भिलाई : ऐसा कहा जाता है कि बच्चों को यदि किसी चीज को समझाना हो तो उसके लिए प्रैक्टिकल करवाना सबसे आसान और अच्छा तरीका है. छत्तीसगढ़ में Swami Atmanand English Medium School यही तरीका अपना रहा है. प्रदेश के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में एस्ट्रोनॉमी लैब की परिकल्पना इसी वजह से की गई थी कि बच्चों को कम उम्र में ही खगोलीय ज्ञान से रूबरू कराया जाए. बच्चों को अक्सर astronomical science में दिलचस्पी लेते देखा गया है. इसी कड़ी में भिलाई सेक्टर 6 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में एस्ट्रोनॉमी लैब की शुरुआत की गई. Astronomy Lab opened in Swami Atmanand School
कैसा बनाया गया है लैब : लैब को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बच्चे इसके अंदर आते ही चीजों को रूचि लेकर देखते समझते हैं. यह लैब खगोलीय पिंडों के बारे में जानने के लिए छात्रों और अभिभावकों दोनों के लिए समान रूप से जिज्ञासा का एक विषय है. इस लैब का उद्घाटन महापौर नीरज पाल (Mayor neeraj pal) और नगर निगम आयुक्त रोहित व्यास ने किया है.
जिले का पहला एस्ट्रोनॉमी लैब : भिलाई के Swami Atmanand English Medium School का ये एस्ट्रोनॉमी लैब जिले का पहला और प्रदेश का तीसरा लैब है. इस लैब में अंतरिक्ष मॉडल, टेलीस्कोप, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के कामकाजी मॉडल हैं. कई प्रकार के टेलीस्कोप, खगोल विज्ञान के प्रतीक चित्र और स्टार चार्ट शामिल हैं. इन चीजों के माध्यम से बच्चे आसानी से खगोलीय विज्ञान से जुड़ी चीजों के बारे में समझ पाएंगे. बच्चों का मानसिक विकास भी तेजी से होगा.
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बच्चों को पढ़ाई में मिलेगी मदद : Swami Atmanand School of Bhilai के एस्ट्रोनॉमी लैब उद्घाटन पर महापौर नीरज पाल ने कहा कि '' जिले में ये पहली प्रयोगशाला है. विज्ञान के बच्चों को काफी हद तक लाभ मिलेगा. अंतरिक्ष से जुड़ी हुई बहुत सारी चीजें अनसुलझी पहेली की तरह है. उसे जानने का बच्चों में उत्साह रहता है. किताबों में डिटेल में जानकारी नहीं मिलती. इस लैब के खुलने से बच्चों को काफी फायदा होगा.'' वहीं जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि '' जिले के हर स्कूल में ऐसा एक लैब होना चाहिए ताकि बच्चों की जिज्ञासा शांत हो सके और विज्ञान के प्रति रुचि बढ़े.''