बिलासपुर: जिला बिलासपुर पहला शहर होगा जहां डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की मॉनिटरिंग जीपीएफ और बार कोड के माध्यम से होगी. इससे सीधे निगम को पता चलेगा कि कचरा कलेक्शन सही ढंग से हो रहा है या नहीं. अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में 50 हजार घरों को इसके लिए चिह्नाकिंत किया गया है.
बिलासपुर शहर में अब डोर टू डोर कचरा कलेक्शन पर निगम की सीधी नजर रहेगी. इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत निगम सभी घरों की बार कोडिंग कर रहा है. जिसके जरिए कचरा कलेक्शन करने पहुंची गाड़ियों की पूरी जानकारी सीधे कंट्रोल रूम को मिलेगी. सफाई कर्मचारियों की मॉनिटरिंग और शहर में कचरे का सौ फीसदी उठाव हो, इसके लिए ये कवायद की जा रही है. प्रदेश में बिलासपुर से इसका पहला प्रयोग हो रहा है.
दरअसल, अभी तक निगम में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की मैनुअली मॉनिटरिंग की जा रही है. जिसके कारण कई बार डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में आ रही दिक्कतों पर निगम को बहुत लेट से जानकारी मिलती है. यही नहीं कई बार कचरा कलेक्ट करने वाली गाड़ियां घरों से बिना कचरा कलेक्ट किए ही वापस आ जाती हैं.
ऐसे में सफाई कर्मचारियों की मॉनिटरिंग और शहर में कचरे का शत-प्रतिशत उठाव हो, इसके लिए निगम स्मार्ट सिटी के IWMS (इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम) के जरिए अब डोर टू डोर कचरा कलेक्शन पर सीधे नजर रखने जा रहा है. इसके लिए इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत निगम सभी घरों की बार कोडिंग कर रहा है. जिसमें घरों के बाहर एक सेंसर लगाए जा रहे हैं, जो कचरा कलेक्शन करने पहुंची गाड़ियों में लगे सिस्टम को स्कैन कर कचरा कलेक्ट करने की जानकारी सीधे सर्वर को भेजेंगे.
इस दौरान अगर किसी घर या मोहल्ले में गाड़ियां कचरा कलेक्ट नहीं करती हैं, इसकी जानकारी भी तत्काल सर्वर में अपडेट हो जाएगी. अधिकारियों की माने तो, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में पहली बार बिलासपुर में इसकी शुरुआत की जा रही है. इससे सफाई की मॉनिटरिंग और कड़ी हो जाएगी. मोहल्ला या सिर्फ गली नहीं, बल्कि हर घर के हिसाब से मॉनिटरिंग होगी और शहर के लोगों को कचरे से मुक्ति तो मिलेगी ही साथ ही स्मार्ट सिटी के उद्देश्य को भी पूरा किया जा सकेगा.