धमतरी: अरौद गांव में ध्रुव गोंड समाज ने धूमधाम से पूरे रीतिरिवाज के साथ 8 जोड़ों का विवाह कराया गया. इस विवाह में वर और वधु दोनो ही पक्ष के लोग मौजूद रहे. समाज प्रमुखों ने नव दम्पतियों को अपना आर्शीवाद दिया. इसके अलावा समाज की ओर से सभी जोड़ों को प्रोत्साहन राशि भी दिया गया. आदर्श विवाह में शामिल सभी जोड़े अपने दांपत्य जीवन को लेकर बेहद खुश नजर आए. वहीं इस सम्मेलन में बच्चों और बड़े बुर्जगों सहित बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं.
8 जोड़ों का आदर्श विवाह संपन्न
इन दिनों आदिवासी समाज वार्षिक सम्मेलन का आयोजन कर रही है. इस वार्षिक सम्मेलन में समाज अपने रीतिरिवाजों समेत सामाजिक चर्चा परिचर्चा और आय-व्यय का लेखा जोखा तैयार कर रहे हैं. इसी के तहत जिले के अरौद गांव में भी जंवरगांव मुड़ाक्षेत्र का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया. जहां करीब 10 गांव से आदिवासी समाज के लोग इकक्ठा हुए. गांव में कलश यात्रा भी निकाली गई. इस दौरान समाज ने पूरे रीतिरिवाज के साथ 8 जोड़ों का आदर्श विवाह भी कराया.
फिजूलखर्ची रोकने की पहल
समाज प्रमुखों ने बताया कि आदर्श विवाह का आयोजन शादी में होने वाले फिजूल खर्चे को रोकने के लिए किया गया है. विवाह की सभी जिम्मेदारी समाज की ओर से निवर्हन किया गया है. सभी जोड़े के संपूर्ण सामग्री के साथ उन्हें प्रोत्साहन राशि भी समाज की ओर दिया गया है. वहीं सम्मेलन में सामाजिक एकता को मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया है.
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रीति-रिवाजों और धूमधाम से शादी करते हैं आदिवासी
आदिवासी समाज अपने रीति-रिवाजों के लिए जाने जाते हैं. आदिवासी अपनी शादी धूमधाम से करते हैं, लेकिन अब समाज फिजूल खर्च को रोकने के लिए समाज सकारात्मक कदम उठा रहा है, ताकि इससे समाज के लोगों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके.