धमतरी : छत्तीसगढ़ में करीब 15 साल बाद सत्ता से बाहर हुई बीजेपी 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए खास रणनीति बना रही है. इसके तहत 31 अगस्त से बस्तर में बीजेपी चिंतन शिविर का आयोजन करेगी. हालांकि बीजेपी का यह चिंतन शिविर कोई नई बात नहीं है, लेकिन बस्तर में इसे किया जाना राजनैतिक नजरिये से बहुत अहम माना जा रहा है. क्योंकि बीते चुनावों में इसी क्षेत्र से बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ था.
शिविर में रवानगी से पहले कार्यकर्ताओं से मिले प्रदेश अध्यक्ष
चिंतिन शिविर में रवाना होने से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय धमतरी पहुंचे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इस दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चिंतन शिविर हमेशा चलने वाली प्रक्रिया है. इस बार यह शिविर बस्तर में किया जाना है, जहां आने वाले चुनाव के मद्देनजर कई रणनीतियां बनाई जाएंगी. वहीं पार्टी के कार्यकर्ताओं को संगठित भी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है, जबकि बीजेपी ने हमेशा आदिवासियों की चिंता की है.
आदिवासियों का भरोसा जीतने की होगी कोशिश
बताया जा रहा है कि आदिवासी बहुल विधानसभा सीटों पर खिसकी जमीन को वापस पाने के लिए बीजेपी कई अहम रणनीति बना सकती है. करीब 3 दिनों तक चलने वाले इस चिंतन शिविर में बीजेपी आदिवासियों का भरोसा जीतने की कोशिश करेगी. इस शिविर में राष्ट्रीय स्तर के नेता भी शामिल होंगे. इनमें बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन शिवप्रकाश, राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और नितिन नवीन सिन्हा शामिल हैं, जो कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे.
बस्तर तय करता है प्रदेश की सत्ता
बहरहाल, ये माना जा सकता है कि साल 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए बस्तर का चुनाव भी भाजपा की रणनीति का हिस्सा होगा, क्योंकि बस्तर ही तय करता है कि प्रदेश की सत्ता की बागडोर किसके हाथ में जाएगी.