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बिलासपुर : निगम प्रशासन ने किया दावा, गर्मी में नहीं होगी पानी की समस्या - पानी की समस्या

बिलासपुर : शहर में जैसे-जैसे गर्मी की तपिश बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे पेय जल की समस्या का डर भी लोगों को सताने लगा है. पिछले साल जल स्तर गिरने के कारण शहर के रिहायशी इलाकों में भी लोगों को पानी की गंभीर समस्या से जूझना पड़ा था.

नगर निगम, बिलासपुर
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Published : Feb 21, 2019, 9:29 PM IST

बीते साल पानी की समस्या के कारण शहर में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस गए थे. शहर का सबसे गहरा कुदुदंड का बोर भी पिछली गर्मी में सूख गया था. इस कारण कुदुदंड और मंगला जैसे क्षेत्रों में भी पेय जल संकट की स्थिति देखने को मिली थी जो अब तक नहीं देखने को मिली थी.

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शहर के कुछ और प्रमुख क्रांति नगर, नेहरू नगर, विद्या नगर जैसे रिहायशी क्षेत्रों में भी जल संकट की स्थिति बनी थी, बीते साल निगम प्रशासन ने कुछ नए बोर भी किए थे और आपातकालीन स्थिति में पानी के टैंकर की व्यवस्था भी की थी, लेकिन नए बोर भी सक्सेस नहीं हो पाए और जल संकट की समस्या बरकरार रही थी.


जिला प्रशासन की सबसे बड़ी नाकामी यही है कि बीते 10 सालों से वाटर हार्वेस्टिंग परियोजना सिर्फ कागजों पर ही दिखी है उसे जमीन पर उतारा नहीं गया, जिसका खामियाजा भीषण जल संकट के रूप में अब शहर में देखने को मिल रहा है.


हालांकि निगम प्रशासन का ये दावा है कि वो आगे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और विशेष परिस्थितियों में टैंकर से जल सप्लाई भी की जाएगी, लेकिन सवाल ये है कि गिरते जल स्तर की समस्या के बीच क्या प्रशासन लोगों को पानी की सुविधा दे पाएगा.

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बीते साल पानी की समस्या के कारण शहर में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस गए थे. शहर का सबसे गहरा कुदुदंड का बोर भी पिछली गर्मी में सूख गया था. इस कारण कुदुदंड और मंगला जैसे क्षेत्रों में भी पेय जल संकट की स्थिति देखने को मिली थी जो अब तक नहीं देखने को मिली थी.

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शहर के कुछ और प्रमुख क्रांति नगर, नेहरू नगर, विद्या नगर जैसे रिहायशी क्षेत्रों में भी जल संकट की स्थिति बनी थी, बीते साल निगम प्रशासन ने कुछ नए बोर भी किए थे और आपातकालीन स्थिति में पानी के टैंकर की व्यवस्था भी की थी, लेकिन नए बोर भी सक्सेस नहीं हो पाए और जल संकट की समस्या बरकरार रही थी.


जिला प्रशासन की सबसे बड़ी नाकामी यही है कि बीते 10 सालों से वाटर हार्वेस्टिंग परियोजना सिर्फ कागजों पर ही दिखी है उसे जमीन पर उतारा नहीं गया, जिसका खामियाजा भीषण जल संकट के रूप में अब शहर में देखने को मिल रहा है.


हालांकि निगम प्रशासन का ये दावा है कि वो आगे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और विशेष परिस्थितियों में टैंकर से जल सप्लाई भी की जाएगी, लेकिन सवाल ये है कि गिरते जल स्तर की समस्या के बीच क्या प्रशासन लोगों को पानी की सुविधा दे पाएगा.

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Intro:बिलासपुर शहर में जैसे-जैसे गर्मी की तपिश बढ़ती जा रही है
वैसे-वैसे पेय जल की समस्या का डर भी लोगों को सताने लगा है । पिछले साल जल स्तर गिरने के कारण शहर के रिहाइशी इलाकों में भी पानी की गम्भीर समस्या सामने आ गई थी और प्रशासन लाचार दिखा था ।


Body:बीते वर्ष पानी की समस्या ने सबसे अधिक डराया था और लोग शहर में बूंद बूंद पानी को तरस गए थे । शहर के सबसे गहरा कुदुदंड का बोर भी पिछले गर्मी में जवाब दे दिया था इस कारण से कुदुदंड और मंगला जैसे क्षेत्रों में भी पेय जल संकट की स्थिति देखने को मिली थी जो अबतक नहीं देखने को मिली थी । शहर के कुछ और प्रमुख क्रांति नगर,नेहरू नगर, विद्या नगर जैसे रिहाइशी क्षेत्रों में भी जल संकट की स्थिति बनी थी,जहां गर्मी के मौसम में भी जलस्तर के कारण पानी की संकट कभी बनी नहीं थी । बीते वर्ष निगम प्रशासन ने कुछ नए बोर भी किये थे और आपातकालीन स्थिति में पानी के टैंकर की व्यवस्था भी की लेकिन कई नए बोर भी सक्सेस नहीं हो पाए और जल संकट की समस्या बरकरार रही । जिला प्रशासन की सबसे बड़ी नाकामी यही है कि बीते 10 सालों से वाटर हार्वेस्टिंग परियोजना सिर्फ कागजों पर ही दिखी है उसे जमीन पर उतारा नहीं गया जिसका खामियाजा भीषण जल संकट के रूप में अब शहर में देखने को मिल रहा है । हालांकि निगम प्रशासन का यह दावा है कि वो आगे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और विशेष परिस्थितियों में टैंकर से जल सप्लाई भी किया जाएगा । लेकिन सवाल यह है कि गिरते जल स्तर की समस्या के बीच क्या प्रशासन लोगों को पानी की सुविधा दे पाएगा ?
bite.... किशोर राय.... महापौर




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