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बेकार बीज की वजह से धान की फसल खराब, किसानों ने की क्षतिपूर्ति की मांग - खरीफ सीजन

बलियारा के किसानों ने अपनी खराब फसल को लेकर कलेक्टर से क्षतिपूर्ति की मांग की है. किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि, फसल खराब होने की वजह बीज है. जिसे उन्होंने उस कंपनी से लिया था.

demand for compensation
किसानों ने की क्षतिपूर्ति की मांग
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Published : Oct 13, 2020, 9:24 PM IST

Updated : Oct 13, 2020, 10:24 PM IST

धमतरी: धान बीज में खराबी और उस पर बीमारी लग जाने से धान की फसल खराब होने लगी है. जिसकी शिकायत को लेकर किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे. प्रभावित किसानों ने ज्ञापन सौंपकर धान बीज कंपनी से क्षतिपूर्ति राशि दिलाने की मांग की है.

किसानों ने की क्षतिपूर्ति की मांग

कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में किसानों ने शिकायत करते हुए बताया है कि खरीफ सीजन 2020-21 में सभी किसानों ने तेलंगाना की एक प्राइवेट कंपनी के हाइब्रिड किस्म के धान बीज अपने खेतों में लगाई. लेकिन इस फसल पर अज्ञात बीमारी लग गई. जिसके चलते फसल पूरी तरह से खराब होने की स्थिति में है. धान के पौधे और पत्तियां पूरी तरह से सूख चुकी है. धान की बालियों में चावल का भराव नहीं है.

दूसरे बीज के धान तैयार

प्रभावित किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि धान बीज कंपनी के कस्टमर केयर नंबर से संपर्क भी किया. लेकिन संपर्क नहीं हो पाया है. गांव के करीब 40 से 50 किसानों ने इस कंपनी के बीज को अपने खेतों में लगाया है. सभी किसानों के धान के फसल खराब हो गए हैं. जबकि उसी खेत में दूसरे कंपनी के धान बीज भी लगाए गए हैं, लेकिन वह पूरी तरह से तैयार हो गए हैं. प्रभावित किसानों ने धान की फसलों को बचाने के लिए कई तरह के कीटनाशक का भी छिड़काव किया, लेकिन राहत नहीं मिली.

पंडरिया: लगातार हो रही बारिश से हजारों एकड़ फसल बर्बाद होने की कगार

एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी

किसानों का कहना है कि यह धान बीज उन्होंने धमतरी के एक कृषि दुकान से खरीदा था. जिसके पास धान बीज खरीदी का बिल भी है. जल्द ही प्रभावित किसान उक्त दुकानदार से शिकायत कर कंपनी के बीज की शिकायत करेंगे. बलियारा के प्रभावित किसानों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाकर खराब फसल की क्षतिपूर्ति की राशि बीज कंपनी या शासन से दिलाने की मांग की है. मांगें पूरी नहीं होने पर प्रभावित किसानों ने कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की भी चेतावनी दी है. ताकि उन्हें भविष्य में इस तरह के घटिया बीज दोबारा न दें और दुकानदार भी न बेचे.

आंदोलन की चेतावनी

किसानों ने बताया कि इस साल फसल खराब होने से 40 से 50 किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. प्रभावित किसानों को यदि कंपनी उत्पादन की लागत राशि क्षतिपूर्ति के तौर पर उपलब्ध नहीं कराती है, तो कंपनी के खिलाफ उग्र आंदोलन भी किया जाएगा.

धमतरी: धान बीज में खराबी और उस पर बीमारी लग जाने से धान की फसल खराब होने लगी है. जिसकी शिकायत को लेकर किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे. प्रभावित किसानों ने ज्ञापन सौंपकर धान बीज कंपनी से क्षतिपूर्ति राशि दिलाने की मांग की है.

किसानों ने की क्षतिपूर्ति की मांग

कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में किसानों ने शिकायत करते हुए बताया है कि खरीफ सीजन 2020-21 में सभी किसानों ने तेलंगाना की एक प्राइवेट कंपनी के हाइब्रिड किस्म के धान बीज अपने खेतों में लगाई. लेकिन इस फसल पर अज्ञात बीमारी लग गई. जिसके चलते फसल पूरी तरह से खराब होने की स्थिति में है. धान के पौधे और पत्तियां पूरी तरह से सूख चुकी है. धान की बालियों में चावल का भराव नहीं है.

दूसरे बीज के धान तैयार

प्रभावित किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि धान बीज कंपनी के कस्टमर केयर नंबर से संपर्क भी किया. लेकिन संपर्क नहीं हो पाया है. गांव के करीब 40 से 50 किसानों ने इस कंपनी के बीज को अपने खेतों में लगाया है. सभी किसानों के धान के फसल खराब हो गए हैं. जबकि उसी खेत में दूसरे कंपनी के धान बीज भी लगाए गए हैं, लेकिन वह पूरी तरह से तैयार हो गए हैं. प्रभावित किसानों ने धान की फसलों को बचाने के लिए कई तरह के कीटनाशक का भी छिड़काव किया, लेकिन राहत नहीं मिली.

पंडरिया: लगातार हो रही बारिश से हजारों एकड़ फसल बर्बाद होने की कगार

एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी

किसानों का कहना है कि यह धान बीज उन्होंने धमतरी के एक कृषि दुकान से खरीदा था. जिसके पास धान बीज खरीदी का बिल भी है. जल्द ही प्रभावित किसान उक्त दुकानदार से शिकायत कर कंपनी के बीज की शिकायत करेंगे. बलियारा के प्रभावित किसानों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाकर खराब फसल की क्षतिपूर्ति की राशि बीज कंपनी या शासन से दिलाने की मांग की है. मांगें पूरी नहीं होने पर प्रभावित किसानों ने कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की भी चेतावनी दी है. ताकि उन्हें भविष्य में इस तरह के घटिया बीज दोबारा न दें और दुकानदार भी न बेचे.

आंदोलन की चेतावनी

किसानों ने बताया कि इस साल फसल खराब होने से 40 से 50 किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. प्रभावित किसानों को यदि कंपनी उत्पादन की लागत राशि क्षतिपूर्ति के तौर पर उपलब्ध नहीं कराती है, तो कंपनी के खिलाफ उग्र आंदोलन भी किया जाएगा.

Last Updated : Oct 13, 2020, 10:24 PM IST
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