दुर्ग : छत्तीसगढ़ में 75 सीटों का दावा करने वाली कांग्रेस की विधानसभा चुनाव 2023 में करारी हार हुई है.इस हार के बाद अब कई तरह के दावे किए जा रहे हैं.उनमें से एक है कि कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराने में बड़ी भूमिका अदा की है.इन दावों को बल इसलिए भी मिलता है क्योंकि समय-समय पर कांग्रेस से नाराज पार्टी के नेताओं का दर्द सामने आते रहता है.ऐसा ही दर्द दुर्ग शहर विधानसभा के एक कांग्रेस कार्यकर्ता का भी था.जिन्होंने अरुण वोरा के हारने की कामना की थी.इसके लिए जनाब ने अपनी चोटी दांव पर लगाई थी.
अरुण वोरा को हराने में किसका हाथ ? दुर्ग शहर विधानसभा सीट पर आठवीं बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे अरुण वोरा को करारी हार का सामना करना पड़ा. अरुण वोरा को बीजेपी के गजेंद्र यादव ने लगभग 50 हजार वोटों से हराया. वहीं अब धीरे-धीरे हार के कारण भी सामने आ रहे हैं. देश के कद्दावर नेता मोतीलाल वोरा के सुपुत्र अरुण वोरा को हराने का काम कांग्रेसियों ने ही किया. यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता कह रहे हैं.
कांग्रेस नेता को चुभी अरुण वोरा की बात : कांग्रेस के दिग्गज नेता मदन जैन पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के सबसे करीबी माने जाते थे. लेकिन इस चुनाव में मदन जैन ने अरुण वोरा पर कई आरोप लगाए. कांग्रेस पार्टी के प्रति अपने जीवन के 52 साल समर्पित करने वाले मदन जैन का कहना है कि विधायक ने उन्हें कांग्रेसी नहीं होने की बात कही. इस बात से नाराज मदन जैन ने कसम खाई कि विधानसभा चुनाव में अरुण वोरा की हार निश्चित है.उनके हारने के बाद वे अपनी चोटी कटाएंगे. आखिरकार मदन जैन की बात सही निकली अरुण वोरा चुनाव हार गए, जिसके बाद मदन जैन ने अपनी चोटी कटवाई.