धमतरी : अगर हौसले बुंलद हों तो कोई भी मुश्किलें मायने नहीं रखती. धमतरी की एक बेटी ने कुछ ऐसा ही करिश्मा कर दिखाया था कि लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं और अब इसी बेटी को भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा.
7वीं कक्षा में पढ़ने वाली भामेश्वरी जिसे तैरना भी नहीं आता, लेकिन उसने बहादूरी दिखाते हुए तालाब डूब रही दो बच्चियों की जान बचा ली. भामेश्वरी के बहादुरी से भरे इस काम पर परिवार के साथ-साथ पूरे गांव को फक्र है. इसके साथ ही जब से उसे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की खबर से परिवार फूला नहीं समा रहा है.
तैरना नहीं आता फिर भी बचाई जान
भामेश्वरी की उम्र महज 12 साल है, लेकिन इसके जज्बे और हौसले ने इसके उम्र को कही पीछे छोड़ दिया है. धमतरी की इस बेटी ने अपनी अद्भुत साहस और सूझबूझ का परिचय तब दिया जब सोनम नेताम और चांदनी साहू तालाब में डूब रही थी. सोनम और चांदनी स्कूल से छुट्टी होने के बाद गांव के तालाब नहाने गई थी. नहाते वक्त वो खेल खेल में गहरे पानी में उतर गई. दोनों बच्चियों को डूबता देख बहादूर बच्ची भामेश्वरी निर्मलकर बिना देर किए फौरन पानी में कूदकर दोनों की जान बाच ली. जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त तालाब में और कोई नहीं था.
भामेश्वरी का चयन वीरता पुरस्कार के लिए
भामेश्वरी के इस साहस को प्रशासन ने काबिल-ए-तारीफ बताया है. बहरहाल छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद ने भामेश्वरी का चयन वीरता पुरस्कार के लिए किया है. 26 जनवरी के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भामेश्वरी को वीरता पुरस्कार से नवाजेंगे.