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9 महीने तक डॉक्टर बन करता रहा इलाज, 6 महीने से है फरार, प्रशासन अभी भी कर रहा FIR की तैयारी - जिंदगी के साथ खिलवाड़

दंतेवाड़ा के जवांगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक 'मुन्नाभाई' का पर्दाफाश हुआ है, फर्जी डिग्री के सहारे आरोपी 9 महीने से मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा था. मामला सामने आने के बाद से आरोपी फरार है.

जवांगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्जी डॉक्टर
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Published : Jul 25, 2019, 7:55 AM IST

Updated : Jul 25, 2019, 9:48 AM IST

दंतेवाड़ा: जवांगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्जी दस्तावेजों के सहारे डॉक्टरी कर रहे फर्जी डॉक्टर का खुलासा हुआ है. यहां रोशन मिश्रा नाम का युवक 'मुन्नाभाई' बन पिछले 9 महीने से अस्पताल में इलाज कर रहा था. इतना ही नहीं रोशन सरकार से प्रतिमाह 95 हजार रुपये तनख्वाह भी ले रहा था.

'मुन्नाभाई MBBS' का पर्दाफाश

9 माह तक करता रहा इलाज
बताया जा रहा है, जावंगा पीएचसी में 9 महीने पहले रोशन नाम के युवक को पदस्थ किया गया था. जिसके लिए उसने जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के पास सभी दस्तावेज सौंपा. जिसपर स्वास्थ्य विभाग ने बिना जांच किये उसे नौकरी पर रख लिया. रोशन मिश्रा 9 महीनों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच अपनी धाक जमा मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करता रहा और इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी.

शिकायत के बाद फर्जी डॉक्टर फरार
मामले में रायपुर के अर्पित नाम के एक युवक ने इसकी शिकायत कर दी. जिसपर जांच की गई तो जवांगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ रोशन मिश्रा के सभी दस्तावेज और डिग्री फर्जी पाये गए. इसी बीच आरोपी रोशन मिश्रा को उसके खिलाफ की गई शिकायत की भनक मिल गई. जिसके बाद से वो अस्पताल छोड़ फरार है. आरोपी पिछले 6 महीने से काम पर नहीं लौटा है.

एफआईआर की तैयारी
प्रशासनिक अधिकारियों ने रोशन मिश्रा के दस्तावेजों की जांच करने के बाद बताया कि, आरोपी ने खुद को जबलपुर के सुभाष चंद्र बॉस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस होना बताया था. जब यहां से उससे जुड़ी जानकारी मांगी गई तो कॉलेज के डीन ने कोई पंजीयन न होने की बात कही. इसके साथ ही सभी अनुभव सर्टिफिकेट भी झूठे साबित हुए हैं. इसके बाद डिप्टी कलेक्टर प्रकाश भारद्वाज फर्जी डॉक्टर के खिलाफ रिकबरी और FIR करवाने की बात कह रहे हैं.

दंतेवाड़ा: जवांगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्जी दस्तावेजों के सहारे डॉक्टरी कर रहे फर्जी डॉक्टर का खुलासा हुआ है. यहां रोशन मिश्रा नाम का युवक 'मुन्नाभाई' बन पिछले 9 महीने से अस्पताल में इलाज कर रहा था. इतना ही नहीं रोशन सरकार से प्रतिमाह 95 हजार रुपये तनख्वाह भी ले रहा था.

'मुन्नाभाई MBBS' का पर्दाफाश

9 माह तक करता रहा इलाज
बताया जा रहा है, जावंगा पीएचसी में 9 महीने पहले रोशन नाम के युवक को पदस्थ किया गया था. जिसके लिए उसने जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के पास सभी दस्तावेज सौंपा. जिसपर स्वास्थ्य विभाग ने बिना जांच किये उसे नौकरी पर रख लिया. रोशन मिश्रा 9 महीनों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच अपनी धाक जमा मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करता रहा और इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी.

शिकायत के बाद फर्जी डॉक्टर फरार
मामले में रायपुर के अर्पित नाम के एक युवक ने इसकी शिकायत कर दी. जिसपर जांच की गई तो जवांगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ रोशन मिश्रा के सभी दस्तावेज और डिग्री फर्जी पाये गए. इसी बीच आरोपी रोशन मिश्रा को उसके खिलाफ की गई शिकायत की भनक मिल गई. जिसके बाद से वो अस्पताल छोड़ फरार है. आरोपी पिछले 6 महीने से काम पर नहीं लौटा है.

एफआईआर की तैयारी
प्रशासनिक अधिकारियों ने रोशन मिश्रा के दस्तावेजों की जांच करने के बाद बताया कि, आरोपी ने खुद को जबलपुर के सुभाष चंद्र बॉस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस होना बताया था. जब यहां से उससे जुड़ी जानकारी मांगी गई तो कॉलेज के डीन ने कोई पंजीयन न होने की बात कही. इसके साथ ही सभी अनुभव सर्टिफिकेट भी झूठे साबित हुए हैं. इसके बाद डिप्टी कलेक्टर प्रकाश भारद्वाज फर्जी डॉक्टर के खिलाफ रिकबरी और FIR करवाने की बात कह रहे हैं.

Intro:मुन्ना भाई एमबीबीएस जावंगा पीएचसी में करता रहा इलाज
- सरकार से लेता रहा 95 हजार प्रतिमाह तनख्वाह
- रायपुर के व्यकि की शिकायत के बाद मामला हुआ उजागर
दंतेवाड़ा। फर्जी दस्तावेजों से तमाम नौकरी के मामले उजागर हुई है। लेकिन आज एक ऐसा मामला उजागर हो रहा है, जिसे जान सभ हैरान रह जाएंगे। रोशन मिश्रा नाम का युवक मुन्ना भाई एमबीबीएस बन कर इलाज करता राहावौर सरकार से प्रतिमाह 95 हजार रुपए तनख्वाह भी लेता रहा। इतना ही नही इस नौकरी को पाने के लिए सभी दस्तावेजों को भी जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपे थे। इधर स्वास्थ्य विभाग ने आंखे बंद कर उसको नौकरी पर भी रख लिया।



Body:9 माह तक करता रहा गलत इलाज
जावंगा पीएचसी में उसकी पदस्थापना की गई। वह यहां मरीजों का इलाज भी करता रहा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच अपनी धाक को भी कायम रखा। 9 माह तक किसी को भनक तक नही लगी। रायपुर के अर्पित नाम के युवक ने शिकायत की। उसकी शिकायत के आधार पर जांच हुई तो मामला उजागर हुआ है। उसके खिलाफ जब शिकायत हुई तो वह फरार हो गया। पिछले 6 माह से वह काम पर नही लौटा।
अब हो रही एफआईआर की तैयारी
प्रशासनिक अधिकारियों ने डॉ रोशन मिश्रा के दस्तावेजो की जांच की। उसने खुद को जबलपुर के सुभाष चंद्र बॉस मेडिकल कालेज से एमबीबीएस होना बताया। यहां से जब उससे जुड़ी जानकारी मांगी गई तो कॉलेज के डीन ने कोई पंजीयन न होने की बात कही। इसके साथ ही सभी अनुभव सर्टिफिकेट भी झूठे साबित हुए। अब अधिकारी उस पर रिकबरी और एफआर करवाने की बात कह रहे है।





Conclusion:डिप्टी कलक्टर प्रकाश भारद्वाज ने बताया कि फर्जी दस्ताबेजो से रोशन मिश्रा डॉ बन कर नौकरी करता रहा। उसके दस्ताबेजो की जांच हो चुकी है। अब उसके खिलाफ एफआर होगी।
Last Updated : Jul 25, 2019, 9:48 AM IST
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