यह आदेश भी दिया कि 7 लाख 73 हजार रुपये का 15 फरवरी 2016 से 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा. साथ ही वाद व्यय के रूप में पृथक से 1000 रुपये देना होगा.

दुर्ग: जिला उपभोक्ता फोरम ने अपोलो बीएसआर के डायरेक्टर डॉ दिलीप रत्नानी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर 7 लाख 73 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. उपभोक्ता फोरम ने अपोलो BSR और इंश्योरेंस कंपनी पर मरीज के इलाज में लापरवाही के कारण मरीज की मौत मामले में जुर्माना लगाया है.

consumer-commission-fined Director of Apollo BSR Dr Dilip Ratnani and Insurance Company in durg
अपोलो बीएसआर के डायरेक्टर डॉ दिलीप रत्नानी पर कार्रवाई

खेराज मल पंजवानी को 21 अगस्त 2015 को सीने में दर्द होने पर भिलाई के सुपेला स्थित बीएम शाह हॉस्पिटल में चेकअप के लिए भर्ती कराया गया था. जहां से इलाज के लिए मरीज को भिलाई के जुनवानी स्थित अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. जहां डॉक्टर दिलीप रत्नानी ने मरीज का इलाज किया. शुरू में मरीज को नॉर्मल बताया गया, लेकिन आईसीयू में रखा गया. साथ ही ऑपरेशन के लिए टालते हुए 3 दिन बिता दिया गया.24 अगस्त 2015 को डॉ दिलीप रत्नानी ने आउट ऑफ स्टेशन जाने की बात कह कर मरीज को नारायणा हॉस्पिटल रायपुर के डॉ चंदेल के पास रेफर करने का दबाव परिजनों पर बनाया, लेकिन परिजनों ने आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए रायपुर में इलाज न करवा पाने की बात कही.

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अपोलो बीएसआर और इंश्योरेंस कंपनी पर हर्जाना

इसके बाद 27 अगस्त 2015 को अचानक मरीज को सीरियस बताया गया. डॉ दिलीप रत्नानी ने तत्काल 50 हजार रुपये जमा करने की पेशकश की. साथ ही परिजनों को कंप्यूटर में दिखाया कि, जो भी ब्लॉकेज हैं, उसे क्लियर कर ऑपरेशन कर दिया गया है. हैरत की बात है कि शाम को हॉस्पिटल की नर्स ने परिजनों को बताया कि मरीज की मौत हो गई है. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठना लाजमी है. परिजनों ने मामले की शिकायत उपभोक्ता फोरम से की, जिसके बाद जिला उपभोक्ता आयोग ने अपोलो बीएसआर और इंश्योरेंस कंपनी पर हर्जाना लगाया है.

पढ़ें: दुर्ग: उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी पर लगाया 18 लाख रुपये का जुर्माना

डॉक्टर्स की लालच ने मरीज की ली जान

जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने हॉस्पिटल की लापरवाही पर कार्रवाई की है. जिला उपभोक्ता आयोग ने बताया कि अस्पताल में कोई कार्डियक सर्जन उपलब्ध नहीं था, बावजूद इसके मरीज का अस्पताल में इलाज किया गया. राज पंजवानी अपने पिता के अच्छे इलाज के लिए हैदराबाद ले जाना चाह रहा था, लेकिन डॉक्टर्स की लालच ने मरीज के परिजनों को कोई राय नहीं दिया.

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जिला उपभोक्ता फोरम ने अपराधियों पर लगाया जुर्माना

जिला उपभोक्ता फोरम ने अपोलो बीएसआर के डायरेक्टर डॉ दिलीप रत्नानी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर 7 लाख 73 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. फोरम ने यह आदेश भी दिया कि 7 लाख 73 हजार रुपये का 15 फरवरी 2016 से 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा. साथ ही वाद व्यय के रूप में पृथक से 1000 रुपये देना होगा.

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