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हौसले और जज्बे से धमतरी की 92 साल की फुलवा बाई ने दी कोरोना को मात

कोरोना की पहली लहर बुजुर्गों के लिए बहुत खतरनाक थी. दूसरी लहर ने तो मानो उम्र का बंधन तोड़ दिया. कोरोना की दूसरी लहर में हर उम्र के लोग हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं. लेकिन धमतरी की एक महिला ऐसी हैं जिन्होंने 92 साल की उम्र में कोरोना को मात दे दी है.

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Published : Apr 27, 2021, 9:35 PM IST

Updated : Apr 28, 2021, 7:57 AM IST

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फुलवा बाई ने दी कोरोना को मात

धमतरी: मन के हारे, हार है, मन के जीते जीत. इसी कहावत को एक बुजुर्ग महिला ने चरितार्थ कर दिखाया है. कोरोना के इस दौर में बहते आंसू, कराहते मरीज, अस्पताल और ऑक्सीजन के लिए बदहवास परिवार देखते-देखते जब आप हिम्मत हारने लगें तो 92 साल की इस दादी को देखिए. इन्होंने उम्र के इस पड़ाव में भी कोरोना को पटखनी दे दी है. कोरोना काल में जहां रोजाना युवाओं की मौत की खबरें आ रही है, वहीं फुलवा बाई की रिकवरी देख न सिर्फ आम लोग बल्कि डॉक्टर भी हैरान हैं. डॉक्टरों नें इसे फुलवा बाई की मजबूत विल पावर का नतीजा बताया है.

92 साल की फुलवा बाई ने दी कोरोना को मात

कोरोना की इस दूसरी लहर में कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. कोरोना की दूसरी वेव हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. कोरोना के इस काल में लोगों का ये सोचना रहा है कि, कोरोना से युवाओं को कम और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है. लेकिन धमतरी के सियादेही गांव की 92 वर्षीय फुलवा बाई ने इस भ्रम को झुठला दिया है. शादी समारोह में जाने के बाद फुलवा बाई कोरोना संक्रमित हो गई थीं.

76 साल की दादी का 77 हो गया था ऑक्सीजन लेवल, हरा दिया कोरोना को

फुलवा बाई ने दी कोरोना को मात

गांव के 19 लोग भी कोरोना की चपेट में आ गए थे. जिसके बाद गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया था. इलाज के दौरान गांव के एक 50 साल के आदमी की मौत भी हो गई. फुलवा बाई को भी नजदीकी नगरी के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां 10 दिन रहने के बाद वो पूरी तरह से स्वस्थ हो गई. अब वे अपने घर में हैं. फुलवा बाई के पोते सुरेश कुमार ने बताया कि उनकी दादी की उम्र को देखते हुए सब डर गए थे. लेकिन जब फुलवा बाई स्वस्थ होकर घर आई तो सब हैरान रह गए.

आत्मबल ने कोरोना पर दिलाई जीत

धमतरी के डॉक्टर भी फुलवा बाई की रिकवरी को रेयर केस मानते हैं. डॉक्टरों का मानना है कि सरकारी अस्पताल में स्टाफ ने फुलवा बाई की सेवा और इलाज में जी जान लगा कर काम किया. लेकिन फुलवा बाई के इस महामारी को मात देने के पीछ सबसे बड़ा कारण उनके अंदर का विल पावर, उनका आत्मबल ही है. डॉक्टरों का कहना है कि फुलवा बाई के केस से बाकी कोरोना संक्रमित भी प्रेरणा ले सकते हैं और इस महामारी को मात दे सकते हैं.

धमतरी: मन के हारे, हार है, मन के जीते जीत. इसी कहावत को एक बुजुर्ग महिला ने चरितार्थ कर दिखाया है. कोरोना के इस दौर में बहते आंसू, कराहते मरीज, अस्पताल और ऑक्सीजन के लिए बदहवास परिवार देखते-देखते जब आप हिम्मत हारने लगें तो 92 साल की इस दादी को देखिए. इन्होंने उम्र के इस पड़ाव में भी कोरोना को पटखनी दे दी है. कोरोना काल में जहां रोजाना युवाओं की मौत की खबरें आ रही है, वहीं फुलवा बाई की रिकवरी देख न सिर्फ आम लोग बल्कि डॉक्टर भी हैरान हैं. डॉक्टरों नें इसे फुलवा बाई की मजबूत विल पावर का नतीजा बताया है.

92 साल की फुलवा बाई ने दी कोरोना को मात

कोरोना की इस दूसरी लहर में कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. कोरोना की दूसरी वेव हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. कोरोना के इस काल में लोगों का ये सोचना रहा है कि, कोरोना से युवाओं को कम और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है. लेकिन धमतरी के सियादेही गांव की 92 वर्षीय फुलवा बाई ने इस भ्रम को झुठला दिया है. शादी समारोह में जाने के बाद फुलवा बाई कोरोना संक्रमित हो गई थीं.

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फुलवा बाई ने दी कोरोना को मात

गांव के 19 लोग भी कोरोना की चपेट में आ गए थे. जिसके बाद गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया था. इलाज के दौरान गांव के एक 50 साल के आदमी की मौत भी हो गई. फुलवा बाई को भी नजदीकी नगरी के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां 10 दिन रहने के बाद वो पूरी तरह से स्वस्थ हो गई. अब वे अपने घर में हैं. फुलवा बाई के पोते सुरेश कुमार ने बताया कि उनकी दादी की उम्र को देखते हुए सब डर गए थे. लेकिन जब फुलवा बाई स्वस्थ होकर घर आई तो सब हैरान रह गए.

आत्मबल ने कोरोना पर दिलाई जीत

धमतरी के डॉक्टर भी फुलवा बाई की रिकवरी को रेयर केस मानते हैं. डॉक्टरों का मानना है कि सरकारी अस्पताल में स्टाफ ने फुलवा बाई की सेवा और इलाज में जी जान लगा कर काम किया. लेकिन फुलवा बाई के इस महामारी को मात देने के पीछ सबसे बड़ा कारण उनके अंदर का विल पावर, उनका आत्मबल ही है. डॉक्टरों का कहना है कि फुलवा बाई के केस से बाकी कोरोना संक्रमित भी प्रेरणा ले सकते हैं और इस महामारी को मात दे सकते हैं.

Last Updated : Apr 28, 2021, 7:57 AM IST
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