धमतरी: रक्षा बंधन भाई-बहन के बीच के प्यार को बढ़ाता है. हर भाई का यह कर्तव्य है कि वह अपनी बहन की रक्षा करे. बहन भी राखी के दिन अपने भाई के अच्छे, सफल और सुरक्षित भविष्य की कामना करती है. इसके साथ ही भाई बहन को हर परिस्थिति में रक्षा करने का वचन देता है. ऐसी ही एक कहानी धमतरी जिले के सेमरा-बी में देखने को मिली, जहां छोटे भाई की परवरिश के लिए बहन ने पहले पढ़ाई छोड़ी और अब माता-पिता का भी फर्ज निभाते हुए भाई का पालन-पोषण भी कर रही है.
धमतरी जिले के सेमरा-बी के रहने वाले भाई सत्यवान निषाद और बहन कल्पना के माता-पिता कम उम्र में ही गुजर गए थे, जिसके बाद परिवार की परवरिश का जिम्मा उसके सिर आ गया. जिसके बाद कल्पना ने पहले अपनी पढ़ाई छोड़ी और अब खेतों में पसीना बहाकर भाई की पालन पोषण कर रही हैं. इतना ही नहीं रोजी मजदूरी कर कल्पना अपने भाई को पढ़ा रही है, जो कॉलेज में पढ़ाई करता है.
सत्यवान का 12 साल से कर रही देख-रेख
कल्पना का भाई सत्यावान कहता है कि कोरोना वायरस की वजह से कॉलेज बंद हैं, तो वह समय का सदुपयोग कर पार्ट टाइम जॉब कर रहा है. अपनी बड़ी बहन कल्पना के साथ घर चलाने में मदद कर रहा है. इसके लिए वह ग्रामीण क्षेत्रों में पेपर बांटने का कार्य कर रहा है. सत्यवान कहता है कि बड़ी बहन ही है, जो माता पिता के जैये ख्याल रखती हैं. वह भी अच्छी पढ़ाई कर माता पिता के सपनों को साकार करेगा. कल्पना ने बताया कि माता पिता के गुजर जाने के बाद अपने भाई सत्यवान का 12 साल से देख रेख कर परवरिश कर रही है.
जिंदगी के सफर में कई दिक्कतों का करना पड़ता है सामाना
कल्पना ने बताया कि छोटा सा खेत है, जिसपर दोनों भाई बहन मेहनत कर खेती करते हैं. समस्याएं होती हैं, लेकिन मेहनत के बलबूते खेत पर हरियाली ला दी है. वहीं कल्पना को अपने भाई से उम्मीद है कि उसे पढ़ाई के बाद नौकरी मिले, ताकि उसकी जिंदगी आसान हो जाए. कल्पना यह भी कहती हैं कि जिंदगी के इस सफर में उन्हें कई दिक्कतों का सामाना करना पड़ता ही है, लेकिन आगे भी बढ़ना है.
ग्रामीणों ने की भाई-बहन की सराहना
ग्रामीण लक्ष्मीनारायण और प्रीति निषाद ने बताया जिनके माता-पिता नहीं होते, वो कई कठिनाइयों का सामना करते हैं, लेकिन सत्यवान और कल्पना, दोनों भाई- बहन समाज को एक नया सीख दे रहे हैं. वहीं ग्रामीण रामनारायण साहू ने भी भाई बहन की खूब सराहना की. साथ ही कहा कि सरकार से इनको कुछ मदद मिल जाती, तो इनकी जिंदगी पटरी पर आ जाती.