ETV Bharat / state

गाजे बाजे के साथ निकली कमाऊ घोड़े की अंतिम यात्रा, लोगों ने नम आंखों से दी विदाई - funeral of a horse in dhamtari

जानवरों के साथ क्रूरता की खबरें हम अक्सर देखते और सुनते आए हैं, लेकिन धमतरी जिले में एक अलग ही नाजारा दिखाई दिया. यहां एक घोड़े की मौत (death of horse) के बाद परिवार ने धूमधाम और गाजे बाजे के साथ न सिर्फ उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई (funeral of a horse in dhamtari), बल्कि पूरे रीति रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार भी किया गया.

family-cremated-on-death-of-horse-in-dhamtari
धमतरी में गाजे बाजे के साथ निकली घोड़े की अंतिम यात्रा
author img

By

Published : Jun 23, 2021, 9:40 PM IST

Updated : Jun 23, 2021, 10:48 PM IST

धमतरी: जानवरों के लगाव और प्रेम जगजाहिर है. कभी-कभी यह रिश्ता ऐसा हो जाता है कि उसके खोने का दुख होता है. धमतरी में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां एक घोड़े की मौत के बाद परिवार वालों न सिर्फ उसकी गाजे बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली, बल्कि हिंदू रिति रिवाजों के साथ उसका क्रियाकर्म भी किया.

गाजे बाजे के साथ निकली कमाऊ घोड़े की अंतिम यात्रा

शोक में डूबा सारथी परिवार

कुछ लोगों के लिए उनके पालतू जानवर उनके परिवार के सदस्य जैसे ही होते है. यह लोग जानवरों को खूब लाड प्यार से रखते हैं. उनके साथ खुशियां और गम बराबर से बांटते हैं. इन जानवरों की मौत पर अफसोस भी होता है. कुछ इसी तरह का हाल धमतरी के सारथी परिवार का भी है. परिवार का अजीज और प्यारा घोड़ा राजा बाबू अब इस दुनिया में नहीं है. लिहाजा पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है.

घोड़े का अंतिम संस्कार

कभी-कभी ही सुनने में आता है कि किसी जानवर के मरने पर उनका इंसानों जैसा क्रिया कर्म किया जाता हो, लेकिन धमतरी जिले के गणेश चौक निवासी विक्की सारथी और उनके परिवार ने ऐसा ही किया है. घोड़े की मौत के बाद परिवार ने धूमधाम और गाजे-बाजे के साथ न सिर्फ उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई, बल्कि पूरे रीति रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार भी किया गया.

Special: रायपुर में फल-फूल रहा है पेट्स ग्रूमिंग का बाजार

परिवार के सदस्य की तरह था घोड़ा राजाबाबू

बता दें कि शहर के गणेश चौक में रहने वाले विक्की सारथी का परिवार वर्षो से शादियों में बग्घी और घोड़ा किराए पर देने का काम करता है. 20 साल से घोड़ा राजबाबू उनके साथ था, जिसे वह अपने परिवार के सदस्य की तरह रखते थे. राजा बाबू के कारण ही उनका काम भी अच्छा चल रहा था. बच्चे भी घोड़े के साथ खेला करते थे. अब राजा के जाने के बाद उनका परिवार काफी दुखी है. राजा बाबू के अलावा इस परिवार के पास एक और घोड़ी भी है, जिसका नाम रानी है. शादी-ब्याह में राजा और रानी दोनों ही इस परिवार के लिए काम करते थे. दोनों मिलकर सारथी परिवार चलाया करते थे. अब राजा बाबू के जाने से घोड़ी रानी अकेली हो गई है.

अंबिकापुर: सांपों को बचाने का सत्यम ने छेड़ा अभियान, 50 से ज्यादा सांपों को किया संरक्षित

पिछले कुछ दिनों से थी तबीयत खराब

परिवार के सदस्य बताते हैं कि कुछ समय से घोड़ा राजा बाबू की तबीयत खराब चल रही थी. तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए उसे पशु चिकित्सालय भी ले जाया गया था, लेकिन उम्र दराज होने कारण आखिरकार उसकी मौत हो गई. अब घोड़ा राजाबाबू की मौत के बाद इस परिवार को ऐसा लग रहा है कि मानों परिवार का कोई सदस्य बिछड़ गया है. बहरहाल अपने घोड़े के प्रति सारथी परिवार का यह प्यार देख सभी लोग तारीफ कर रहे हैं. जानवरों के साथ क्रूरता, अन्याय की खबरें तो खूब आती हैं, लेकिन धमतरी में घोड़ा राजाबाबू के साथ इंसानी व्यवहार का यह नजारा सभी को एक नई सीख देता है.

धमतरी: जानवरों के लगाव और प्रेम जगजाहिर है. कभी-कभी यह रिश्ता ऐसा हो जाता है कि उसके खोने का दुख होता है. धमतरी में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां एक घोड़े की मौत के बाद परिवार वालों न सिर्फ उसकी गाजे बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली, बल्कि हिंदू रिति रिवाजों के साथ उसका क्रियाकर्म भी किया.

गाजे बाजे के साथ निकली कमाऊ घोड़े की अंतिम यात्रा

शोक में डूबा सारथी परिवार

कुछ लोगों के लिए उनके पालतू जानवर उनके परिवार के सदस्य जैसे ही होते है. यह लोग जानवरों को खूब लाड प्यार से रखते हैं. उनके साथ खुशियां और गम बराबर से बांटते हैं. इन जानवरों की मौत पर अफसोस भी होता है. कुछ इसी तरह का हाल धमतरी के सारथी परिवार का भी है. परिवार का अजीज और प्यारा घोड़ा राजा बाबू अब इस दुनिया में नहीं है. लिहाजा पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है.

घोड़े का अंतिम संस्कार

कभी-कभी ही सुनने में आता है कि किसी जानवर के मरने पर उनका इंसानों जैसा क्रिया कर्म किया जाता हो, लेकिन धमतरी जिले के गणेश चौक निवासी विक्की सारथी और उनके परिवार ने ऐसा ही किया है. घोड़े की मौत के बाद परिवार ने धूमधाम और गाजे-बाजे के साथ न सिर्फ उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई, बल्कि पूरे रीति रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार भी किया गया.

Special: रायपुर में फल-फूल रहा है पेट्स ग्रूमिंग का बाजार

परिवार के सदस्य की तरह था घोड़ा राजाबाबू

बता दें कि शहर के गणेश चौक में रहने वाले विक्की सारथी का परिवार वर्षो से शादियों में बग्घी और घोड़ा किराए पर देने का काम करता है. 20 साल से घोड़ा राजबाबू उनके साथ था, जिसे वह अपने परिवार के सदस्य की तरह रखते थे. राजा बाबू के कारण ही उनका काम भी अच्छा चल रहा था. बच्चे भी घोड़े के साथ खेला करते थे. अब राजा के जाने के बाद उनका परिवार काफी दुखी है. राजा बाबू के अलावा इस परिवार के पास एक और घोड़ी भी है, जिसका नाम रानी है. शादी-ब्याह में राजा और रानी दोनों ही इस परिवार के लिए काम करते थे. दोनों मिलकर सारथी परिवार चलाया करते थे. अब राजा बाबू के जाने से घोड़ी रानी अकेली हो गई है.

अंबिकापुर: सांपों को बचाने का सत्यम ने छेड़ा अभियान, 50 से ज्यादा सांपों को किया संरक्षित

पिछले कुछ दिनों से थी तबीयत खराब

परिवार के सदस्य बताते हैं कि कुछ समय से घोड़ा राजा बाबू की तबीयत खराब चल रही थी. तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए उसे पशु चिकित्सालय भी ले जाया गया था, लेकिन उम्र दराज होने कारण आखिरकार उसकी मौत हो गई. अब घोड़ा राजाबाबू की मौत के बाद इस परिवार को ऐसा लग रहा है कि मानों परिवार का कोई सदस्य बिछड़ गया है. बहरहाल अपने घोड़े के प्रति सारथी परिवार का यह प्यार देख सभी लोग तारीफ कर रहे हैं. जानवरों के साथ क्रूरता, अन्याय की खबरें तो खूब आती हैं, लेकिन धमतरी में घोड़ा राजाबाबू के साथ इंसानी व्यवहार का यह नजारा सभी को एक नई सीख देता है.

Last Updated : Jun 23, 2021, 10:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.