धमतरी: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी केन्द्रों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है. धमतरी में भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी तेजी से चल रही है. हालांकि जिले में खरीदी की रफ्तार अधिक है, लेकिन धान का उठाव ही नहीं किया जा रहा है. ऐसे में जिले के तकरीबन सभी सोसायटियों में बड़ी मात्रा में धान जाम हो गया है. कुछ सोसायटियों में बफर लिमिट से चार गुना ज्यादा मात्रा में धान जाम पड़ा हुआ है.
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समर्थन मूल्य में धान खरीदी के 22 दिन पूरे हो चुके हैं. 22 दिनों में कुल 16 लाख 14 हजार 879 क्विंटल धान 89 खरीदी केंद्रों में खरीदी गई है. धान का उठाव नहीं होने की वजह से अधिकांश सोसायटियों में धान जाम हो गया. धान चबूतरों में धान की बोरियों की छल्लियां पड़ी है. आलम ये है कि अब नीचे धान रखना पड़ रहा है. धान खरीदी केंद्र में धान रखने और धान का कांटा करने के लिए जगह नहीं है. किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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सोसायटी प्रबंधक के साथ किसान भी हो रहे परेशान
सोसायटी प्रबंधकों की मानें तो उठाव नहीं होने के कारण खरीदी बंद होने की संभावना है. इसके आलावा उन्हें अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनकी मांग है कि जिला प्रशासन को उठाव को लेकर ध्यान दिया जाना चाहिए. कई खरीदी केंद्रों में खरीदी एक लाख क्विंटल के करीब पहुंच चुकी है. धान का उठाव नहीं किया गया तो खरीदी केंद्रों में धान का स्टाक बढ़ता जाएगा. जिले में अब तक करीब 3 करोड़ 41 लाख 22 हजार 777 रुपये से अधिक की धान खरीदी की जा चुकी है.
शासन से एलाटमेंट नहीं होने के कारण उठाव में देरी
धमतरी कलेक्टर जेपी मौर्य का कहना है कि शासन स्तर पर उसना मिलिंग का एलाटमेंट नहीं हुआ है. लिहाजा डीईओ नहीं काट पा रहे हैं. अभी सिर्फ अरवा मिलिंग के लिए ही धान का उठाव किया जा रहा है. संख्या सीमित होने की वजह से उठाव धीमा है. प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार का विलंब नहीं हो रहा है.
धान खरीदी केन्द्रों को बंद करने की आ सकती है नौबत
धमतरी में अगर कुछ दिनों में धान का उठाव नहीं होता है, तो आने वाले दिनों में धान खरीदी केन्द्रों को बंद करने की नौबत आ सकती है. इसके आलावा सोसायटियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितना गंभीर होता है.