दुर्ग : शहर में 20 लाख रुपये में मकान का सौदा करने के बाद महज 50 हजार रुपये देकर मकान हड़पने का मामला समाने आया है.
मामले में की गई शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी एसटीएफ के जवान और उसकी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है.
20 लाख रुपए में हुआ था सौदा
बता दें कि आरोपी जवान वर्तमान में नारायणपुर में पदस्थ है. मामला दुर्ग शहर के नयापारा का है. प्रार्थी दशरथ साहू ने अपने जीवन भर की कमाई से बनाए मकान का सौदा बघेरा में मौजूद एसटीएफ मुख्यलय में पदस्थ जवान गोवर्धन मीणा और उसकी पत्नी भूरादेवी मीणा से किया था. नयापारा में 600 वर्गफुट जमीन पर बने दो मंजिला मकान का सौदा 20 लाख रुपये में किया था.
मीणा दंपति पर धमकाने का आरोप
मकान का सौदा पक्का करते हुए मीणा दंपत्ति की ओर से पीड़ित दशरथ को 50 हजार रु. बतौर एडवांस दिया गया और बाकी की रकम LIC के जरिए फायनेंस कराकर देने का वादा किया गया. इस दौरान एग्रीमेंट की रकम प्रार्थी से ही अपने खाता में जमा कराकर वापस लौटाई और सौदे के अनुसार पूरा भुगतान होने का हवाला देकर आरोपी दंपत्ति की ओर से उसे धमकाया जाने लगा.
जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
मामले की शिकायत पुलिस से की गई, जिसकी जांच के दौरान मीणा दंपत्ति की ओर से फर्जीवाड़ा किए जाने का खुलासा हुआ. जिसके बाद सिटी कोतवाली पुलिस ने गोवर्धन मीणा और उसकी पत्नी भूरा बाई मीणा के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है.
ऐसे लिया मकान का कब्जा
आरोपी जवान गोवर्धन वर्तमान में नारायपुर एसटीएफ में पदस्थ है. मीणा दंपत्ति ने LIC से फायनेंस में समय लगने का हवाला देकर 6 नवंबर 2017 को मकान की रजिस्ट्री अपने नाम से करवा ली. इस दौरान तीन लाख रु. नगद दिए जाने के करार पर हस्ताक्षर करवा लिए गए थे और बाकि रकम बाद में अदा करने का आश्वासन दिया. साथ ही बकाया राशि को 17 लाख रु. LIC से फायनेंस होते ही भुगतान करने का भरोसा दिलाया गया. मीणा दंपत्ति के झांसे में आकर गोवर्धन से मकान की रजिस्ट्री कराते हुए मीणा दंपति को मकान का कब्जा सौंप दिया.
ऐसे दिया फर्जीवाड़े को अंजाम
इसके बाद मीना दंपत्ति ने कहा कि उनके खाते में बकाया रकम दशरथ साहू को जमा करनी होगी, जिसे वापस ट्रांसफर कर इस लेनदेन को दिखाया जाएगा. दशरथ साहू इस पर भी मीणा दंपत्ति के झांसे में आ गए और खुद अपने परिजनों के खाते के जरिए रकम को मीना दंपत्ति के खाते में जमा करा दिया गया. इस रकम को मीना दंपति ने उनके खाता में वापस जमा भी करवाया. जिसके बाद 5 नवंबर 2018 को 20 लाख रुपये का लेनदेन पूरा हो जाने संबंधी दस्तावेज न्यायालय में तैयार करवा लिए.
पुलिस ने शुरू की जांच
इस दौरान LIC फाइनेंस से रकम मिलने की प्रक्रिया का हवाला दिया गया. लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी जब बकाया रकम नहीं मिली, जिस तो दशरथ साहू की ओर से मीना दंपत्ति पर दबाव बनाया गया. जिसके बाद उन्होंने सौदे के अनुसार पूरा भुगतान हो जाने का हवाला देते हुए बकाया रकम देने से इंकार कर दिया. फिलहाल आरोपी एसटीएफ में आरक्षक पद पर है और वर्तमान में नारायणपुर में पदस्थ है पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.