दंतेवाड़ा: जवांगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्जी दस्तावेजों के सहारे डॉक्टरी कर रहे फर्जी डॉक्टर का खुलासा हुआ है. यहां रोशन मिश्रा नाम का युवक 'मुन्नाभाई' बन पिछले 9 महीने से अस्पताल में इलाज कर रहा था. इतना ही नहीं रोशन सरकार से प्रतिमाह 95 हजार रुपये तनख्वाह भी ले रहा था.
9 माह तक करता रहा इलाज
बताया जा रहा है, जावंगा पीएचसी में 9 महीने पहले रोशन नाम के युवक को पदस्थ किया गया था. जिसके लिए उसने जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के पास सभी दस्तावेज सौंपा. जिसपर स्वास्थ्य विभाग ने बिना जांच किये उसे नौकरी पर रख लिया. रोशन मिश्रा 9 महीनों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच अपनी धाक जमा मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करता रहा और इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी.
शिकायत के बाद फर्जी डॉक्टर फरार
मामले में रायपुर के अर्पित नाम के एक युवक ने इसकी शिकायत कर दी. जिसपर जांच की गई तो जवांगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ रोशन मिश्रा के सभी दस्तावेज और डिग्री फर्जी पाये गए. इसी बीच आरोपी रोशन मिश्रा को उसके खिलाफ की गई शिकायत की भनक मिल गई. जिसके बाद से वो अस्पताल छोड़ फरार है. आरोपी पिछले 6 महीने से काम पर नहीं लौटा है.
एफआईआर की तैयारी
प्रशासनिक अधिकारियों ने रोशन मिश्रा के दस्तावेजों की जांच करने के बाद बताया कि, आरोपी ने खुद को जबलपुर के सुभाष चंद्र बॉस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस होना बताया था. जब यहां से उससे जुड़ी जानकारी मांगी गई तो कॉलेज के डीन ने कोई पंजीयन न होने की बात कही. इसके साथ ही सभी अनुभव सर्टिफिकेट भी झूठे साबित हुए हैं. इसके बाद डिप्टी कलेक्टर प्रकाश भारद्वाज फर्जी डॉक्टर के खिलाफ रिकबरी और FIR करवाने की बात कह रहे हैं.