बिलासपुर : बिलासपुर में महिला ने बीमारी का बहाना बनाकर एक युवक के साथ 42 लाख रुपए की ठगी की है. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब युवक को रुपए की जरुरत पड़ी और वो महिला से पैसे मांगने उसके घर गया. महिला ने युवक को देखते ही बहाने बनाने शुरु कर दिए.आखिरकार युवक को शक हुआ कि उसके पैसे अब फंस चुके हैं.लिहाजा युवक ने थाने सिविल लाइन थाने में इसकी शिकायत की.
महिला ने मां की बीमारी का दिया झांसा : सिविल लाइन थाना प्रभारी प्रदीप आर्या ने बताया कि सिरगिट्टी इंडस्ट्रियल एरिया के रहने वाले रविंद्र सिंह भाटिया से अन्नपूर्णा नाम की महिला की मुलाकात हुई. दोनों के बीच दोस्ती हुई.इसके बाद पारिवारिक रिश्ते भी बने.कोविड काल के दौरान महिला अपने परिचित डॉक्टर के साथ 10 नवंबर 2020 को युवक की कंपनी में पहुंची. इसी दौरान महिला ने बताया कि उसकी मां की तबीयत बहुत खराब है. उनके बेहतर इलाज के लिए रकम की जरूरत है. रविंद्र ने अन्नपूर्णा की बातों में आकर उसके खाते में 2 लाख रुपए ट्रांसफर किए.
'' महिला बीमारी का बहाना कर रकम ले ली. लेकिन जब रविंद्र ने डॉक्टर से पूछताछ की तो पता चला कि पैसा इलाज में नहीं बल्कि प्रॉपर्टी के काम में लगाया गया है.रविंद्र को ठगी का अहसास होने पर उसने शिकायत दर्ज कराई है.'' प्रदीप आर्या, थाना प्रभारी सिविल लाइन
ठगी के लिए डॉक्टर का लिया सहारा : पुलिस के मुताबिक महिला ने ठगी के लिए खुद के अकाउंट के बजाए डॉक्टर के अकाउंट का इस्तेमाल किया.ताकि रविंद्र को लगे कि पैसा बीमारी के इलाज के लिए दिया जा रहा है.लेकिन ऐसा नहीं था.डॉक्टर इस पैसे को निकालकर महिला को दे देता था.रविंद्र की माने तो अब तक वो महिला के नाम पर 42 लाख रुपए दे चुका है.
कोनी थाना पुलिस ने धमकी देने वाले को दबोचा : वहीं पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विवि के कुलपति डॉक्टर बंशगोपाल सिंह को धमकी देने वाले शख्स को पुलिस ने दबोचा है. आरोपी ने कुलपति के बेटे को जान से मारने की धमकी खत लिखकर दी थी. कोनी थाना निरिक्षक गोपाल सतपथी ने बताया कि 19 दिसंबर 2023 को पंडित सुंदर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बंश गोपाल सिंह को एक साधारण डाक से फर्जी नाम पता लिखा धमकी भरा खत मिला. जिसमें उनके बेटे को जान से मारने की धमकी देते हुए वेतन बढ़ाने, नई भर्ती पर रोक लगाने सहित गाली गलौच लिखी थी.
फर्जी नाम पते से लिखा था खत : आरोपी ने जिस पत्र को डाक से भेजा था उसमे भेजने के दौरान अपना नाम कतियापरा, जूना बिलासपुर बताया था जो कि फर्जी था.खत में वेतन बढ़ाने की बात लिखी थी. साथ ही साथ दस साल बर्बाद कर देने की भी बात का उल्लेख खत में था.धमकी भरा खत मिलने के बाद कुलपति ने इसकी शिकायत कोनी थाने में दर्ज कराई.जिसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरु की.
कैसे आरोपी तक पहुंची पुलिस : छानबीन के दौरान कोनी पुलिस टीम ने विश्वविद्यालय पहुंच कर सभी अधिकारी कर्मचारियों का पिछले एक साल के छुट्टी का आवेदन मंगवाया.इसके बाद हैंडराइटिंग मिलान के बाद संदिग्धों से कड़ी पूछताछ की.इस दौरान पता चला कि छह माह पहले भृत्य संतोष पाण्डेय ने कुलपति को नई भर्ती लेने को लेकर धमकी दी थी. जिसके बाद संतोष कुमार पाण्डेय के छुट्टी के आवेदन का धमकी भरे खत से मिलान किया गया.जिसमें दोनों की हैंडराइटिंग मैच कर गई. पूछताछ करने पर संतोष पाण्डेय ने अपना जुर्म कबूल किया. संतोष के मुताबिक वो पिछले 18 साल से मानदेय पर काम कर रहा है.रेगुलर नहीं होने पर उसने ऐसा कदम उठाया.