दुर्ग: कुपोषण से पीड़ित एक साल की नन्ही अनन्या को नई जिंदगी मिली है. मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत अनन्या ने महज चार महीने के भीतर कुपोषण को हराकर खुद को तंदुरुस्त साबित की है. योजना के तहत नियमित देखरेख के बाद अनन्या ने महज चार महीने में कुपोषण को मात देते हुए सेहतमंद जिंदगी जी रही है.
दुर्ग जिले की रहने वाली नन्ही अनन्या जन्म के समय से ही काफी कमजोर थी. जन्म के समय उसका वजन महज 1 किलो 600 किलोग्राम था. इसकी सूचना मिलने के बाद आंगनबाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ता अनिता साहू ने अनन्या के परिजनों से मुलाकात कर बच्ची की सेहत की जानकारी ली और बाल विकास योजना के तहत अनन्या का पंजीयन करा उसका इलाज शुरू कराया.
अनन्या को मिली मदद
11 माह की अनन्या जिसका वजन लगभग 1 किलो 600ग्राम, उसे अभियान के तहत चिन्हांकित कर शिविर ले जाया गया. शिविर में डॉक्टर ने अनन्या की स्वास्थ्य जांच कर उसे पोषण पुर्नवास केन्द्र में रखने की सलाह दी. साथ ही उसे मल्टीविटामिन, आयरन-कैल्शियम सिरप और दूसरी जरुरी दवाइयां दी गई.
सेहत में हुआ सुधार
15 दिनों तक पोषण पुर्नवास केन्द्र में रहने के बाद अनन्या के स्वास्थ्य में सुधार हुआ. इसके बाद अनन्या को आंगनबाड़ी केन्द्र में नियमित रूप से पोषण आहार के रूप में प्रोटीनयुक्त चिक्की, मौसमी फल, दलिया, अंडा, राजगीर का लड्डू, अंकुरित अनाज आदि दिया जाने लगा. साथ ही घर में भी प्रोटीनयुक्त पौष्टिक आहार देने की सलाह दी गई. इसके बाद अनन्या की सेहत में सुधार होने लगा.
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जीती कुपोषण की जंग
फरवरी के पहले हफ्ते में जब अनन्या का वजन किया गया तो अनन्या का वजन 7 किलो 900 ग्राम पाया गया और अब उसे सामान्य की श्रेणी में रखा गया है. अनन्या में कुपोषण के कारण होने वाली परेशानियां दूर हो गई है.