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'मौत' से लड़कर बचाई थी मासूमों की जान, भामेश्वरी को पीएम देंगे वीरता का इनाम

धमतरी की भामेश्वरी को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. भामेश्वरी को ये पुरस्कार दो बच्चियों की जान बचाने के लिए दिया जा रहा है.

भामेश्वरी वीरता पुरस्कार से होगी सम्मानित
भामेश्वरी वीरता पुरस्कार से होगी सम्मानित
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Published : Jan 18, 2020, 1:55 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 2:58 PM IST

धमतरी : अगर हौसले बुंलद हों तो कोई भी मुश्किलें मायने नहीं रखती. धमतरी की एक बेटी ने कुछ ऐसा ही करिश्मा कर दिखाया था कि लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं और अब इसी बेटी को भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा.

भामेश्वरी वीरता पुरस्कार से होगी सम्मानित

7वीं कक्षा में पढ़ने वाली भामेश्वरी जिसे तैरना भी नहीं आता, लेकिन उसने बहादूरी दिखाते हुए तालाब डूब रही दो बच्चियों की जान बचा ली. भामेश्वरी के बहादुरी से भरे इस काम पर परिवार के साथ-साथ पूरे गांव को फक्र है. इसके साथ ही जब से उसे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की खबर से परिवार फूला नहीं समा रहा है.

तैरना नहीं आता फिर भी बचाई जान

भामेश्वरी की उम्र महज 12 साल है, लेकिन इसके जज्बे और हौसले ने इसके उम्र को कही पीछे छोड़ दिया है. धमतरी की इस बेटी ने अपनी अद्भुत साहस और सूझबूझ का परिचय तब दिया जब सोनम नेताम और चांदनी साहू तालाब में डूब रही थी. सोनम और चांदनी स्कूल से छुट्टी होने के बाद गांव के तालाब नहाने गई थी. नहाते वक्त वो खेल खेल में गहरे पानी में उतर गई. दोनों बच्चियों को डूबता देख बहादूर बच्ची भामेश्वरी निर्मलकर बिना देर किए फौरन पानी में कूदकर दोनों की जान बाच ली. जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त तालाब में और कोई नहीं था.

भामेश्वरी का चयन वीरता पुरस्कार के लिए

भामेश्वरी के इस साहस को प्रशासन ने काबिल-ए-तारीफ बताया है. बहरहाल छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद ने भामेश्वरी का चयन वीरता पुरस्कार के लिए किया है. 26 जनवरी के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भामेश्वरी को वीरता पुरस्कार से नवाजेंगे.

धमतरी : अगर हौसले बुंलद हों तो कोई भी मुश्किलें मायने नहीं रखती. धमतरी की एक बेटी ने कुछ ऐसा ही करिश्मा कर दिखाया था कि लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं और अब इसी बेटी को भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा.

भामेश्वरी वीरता पुरस्कार से होगी सम्मानित

7वीं कक्षा में पढ़ने वाली भामेश्वरी जिसे तैरना भी नहीं आता, लेकिन उसने बहादूरी दिखाते हुए तालाब डूब रही दो बच्चियों की जान बचा ली. भामेश्वरी के बहादुरी से भरे इस काम पर परिवार के साथ-साथ पूरे गांव को फक्र है. इसके साथ ही जब से उसे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की खबर से परिवार फूला नहीं समा रहा है.

तैरना नहीं आता फिर भी बचाई जान

भामेश्वरी की उम्र महज 12 साल है, लेकिन इसके जज्बे और हौसले ने इसके उम्र को कही पीछे छोड़ दिया है. धमतरी की इस बेटी ने अपनी अद्भुत साहस और सूझबूझ का परिचय तब दिया जब सोनम नेताम और चांदनी साहू तालाब में डूब रही थी. सोनम और चांदनी स्कूल से छुट्टी होने के बाद गांव के तालाब नहाने गई थी. नहाते वक्त वो खेल खेल में गहरे पानी में उतर गई. दोनों बच्चियों को डूबता देख बहादूर बच्ची भामेश्वरी निर्मलकर बिना देर किए फौरन पानी में कूदकर दोनों की जान बाच ली. जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त तालाब में और कोई नहीं था.

भामेश्वरी का चयन वीरता पुरस्कार के लिए

भामेश्वरी के इस साहस को प्रशासन ने काबिल-ए-तारीफ बताया है. बहरहाल छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद ने भामेश्वरी का चयन वीरता पुरस्कार के लिए किया है. 26 जनवरी के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भामेश्वरी को वीरता पुरस्कार से नवाजेंगे.

Intro:अगर हौसले बुंलद हो तो कोई भी मुश्किलात मायने नही रखती.धमतरी की एक बेटी ने कुछ ऐसा ही करिश्मा कर दिखाया था कि लोग उसकी तारीफ करते नही थक रहे थे और अब इसी बेटी को भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा राष्ट्रीय वीरता पुरुष्कार से नवाजा जाएगा.दरअसल 7 कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची जिसे खुद तैरना नहीं आता लेकिन बहादूरी दिखाते हुए उसने तालाब मे कूदकर दो डूबती हुई बच्ची की जान बचाई.बहादुर बच्ची के इस हौसले पर परिवार सहित पूरे गांव वालो को फक्र है.वही अब पुरुष्कार की खबर से फुले नही समा रहे है
Body:उम्र महज 12 साल और जज्बा बेमिसाल,इसके कारनामें को देखकर सभी लोग हैरान है.धमतरी की इस बेटी ने अपनी अद्भुत साहस और सूझबूझ का परिचय दिया.जो तालाब में डूब रही दो मासूम बच्चियों को तालाब मे डूबने से बचा लिया.दरअसल ये पूरा वाक्या धमतरी जिले कर कानीडबरी गांव का है जहां सोनम नेताम और चांदनी साहू नाम के दो मासूम बच्ची स्कूल में छुट्टी होने के बाद गांव के तालाब नहाने गई थी.जो खेलते खेलते तालाब के गहरे पानी उतर गई.बच्ची को डूबता देखकर बहादूर बच्ची भामेश्वरी निर्मलकर बिना देर किये फौरन पानी में कूदकर कड़ी मशक्कत के बाद उन्होंने सोनम और चांदनी को बचाकर बाहर निकालने में सफलता हासिल की और किसी तरह बाहर खींचकर निकाल लिया.जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त तालाब में और कोई नहीं था.

भामेश्वरी के जज्बे और हौसले की तारिफ गांव के हर एक के जुबान से सुनी जा सकती है.ग्रामीणों के मुताबिक बहादूर भामेश्वरी किसी फरिश्ता से कम नही और अब उनके साहस की इस मिसाल को सलाम करते फुले नही समा रहे है.भामेश्वरी की इस साहस को प्रशासन भी काबिले तारिफ बताया है.

Conclusion:बहरहाल छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद ने भामेश्वरी का चयन वीरता पुरुष्कार के लिए किया है 26 वही जनवरी के मौके देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उन्हें वीरता पुरुष्कार से नवाजेगें.पुरुष्कार की खबर से भामेश्वरी के परिवार और गांव में खुशी का माहौल छा गया है.

रामेश्वर मरकाम, ईटीवी भारत,धमतरी
Last Updated : Jan 18, 2020, 2:58 PM IST
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