धमतरी: कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से भले ही दूसरे काम थम से गए हो, लेकिन अब हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता को तोड़ने का काम शुरू होने से वनवासियों के चेहरे में खुशी झलक रही है. धमतरी में तेंदूपत्ता तोड़ाई का काम इन दिनों जोरों पर है. तकरीबन एक माह तक चलने वाले इस काम से जहां वनवासी इलाके के हजारों लोगों को रोजगार मिलता है, वहीं वन महकमे को भी खासी आमदनी हो जाती है.
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जिले के वनांचल क्षेत्र में तेंदूपत्ता का बंपर उत्पादन होता है. आदिवासी संग्राहकों को गर्मी के दो महीने में काम और पर्याप्त राशि मिल जाती है. इस सीजन मे वन विभाग ने करीब 27 हजार 300 मानक बोरे तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य रखा है. जिसे 26 वन समितियों के जरिए 237 फड़ों मे इकट्ठा किया जा रहा है. इस बार शासन की ओर से 4 हजार रूपये प्रति मानक बोरा के हिसाब से रेट तय किया गया है.
सबसे उम्दा किस्म की होती है पैदावार
सूबे में सबसे उम्दा किस्म के तेंदूपत्ता की पैदावार धमतरी वनमंडल में होती है. वन महकमें के अफसरों के मुताबिक तेंदूपत्ता संग्रहण से अच्छी खासी आमदनी हो जाती है. मई महीने के आखिर तक चलने वाले इस काम से हर साल की तरह मात्र एक रुपए रखकर बाकी आमदनी को लाभांश के रुप मे हितग्राहियों को बांट दिया जाएगा. फिलहाल संग्राहक जिस रफ्तार से तेंदूपत्ता तोड़ने और संग्रहण के कार्य में जुटे हुए हैं, इससे लगता है कि जल्द ही लक्ष्य के करीब तेंदूपत्ता संग्रहण कर लिया जाएगा.