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दुर्ग में 28 दिनों तक कोरोना से लड़ी जूली, आखिरकार जीतकर लौटी घर

दुर्ग में 21 वर्षीय युवती ने 28 दिनों में कोरोना से जंग जीत लिया. युवती को गंभीर अवस्था में हॉस्पीटल में एडमिट किया गया था. जिसके बाद डॉक्टरों की मेहनत और युवती और उसके परिजनों के हौसले से अब वो पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट आई है.

21 year old juli
21 वर्षीय युवती जूली
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Published : May 16, 2021, 8:39 AM IST

Updated : May 16, 2021, 9:40 AM IST

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना की दूसरी लहर युवाओं को भी बुरी तरह से प्रभावित कर रही है. बड़ी संख्या में युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं और गंभीर संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. इन सबके बीच राहत की बात यह है कि समय से इलाज मिल जाने पर युवाओं का रिकवरी रेट भी हाई है. ऐसा ही कुछ दुर्ग की रहने वाली 21 साल की जूली के साथ भी हुआ. जूली कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमित हो गई थी. जिसके बाद उसे चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल लाया गया. जहां उसका ऑक्सीजन लेवल 70 था. अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सें ने दिन रात जूली के उपचार में लगे रहे. 28 दिनों के बाद उसे स्वस्थ करके डिस्चार्ज किया गया. जूली का ऑक्सीजन लेवल 95 पहुंच गया है.

गंभीर हालत में हुई थी एडमिट

कोविड केयर हॉस्पिटल के मेडिकल ऑफिसर डॉ अनिल शुक्ला ने बताया कि जूली को जब अस्पलात लाया गया था, तब उसकी हालत काफी नाजुक थी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी. वो लगातार 28 दिनों तक कोरोना से लड़ी और कोरोना के खिलाफ जंग जीत गई. उन्होंने कहा जूली के इलाज के लिए डॉक्टरों ने जरूरी मेडिसिन प्लान किए. उसी हिसाब से उसे खुराक दी गई. जिससे उसे धीरे-धीरे राहत मिली. अब जूली पूरी तरह से संक्रमण से बाहर और स्वस्थ है. डॉक्तर उन्हें पोस्ट कोविड-19 एक्सरसाइज के बारे में भी बता रहे हैं.

उम्मीद से बेहतर हुआ उपचार

जूली के पिता ने बताया कि जूली 28 दिनों तक अस्पताल में रही. इस दौरान काफी चिंता रहती थी, लेकिन हमने उम्मीद कभी नहीं छोड़ी. जिससे उसे अच्छा इलाज मिला, साथ ही डॉक्टरों और स्टाफ का भी पूरा सहयोग मिला. उन्होंने बताया डॉक्टर दो से तीन बार राउंड लगाते हैं, मरीज के पैरामीटर पर पूरी तरह से नजर रखते हैं. यहां अस्पताल प्रबंधन बहुत अच्छा है. अस्पताल में खाने-पीने की व्यवस्था भी बहुत अच्छी है. जूली जब डिस्चार्ज होकर घर लौटी तो हमारे घर फिर खुशियां लौट आई हैं. जूली के पिता ने डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया.

दुर्ग में विशेष छूट के साथ 31 मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन

25 बेड का आईसीयू शुरू

चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल में 25 बेड का आईसीयू भी शुरू हो गया है. यहां सभी बेड में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है. यहां चौबीसों घंटे आईसीयू केयर स्टाफ विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ उपलब्ध हैं. पहले बेहद क्रिटिकल मरीजों को शंकराचार्य हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया जाता था. जिसके बाद अब यहीं मरीजों का इलाज हो सकेगा. संक्रमण की स्थिति को देखते हुए हॉस्पिटल में तेजी से ऑक्सीजन बेड और अतिरिक्त हॉस्पिटल मैनेजमेंट स्टाफ का इंतजाम किया गया है. इससे मरीजों की रिकवरी काफी तेज हुई है. बहुत से गंभीर मरीज बेहतर हालात में ठीक होकर घर लौट रहे हैं.

दुर्ग में कोरोना संबंधित आंकड़े

दुर्ग में अब कोरोना की रफ्तार थमती नजर आ रही है. जिले में शनिवार को 3,674 लोगों का सैंपल लिया गया. इसमें 288 संक्रमित मिले हैं, जबकि 6 लोगों की मौत कोरोना से उपचार के दौरान हुई है. अच्छी बात यह है कि अप्रैल की तुलना में काफी कम संक्रमित मिल रहे हैं. इसके साथ ही रिकवरी रेट भी बेहतर हो रहा है.

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना की दूसरी लहर युवाओं को भी बुरी तरह से प्रभावित कर रही है. बड़ी संख्या में युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं और गंभीर संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. इन सबके बीच राहत की बात यह है कि समय से इलाज मिल जाने पर युवाओं का रिकवरी रेट भी हाई है. ऐसा ही कुछ दुर्ग की रहने वाली 21 साल की जूली के साथ भी हुआ. जूली कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमित हो गई थी. जिसके बाद उसे चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल लाया गया. जहां उसका ऑक्सीजन लेवल 70 था. अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सें ने दिन रात जूली के उपचार में लगे रहे. 28 दिनों के बाद उसे स्वस्थ करके डिस्चार्ज किया गया. जूली का ऑक्सीजन लेवल 95 पहुंच गया है.

गंभीर हालत में हुई थी एडमिट

कोविड केयर हॉस्पिटल के मेडिकल ऑफिसर डॉ अनिल शुक्ला ने बताया कि जूली को जब अस्पलात लाया गया था, तब उसकी हालत काफी नाजुक थी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी. वो लगातार 28 दिनों तक कोरोना से लड़ी और कोरोना के खिलाफ जंग जीत गई. उन्होंने कहा जूली के इलाज के लिए डॉक्टरों ने जरूरी मेडिसिन प्लान किए. उसी हिसाब से उसे खुराक दी गई. जिससे उसे धीरे-धीरे राहत मिली. अब जूली पूरी तरह से संक्रमण से बाहर और स्वस्थ है. डॉक्तर उन्हें पोस्ट कोविड-19 एक्सरसाइज के बारे में भी बता रहे हैं.

उम्मीद से बेहतर हुआ उपचार

जूली के पिता ने बताया कि जूली 28 दिनों तक अस्पताल में रही. इस दौरान काफी चिंता रहती थी, लेकिन हमने उम्मीद कभी नहीं छोड़ी. जिससे उसे अच्छा इलाज मिला, साथ ही डॉक्टरों और स्टाफ का भी पूरा सहयोग मिला. उन्होंने बताया डॉक्टर दो से तीन बार राउंड लगाते हैं, मरीज के पैरामीटर पर पूरी तरह से नजर रखते हैं. यहां अस्पताल प्रबंधन बहुत अच्छा है. अस्पताल में खाने-पीने की व्यवस्था भी बहुत अच्छी है. जूली जब डिस्चार्ज होकर घर लौटी तो हमारे घर फिर खुशियां लौट आई हैं. जूली के पिता ने डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया.

दुर्ग में विशेष छूट के साथ 31 मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन

25 बेड का आईसीयू शुरू

चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल में 25 बेड का आईसीयू भी शुरू हो गया है. यहां सभी बेड में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है. यहां चौबीसों घंटे आईसीयू केयर स्टाफ विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ उपलब्ध हैं. पहले बेहद क्रिटिकल मरीजों को शंकराचार्य हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया जाता था. जिसके बाद अब यहीं मरीजों का इलाज हो सकेगा. संक्रमण की स्थिति को देखते हुए हॉस्पिटल में तेजी से ऑक्सीजन बेड और अतिरिक्त हॉस्पिटल मैनेजमेंट स्टाफ का इंतजाम किया गया है. इससे मरीजों की रिकवरी काफी तेज हुई है. बहुत से गंभीर मरीज बेहतर हालात में ठीक होकर घर लौट रहे हैं.

दुर्ग में कोरोना संबंधित आंकड़े

दुर्ग में अब कोरोना की रफ्तार थमती नजर आ रही है. जिले में शनिवार को 3,674 लोगों का सैंपल लिया गया. इसमें 288 संक्रमित मिले हैं, जबकि 6 लोगों की मौत कोरोना से उपचार के दौरान हुई है. अच्छी बात यह है कि अप्रैल की तुलना में काफी कम संक्रमित मिल रहे हैं. इसके साथ ही रिकवरी रेट भी बेहतर हो रहा है.

Last Updated : May 16, 2021, 9:40 AM IST
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