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मजबूत इरादों की माउंट एवरेस्ट की चोटियों तक उड़ान, चंचल सोनी और रजनी जोशी के जज्बे को देखेगी दुनिया

धमतरी की 14 वर्षीय दिव्यांग चंचल सोनी और दृष्टिबाधित 21 वर्षीय छात्रा रजनी जोशी कांठमांडू से माउंट एवरेस्ट के प्रथम बेस कैम्प तक 5364 मीटर ऊंचे पहाड़ पर चढ़ाई करेंगी.

Chanchal Soni to climb mount everest
धमतरी की बेटियों के हौसले बुलंद
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Published : Apr 22, 2022, 2:19 PM IST

Updated : Apr 22, 2022, 4:37 PM IST

धमतरी: दिव्यांग चंचल सोनी का जन्म से एक पैर नहीं है. रजनी जोशी 60 फीसदी दृष्टिबाधित है. दिव्यांग होने के बाद भी दोनों ने कई उपलब्धियां हासिल की है. अब दोनों एक और रिकार्ड अपने नाम करने जा रही हैं. 24 अप्रैल को काठमांडू में दिव्यांगों के हुनर को आगे लाने के लिए पर्वतारोहण का आयोजन किया गया है. इसमें दोनों छात्राओं का चयन हुआ है. अब चंचल सोनी एक पैर से एवरेस्ट के बेस कैंप 5,364 मीटर ऊंचे पहाड़ पर चढ़ेंगी. चंचल सोनी के साथ दृष्टिबाधित रजनी भी जाएंगी.

धमतरी की बेटियों के हौसले बुलंद

बच्चों को आदिवासी साहित्य संस्कृति और कला की दी जाए शिक्षा: अनुसुइया उइके

धमतरी की बेटियों के हौसले बुलंद: एक पैर होने के बाद भी चंचल सोनी बड़ी आसानी से पेड़ पर चढ जाती हैं. चंचल सोनी एक पैर से ही करीब 20 मिनट तक नृत्य भी करती हैं. दृष्टिबाधित रजनी पैरालंपिक गेम्स में कई मेडल हासिल कर चुकी हैं. दोनों ही छात्राएं प्रतिदिन 10 किलोमीटर पैदल चलती हैं. पथरीले रास्ते और चढ़ाव वाले स्थानों पर पर्वतारोहण का अभ्यास कर रहीं हैं. दोनों बच्ची के इस हौसले की जिले में हर कोई तारिफ करते नहीं थकता है.

धमतरी: दिव्यांग चंचल सोनी का जन्म से एक पैर नहीं है. रजनी जोशी 60 फीसदी दृष्टिबाधित है. दिव्यांग होने के बाद भी दोनों ने कई उपलब्धियां हासिल की है. अब दोनों एक और रिकार्ड अपने नाम करने जा रही हैं. 24 अप्रैल को काठमांडू में दिव्यांगों के हुनर को आगे लाने के लिए पर्वतारोहण का आयोजन किया गया है. इसमें दोनों छात्राओं का चयन हुआ है. अब चंचल सोनी एक पैर से एवरेस्ट के बेस कैंप 5,364 मीटर ऊंचे पहाड़ पर चढ़ेंगी. चंचल सोनी के साथ दृष्टिबाधित रजनी भी जाएंगी.

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धमतरी की बेटियों के हौसले बुलंद: एक पैर होने के बाद भी चंचल सोनी बड़ी आसानी से पेड़ पर चढ जाती हैं. चंचल सोनी एक पैर से ही करीब 20 मिनट तक नृत्य भी करती हैं. दृष्टिबाधित रजनी पैरालंपिक गेम्स में कई मेडल हासिल कर चुकी हैं. दोनों ही छात्राएं प्रतिदिन 10 किलोमीटर पैदल चलती हैं. पथरीले रास्ते और चढ़ाव वाले स्थानों पर पर्वतारोहण का अभ्यास कर रहीं हैं. दोनों बच्ची के इस हौसले की जिले में हर कोई तारिफ करते नहीं थकता है.

Last Updated : Apr 22, 2022, 4:37 PM IST
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