दंतेवाड़ा: पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. हर घर तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा गया है. इस बीच नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हर घर तिरंगा अभियान एक बड़ी चुनौती है. लेकिन दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के जवानों ने हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने का लक्ष्य पूरा करने का संकल्प लिया है.
सीआरपीएफ जवान करेंगे लक्ष्य पूरा: दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले में तैनात सीआरपीएफ के जवान तिरंगा के सम्मान में आयोजन कर रहे हैं. सीआरपीएफ की 111वीं बटालियन दंतेवाड़ा के करली स्थित मुख्यालय में प्रभात फेरी निकालकर लोगों को तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित कर रही है. इस प्रभात फेरी में स्कूली बच्चे, आम नागरिक और जवान शामिल हुए. इस दौरान कमाण्डेन्ट नीरज यादव ने हर घर तिरंगा अभियान को लेकर कहा कि ये हमारे देश का गौरवपूर्ण इतिहास है. देश के लिए लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया है.
कैंप खुलने से राहत: दंतेवाड़ा जिले के धुर नक्सलगढ़ गांव चिंगावरम, रेंगानार, भूसारास घाटी, छिंदगुफा, नेरली सहित अन्य गांव नक्सलियों का गढ़ रहा है. यहां कैम्प खुलने के बाद लोगों को राहत मिली है.
दहशत के साए में देशभक्ति का माहौल: सीआरपीएफ अफसरों व जवानों को ऐसे इलाके में तिरंगा बांटकर ग्रामीणों को इसका महत्व बताना भी इतना आसान नहीं है. कुछ ग्रामीण तिरंगा लेने से भी भयभीत जरूर हो रहे हैं. अंदरूनी गांवों में नक्सलियों का खौफ अब भी है. ग्रामीणों ने दबी जुबां से अफसरों व जवानों को बताया कि "जब फोर्स यहां आती है तो नक्सली दूर भाग जाते हैं. लेकिन जब पुलिस, सीआरपीएफ नहीं आती है तो नक्सलियों की आवाजाही लगी रहती है. ऐसे में भय सताता है. लेकिन राष्ट्रध्वज फहराने से हम डरेंगे नहीं."
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चुनौती का डटकर करेंगे सामना: सीआरपीएफ 111 बटालियन के कमांडेंट दिनेश सिंह चंदेल ने बताया कि "दंतेवाड़ा सहित सुकमा जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांवों में बटालियन की कंपनी है. जिन गांवों में सीआरपीएफ तैनात हैं, उस गांव के अलावा यहां के आसपास के गांवों में भी हमारा फोकस है."