दंतेवाड़ा: जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान (lone varratu Campaign) से प्रभावित होकर एक इनामी नक्सली सहित तीन नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है.
इस नक्सल उन्मूलन लोन वर्राटू अभियान के तहत नक्सली लगातार अपना संगठन छोड़कर छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति (rehabilitation policy) का फायदा उठाने के लिए सरेंडर कर रहे हैं. जिसके लिए दंतेवाड़ एसपी अभिषेक पल्लव (Dantewada SP Abhishek Pallav) लगातार नक्सलियों से मुख्यधारा में जुड़ने की अपील कर रहे हैं. एसपी नक्सलियों से लाल आतंक का रास्ता छोड़ सरकार की ओर से चलाई जा रही पुनर्वास नीति का फायदा उठाने की अपील की है. बता दें कि इससे पहले भी एसपी अभिषेक पल्लव ने नक्सलियों को सरेंडर करने की अपील की है. एसपी का कहना है कि कोरोना संक्रमित नक्सली अगर सरेंडर करते हैं तो उनका इलाज सरकार कराएगी.
नक्सलियों में खलबली
अब तक कई बड़े नक्सली लीडर्स कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. कई नक्सलियों की कोरोना से मौत हुई है. जिसको देखते हुए नक्सली संगठनों में खलबली मच गई है. नतीजतन कई नक्सली छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति (Rehabilitation Policy of Chhattisgarh Government) के तहत सरेंडर कर रहे हैं. इसके तहत सोमवार को भी एक इनामी नक्सली सहित 3 नक्सलियों ने सरेंडर कर अच्छा जीवन जीने की इच्छा जताई है.
350 से ज्यादा नक्सलियों ने छोड़ा लाल आतंक का रास्ता
लोन वर्राटू अभियान के तहत जिले में अब तक 100 इनामी सहित कुल 378 नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं. सरकार की पॉलिसी के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों के खाते में प्रोत्साहन राशि के रुप में 10 हजार रुपये भी डाले जा रहे हैं.
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नक्सलियों के बनाए जा रहे सरकारी दस्तावेज
लोन वर्राटू अभियान (Lone Verratu Campaign ) के तहत सरेंडर (Surrendered Naxalites ) कर मुख्यधारा से जुड़ चुके पूर्व नक्सलियों को लेकर प्रशासन ने पहल भी शुरू की है. सरेंडर किए हुए नक्सलियों को शासकीय योजनाओं के फायदे से भी जोड़ा जा रहा है. दंतेवाड़ा जिला प्रशासन (Dantewada District Administration) सभी सरेंडर नक्सलियों के पहचान पत्र बनवा रहा है. (Identity Cards of Surrendered Naxalites ) उनके आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेज भी बनवाए जा रहे हैं. (naxal affected area ) इसके लिए परिवहन की सुविधा भी प्रशासन उपलब्ध करा रहा है. अब तक करीब 255 सरेंडर नक्सलियों के दस्तावेज बनाए गए हैं.
क्या है लोन वर्राटू अभियान ?
लोन वर्राटू गोंडी शब्द है जिसका अर्थ 'घर वापस आइए' होता है. इस अभियान से ग्रामीणों को जोड़ने के लिए पुलिस ने सरेंडर कर चुके नक्सलियों के नाम बैनर में लगाए हैं. ताकि ग्रामीण अपने उन लोगों को यह बात बता सके जो लाल आतंक से जुड़े हुए हैं. ग्रामीण भी अपने गांव के नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने की अपील कर रहे हैं. यही वजह है कि लोन वर्राटू अभियान के तहत आदिवासी लगातार नक्सल संगठन छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.
1 साल पहले हुई थी शुरुआत
दंतेवाड़ा पुलिस ने जून 2020 को लोन वर्राटू अभियान (घर वापस आइए अभियान) की शुरुआत की थी. पुलिस ने ग्राम पंचायतवार नक्सलियों की सूची जारी कर गांवों में चस्पा कराया था. इस अभियान के शुरू होने के बाद तब तक 100 इनामी सहित 378 नक्सलियों ने हथियार डाल सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में कई कमांडर स्तर के भी नक्सली शामिल हैं. वहीं इस अभियान की तारीफ सीएम भूपेश बघेल भी कर चुके हैं.
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अब तक कितने नक्सलियों ने किया सरेंडर ?
गांव का नाम | आत्मसमर्पित नक्सलियों की संख्या |
कटेकल्याण | 95 |
कुआकोंडा | 57 |
किरंदुल | 85 |
बारसूर | 70 |
अरनपुर | 32 |
भांसी | 32 |
बचेली | 01 |
मालेवाही | 08 |
बॉर्डर इलाके के गांव | 68 |