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दंतेवाड़ा में बिना किसी सुरक्षा के कोरोना काल में सेवाएं दे रही ये महिलाएं

दंतेवाड़ा में कोरोना के इस संकटकाल में भी स्व सहायता समूह की महिलाएं अपनी सेवाएं दे रही हैं. लेकिन ये महिलाएं महामारी के इस दौर में बिना किसी सुरक्षा के काम कर रही हैं. जिस पर शासन को ध्यान देने की जरूरत है.

women are working in corona period
कोरोना काल में भी सेवाएं दे रही ये महिलाएं
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Published : May 8, 2021, 8:51 PM IST

दंतेवाड़ा: नगर पालिका की ओर से संचालित कंचनमणि स्व सहायता समूह की 30 महिलाएं दंतेवाड़ा को कोरोना मुक्त बनाने के लिए दिन रात अपनी सेवाएं दे रही हैं. डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन जैसे कई काम वे इस संकटकाल के दौरान कर रही हैं.

कंचनमणि स्व सहायता समूह की महिलाएं सुबह 9 बजे अपने घरों से बच्चों को छोड़कर शहर को स्वच्छ बनाने के लिए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने निकलती हैं. कचरा कलेक्शन कर ये महिलाएं उसे सेंटर में लाकर इकट्ठा करती हैं. फिर गीला और सूखा कचरा को अलग कर सुखाकर डिस्पोज किया जाता है.

अब तक नहीं कराई गई जांच

जब ETV भारत की टीम इन महिलाओं से मिलने पहुंची, तो महिलाओं ने अव्यवस्थाओं के बारे में बताया. महिलाओं ने बताया कि कचरा सेंटर में न तो सैनिटाइजर की व्यवस्था है. न ही महिलाओं के हाथ में पहनने के लिए दस्ताने हैं. पिछले साल मिले फटे दस्तानों से ही काम चलाना पड़ रहा है. दूसरी ओर फ्रंटलाइन वर्कर होने के बावजूद नगर पालिका ने अब तक महिलाओं की कोरोना जांच नहीं कराई है. न ही अभी तक उन्हें सुरक्षा के लिए साधन उपलब्ध कराए गए हैं.

स्व सहायता समूह की महिलाएं कर रही वैक्सीनेशन के लिए जागरूक

नहीं है सुरक्षा साधन

महिलाएं बताती हैं कि सुबह वे अपना घर परिवार छोड़कर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने निकलती हैं. इस पर दंतेवाड़ा नगर पालिका को महिलाओं की सुरक्षा, उन्हें उपलब्ध कराए जाने वाले सुरक्षा साधन जैसे ग्लब्स या मास्क की उपलब्धता पर ध्यान देने की जरूरत है.

6 हजार मिल रहा मानदेय

समूह की महिलाओं का कहना है कि पिछले 4 साल से वे 6 हजार मानदेय पर काम कर रही हैं. 6 हजार में घर परिवार चलाना मुश्किल है. नगर पालिका को मानदेय बढ़ाने की जरूरत है. जिससे घर परिवार अच्छे से चल सके. ये महिलाएं कचरा कलेक्शन के साथ-साथ गोबर के कंडे भी बना रही है. साथ ही कंपोस्ट खाद भी बनाई जाती है. लेकिन इनकी बिक्री नहीं हो पाती है.

दंतेवाड़ा: नगर पालिका की ओर से संचालित कंचनमणि स्व सहायता समूह की 30 महिलाएं दंतेवाड़ा को कोरोना मुक्त बनाने के लिए दिन रात अपनी सेवाएं दे रही हैं. डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन जैसे कई काम वे इस संकटकाल के दौरान कर रही हैं.

कंचनमणि स्व सहायता समूह की महिलाएं सुबह 9 बजे अपने घरों से बच्चों को छोड़कर शहर को स्वच्छ बनाने के लिए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने निकलती हैं. कचरा कलेक्शन कर ये महिलाएं उसे सेंटर में लाकर इकट्ठा करती हैं. फिर गीला और सूखा कचरा को अलग कर सुखाकर डिस्पोज किया जाता है.

अब तक नहीं कराई गई जांच

जब ETV भारत की टीम इन महिलाओं से मिलने पहुंची, तो महिलाओं ने अव्यवस्थाओं के बारे में बताया. महिलाओं ने बताया कि कचरा सेंटर में न तो सैनिटाइजर की व्यवस्था है. न ही महिलाओं के हाथ में पहनने के लिए दस्ताने हैं. पिछले साल मिले फटे दस्तानों से ही काम चलाना पड़ रहा है. दूसरी ओर फ्रंटलाइन वर्कर होने के बावजूद नगर पालिका ने अब तक महिलाओं की कोरोना जांच नहीं कराई है. न ही अभी तक उन्हें सुरक्षा के लिए साधन उपलब्ध कराए गए हैं.

स्व सहायता समूह की महिलाएं कर रही वैक्सीनेशन के लिए जागरूक

नहीं है सुरक्षा साधन

महिलाएं बताती हैं कि सुबह वे अपना घर परिवार छोड़कर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने निकलती हैं. इस पर दंतेवाड़ा नगर पालिका को महिलाओं की सुरक्षा, उन्हें उपलब्ध कराए जाने वाले सुरक्षा साधन जैसे ग्लब्स या मास्क की उपलब्धता पर ध्यान देने की जरूरत है.

6 हजार मिल रहा मानदेय

समूह की महिलाओं का कहना है कि पिछले 4 साल से वे 6 हजार मानदेय पर काम कर रही हैं. 6 हजार में घर परिवार चलाना मुश्किल है. नगर पालिका को मानदेय बढ़ाने की जरूरत है. जिससे घर परिवार अच्छे से चल सके. ये महिलाएं कचरा कलेक्शन के साथ-साथ गोबर के कंडे भी बना रही है. साथ ही कंपोस्ट खाद भी बनाई जाती है. लेकिन इनकी बिक्री नहीं हो पाती है.

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