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भीमा मंडावी नहीं, मैं था नक्सलियों के निशाने पर : छबिंद्र कर्मा

छबिंद्र कर्मा ने कहा कि नक्सलियों ने भीमा मंडावी को नहीं बल्कि उन्हें टारगेट किया था. 9 अप्रैल 2018 में हुए नक्सली हमले भीमा मंडावी की जान चली गई थी. वे उस वक्त दंतेवाड़ा से विधायक थे.

छविंद्र कर्मा
छविंद्र कर्मा
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Published : Mar 16, 2020, 4:09 PM IST

Updated : Mar 16, 2020, 4:34 PM IST

दंतेवाड़ा: 9 अप्रैल 2018 को हुए नक्सली हमले में तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी विधायक भीमा मंडावी की जान चली गई थी. भीमा मंडावी पर हुए नक्सली हमले के मामले में कांग्रेसी नेता छबिंद्र कर्मा ने एक नया खुलासा किया है. कर्मा का कहना है कि जिस IED की चपेट में आने से भीमा मंडावी की जान गई, वो IED नक्सलियों ने उनके लिए लगाई थी. कर्मा ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने इस बात की जानकारी दी है.

भीमा मंडावी की मौत पर बड़ा खुलासा

पुलिस अधीक्षक को इस बात की जानकारी हमले में शामिल नक्सली ने दी है, जिसने हाल ही में आत्मसमर्पण किया है. सरेंडर करने वाले नक्सली ने पुलिस अधिकारी के सामने इस बात का खुलासा किया है कि घटना वाले दिन भीमा मंडावी नहीं बल्कि छबिंद्र कर्मा और कांग्रेस के नेता अवधेश गौतम नक्सलियों के निशाने पर थे. सुरक्षा के लिहाज से उनका रूट चार्ट बदलना दोनों कांग्रेसी नेता के लिए वरदान साबित हुआ. वहीं भीमा मंडावी नकसलियों के निशाने पर आ गए और उनकी मौत हो गई.

'वे खुद नकसलियों के निशाने पर'

छबिंद्र कर्मा ने बताया कि 9 अप्रैल 2018 में हुए इस नक्सली हमले में वे खुद नक्सलियों के निशाने पर थे. कर्मा ने बताया कि उनके निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भीमा मंडावी से पहले ही उन्हें नकुलनार से श्यामगिरी गोंगपाल होते पालनार जाना था. लेकिन छबिंद्र नकुलनार से श्यामगिरी होते पालनार न जाकर सीधे गोंगपाल होते पालनार चले गए.

'भीमा मंडावी की मौत हो गई'

इस बीच नक्सलियों को इस बात की खबर लगी कि भीमा मंडावी श्यामगिरी में मौजूद हैं. वापस लौटते वक्त नक्सलियों ने इस बड़ी वारदात को अंजाम दिया, जिसमें भीमा मंडावी की मौत हो गई. किस्मत से छबिंद्र बाल-बाल बच गए. छविंद्र कर्मा ने कहा कि भगवान का वरदान ही रहा कि वह नक्सलियों के निशाने से कई बार बच निकले हैं. इससे पहले भी नक्सली कई बार उन पर हमला कर चुके हैं.

दंतेवाड़ा: 9 अप्रैल 2018 को हुए नक्सली हमले में तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी विधायक भीमा मंडावी की जान चली गई थी. भीमा मंडावी पर हुए नक्सली हमले के मामले में कांग्रेसी नेता छबिंद्र कर्मा ने एक नया खुलासा किया है. कर्मा का कहना है कि जिस IED की चपेट में आने से भीमा मंडावी की जान गई, वो IED नक्सलियों ने उनके लिए लगाई थी. कर्मा ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने इस बात की जानकारी दी है.

भीमा मंडावी की मौत पर बड़ा खुलासा

पुलिस अधीक्षक को इस बात की जानकारी हमले में शामिल नक्सली ने दी है, जिसने हाल ही में आत्मसमर्पण किया है. सरेंडर करने वाले नक्सली ने पुलिस अधिकारी के सामने इस बात का खुलासा किया है कि घटना वाले दिन भीमा मंडावी नहीं बल्कि छबिंद्र कर्मा और कांग्रेस के नेता अवधेश गौतम नक्सलियों के निशाने पर थे. सुरक्षा के लिहाज से उनका रूट चार्ट बदलना दोनों कांग्रेसी नेता के लिए वरदान साबित हुआ. वहीं भीमा मंडावी नकसलियों के निशाने पर आ गए और उनकी मौत हो गई.

'वे खुद नकसलियों के निशाने पर'

छबिंद्र कर्मा ने बताया कि 9 अप्रैल 2018 में हुए इस नक्सली हमले में वे खुद नक्सलियों के निशाने पर थे. कर्मा ने बताया कि उनके निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भीमा मंडावी से पहले ही उन्हें नकुलनार से श्यामगिरी गोंगपाल होते पालनार जाना था. लेकिन छबिंद्र नकुलनार से श्यामगिरी होते पालनार न जाकर सीधे गोंगपाल होते पालनार चले गए.

'भीमा मंडावी की मौत हो गई'

इस बीच नक्सलियों को इस बात की खबर लगी कि भीमा मंडावी श्यामगिरी में मौजूद हैं. वापस लौटते वक्त नक्सलियों ने इस बड़ी वारदात को अंजाम दिया, जिसमें भीमा मंडावी की मौत हो गई. किस्मत से छबिंद्र बाल-बाल बच गए. छविंद्र कर्मा ने कहा कि भगवान का वरदान ही रहा कि वह नक्सलियों के निशाने से कई बार बच निकले हैं. इससे पहले भी नक्सली कई बार उन पर हमला कर चुके हैं.

Last Updated : Mar 16, 2020, 4:34 PM IST
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