दंतेवाड़ा: अच्छी बारिश के लिए भीमसेन जात्रा अर्थात इंद्रदेव की पूजा की परंपरा दंतेवाड़ा में निभाई गई. इस दौरान 12 परगना के सैकड़ों ग्रामीण हर साल की तरह इस बार भी भीमसेन जात्रा में देव पूजा में शामिल होने पहुंचे. अंचल में अच्छी बारिश, अच्छी फसल और गांव की सुख-समृद्धि के लिए भगवान इंद्रदेव को मनाने ग्रामीणों ने पूजा अर्चना की. परंपरानुसार सुबह दंतेवाड़ा के शीतला माता मंदिर में माता की पूजा अर्चना हुई. यह पूजा मां दतेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी द्वारा की गई.
अच्छी बारिश और फसल के लिए होती है पूजा: सावन महीना शुरू होने के बाद भी बस्तर अंचल में अब तक अच्छी बारिश नहीं हुई है. जिससे अकाल पड़ने की आशंका से ग्रामीण डरे हुए हैं. ग्रामीण अब देवी देवताओं को मनाने में जुट गए हैं. रविवार को हरियाली अमावस्या पड़ रही है, रिवाज है कि हरियाली अमावस्या से पहले ही भीमसेन पूजा की जाती है.
पौराणिक काल से चली आ रही परंपरा: बस्तर में पौराणिक काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार इस साल भी भीमसेन देव की मनाने के लिए ग्रामीण उदेला पहाड़ पहुंचे. ग्रामीणों ने दंतेवाड़ा जिले के उदेला की पहाड़ी पर स्थित भीमसेन देव के पत्थर को हिलाया और अच्छी बारिश की कामना की. मान्यता है की ऐसा करने से इंद्र देव प्रसन्न होकर अच्छी बारिश करते हैं. आदिवासी समाज के लोग हर साल क्षेत्र में कम वर्षा होने के कारण या अधिक वर्षा होने पर भीमसेन देव की शरण में पहुंचते हैं. 84 गांव के लोग इकट्ठा होकर अपने-अपने गांव का पानी हांडी में लेकर यहां पहुंचते हैं.