रायपुर: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के नक्सल प्रभावित गांव के आदिवासी छात्रों ने गुडसे आश्रम अधीक्षक पर प्रताड़न का आरोप लगाया है. छात्रों का आरोप है कि अधीक्षक दारू पीकर आश्रम आते हैं. खाना मांगने पर समय से नहीं देते हैं और न ही साबुन, तेल जैसी जरूरतें पूरी करते हैं. इसको लेकर स्कूल बच्चों और ग्रमीणों ने दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार और सहायक आयुक्त से की है.
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अधीक्षक धीरज कुमार नाग का बर्ताव ठीक नहीं: दरअसल, यह मामला कटेकल्याण ब्लॉक के नक्सल प्रभावित गांव गुड़से आश्रम का है. साल 2013-14 में यहां 100 सीटर आश्रम शाला का शुभारंभ किया गया था. वर्तमान में इस 100 आश्रम में 30 बच्चे रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. ग्रामीणों और बच्चों का कहना है कि "आश्रम अधीक्षक धीरज कुमार नाग का बर्ताव सही नहीं रहता. इसलिए कई बच्चे या तो पढ़ाई छोड़ रहे हैं या फिर घर जाने के बाद दोबारा आश्रम नहीं आ रहे. यदि गांव के ग्रामीण अधीक्षक के इस रवैया का विरोध करते हैं तो उनके साथ भी बुरा बर्ताव किया जाता है."
नए अधीक्षक की मांग: वहीं ग्रामीणों ने अधीक्षक का विरोध किया है. सभी कलेक्टर और सहायक आयुक्त से मिलने जिला मुख्यालय भी पहुंचे. ग्रामीणों और बच्चों ने आश्रम अधीक्षक को हटाने की मांग की है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए अधीक्षक धीरज कुमार नाग को हटाया जाए. इनकी जगह किसी दूसरे अधीक्षक की नियुक्ति की जाए. इधर, इस मामले में दंतेवाड़ा के सहायक आयुक्त आनंदजी सिंह ने कहा कि शिकायत मिली है. मामले की जांच की जा रही है.