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दंतेवाड़ा में एनएमडीसी का घेराव, जनसुनवाई का किया विरोध

villagers protest against NMDC दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला के डिपाजिट 14 के क्षमता विस्तारीकरण के लिए बुलाई गई जनसुनवाई का सयुंक्त पंचायत जनसंघर्ष समिति ने विरोध किया. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने किरंदुल के विद्यानगर चौक पर सड़क को जामकर राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

villagers protest against NMDC
सैकड़ों ग्रामीण ने एनएमडीसी का घेराव किया
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Published : Nov 6, 2022, 10:46 PM IST

Updated : Nov 6, 2022, 11:08 PM IST

दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला के डिपाजिट 14 के क्षमता विस्तारीकरण के लिए बुलाई गई जनसुनवाई का सयुंक्त पंचायत जनसंघर्ष समिति ने विरोध किया. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने किरंदुल के विद्यानगर चौक पर सड़क को जामकर राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. villagers protest against NMDC

आंदोलनकारियों को समाजसेवी सोनी सोरी का मिला समर्थन
क्या है पूरा मामला: ग्रामीणों के साथ सयुंक्त पंचायत समिति के अध्यक्ष नंदा मंडावी ने बताया कि "एनमडीसी ने जनसुनवाई के लिए किरंदुल से दस किलोमीटर के आसपास सात ग्राम पंचायत को बुलाया गया है. जबकि लाल पानी से एनमडीसी माइंस से 53 गांव प्रभावित हैं.जिला प्रशासन व एनमडीसी के द्वारा डिपाजिट 14 एवं 14 एनएम जेड एमएलएस बैलाडीला, आयरन माइन किरंदुल द्वारा प्रस्तवित क्षमता विस्तार के संदर्भ में रविवार को 11 बजे शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल विद्यानगर किरंदुल में जनसुनवाई रखी गई थी.यह भी पढ़ें: धान तिहार 2022: दंतेवाड़ा में धान खरीदी केंद्रों में छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा कर शुभारंभ


सैकड़ों ग्रामीणों ने की जनसुनवाई के विरोध में नारेबाजी: जनसुनवाई में सभी गांव के लोगों को नहीं बुलाए जाने पर विरोध करने सैकड़ों ग्रामीण जनसुनवाई के विरोध में नारेबाजी करते रहे. सयुंक्त पंचायत कमेटी के लोगों ने कहा "मादाडी, चोलनार, कडमपाल, बेंगपाल, दुगेली जैसे गांवों के लोगों को जनसुनवाई में बुलाया गया है. बैलाडीला पहाड़ के पीछे बुरगिल पंचायत के पांच गांव, पुसनार पंचायत के 8 पारा, गंगालूर, गोंगला, मेटटा पाड, कमकानार, हिरोली, गुमियापाल जैसे गांवों को भी ग्रामीणों ने प्रभावित बताया.

सैकड़ों ग्रामीणों ने की जनसुनवाई के विरोध में नारेबाजी
आंदोलनकारियों को समाजसेवी सोनी सोरी का मिला समर्थन: आंदोलनकारियों का समर्थन करने समाजसेवी सोनी सोरी भी पहुंची थी. सोनी सोरी ने कहा "एनमडीसी 60 सालों से लोहा का दोहन कर पेड़-पौधों को काट कर रही है. इसके एवज में एनएमडीसी द्वारा प्रभावित गांवों की संख्या 50 से ज्यादा है. फिर जनसुनवाई में सात गांव के लोगों को ही क्‍यों बुलाया गया. एनमडीसी की वजह से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. नदी-नालों का पानी दूषित हो रहा है. पेड़ों को काटकर प्लांटेशन नहीं किया जा रहा है."

दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला के डिपाजिट 14 के क्षमता विस्तारीकरण के लिए बुलाई गई जनसुनवाई का सयुंक्त पंचायत जनसंघर्ष समिति ने विरोध किया. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने किरंदुल के विद्यानगर चौक पर सड़क को जामकर राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. villagers protest against NMDC

आंदोलनकारियों को समाजसेवी सोनी सोरी का मिला समर्थन
क्या है पूरा मामला: ग्रामीणों के साथ सयुंक्त पंचायत समिति के अध्यक्ष नंदा मंडावी ने बताया कि "एनमडीसी ने जनसुनवाई के लिए किरंदुल से दस किलोमीटर के आसपास सात ग्राम पंचायत को बुलाया गया है. जबकि लाल पानी से एनमडीसी माइंस से 53 गांव प्रभावित हैं.जिला प्रशासन व एनमडीसी के द्वारा डिपाजिट 14 एवं 14 एनएम जेड एमएलएस बैलाडीला, आयरन माइन किरंदुल द्वारा प्रस्तवित क्षमता विस्तार के संदर्भ में रविवार को 11 बजे शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल विद्यानगर किरंदुल में जनसुनवाई रखी गई थी.यह भी पढ़ें: धान तिहार 2022: दंतेवाड़ा में धान खरीदी केंद्रों में छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा कर शुभारंभ


सैकड़ों ग्रामीणों ने की जनसुनवाई के विरोध में नारेबाजी: जनसुनवाई में सभी गांव के लोगों को नहीं बुलाए जाने पर विरोध करने सैकड़ों ग्रामीण जनसुनवाई के विरोध में नारेबाजी करते रहे. सयुंक्त पंचायत कमेटी के लोगों ने कहा "मादाडी, चोलनार, कडमपाल, बेंगपाल, दुगेली जैसे गांवों के लोगों को जनसुनवाई में बुलाया गया है. बैलाडीला पहाड़ के पीछे बुरगिल पंचायत के पांच गांव, पुसनार पंचायत के 8 पारा, गंगालूर, गोंगला, मेटटा पाड, कमकानार, हिरोली, गुमियापाल जैसे गांवों को भी ग्रामीणों ने प्रभावित बताया.

सैकड़ों ग्रामीणों ने की जनसुनवाई के विरोध में नारेबाजी
आंदोलनकारियों को समाजसेवी सोनी सोरी का मिला समर्थन: आंदोलनकारियों का समर्थन करने समाजसेवी सोनी सोरी भी पहुंची थी. सोनी सोरी ने कहा "एनमडीसी 60 सालों से लोहा का दोहन कर पेड़-पौधों को काट कर रही है. इसके एवज में एनएमडीसी द्वारा प्रभावित गांवों की संख्या 50 से ज्यादा है. फिर जनसुनवाई में सात गांव के लोगों को ही क्‍यों बुलाया गया. एनमडीसी की वजह से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. नदी-नालों का पानी दूषित हो रहा है. पेड़ों को काटकर प्लांटेशन नहीं किया जा रहा है."
Last Updated : Nov 6, 2022, 11:08 PM IST
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