बिलासपुर: महिलाओं पर दिए गए बयान को लेकर पूर्व और वर्तमान महिला आयोग की अध्यक्ष के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. वर्तमान अध्यक्ष किरणमयी नायक के बयान को पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय ने गैर जिम्मेदाराना बताया है. हर्षिता पांडेय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का स्टेट वुमन कमीशन इस समय एंटी वुमन कमीशन की तरह काम कर रहा है.
किरणमयी नायक का विवादस्पद बयान
एक दिन पहले ही कमीशन की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा था, कि ज्यादातर लड़कियां सहमति से संबंध बनाती हैं, फिर रेप की FIR दर्ज करा देती हैं.
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'महिला आयोग बना एंटी वुमन कमीशन'
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय ने महिला आयोग की वर्तमान अध्यक्ष के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. हर्षिता पांडेय ने महिलाओं के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए बने आयोग के सर्वोच्च पद पर बैठे पदाधिकारी का ऐसा पूर्वाग्रह रखना दुर्भाग्यपूर्ण है. महिला वर्ग को विधिक संरक्षण की जरुरत है. जिनके कंधों पर संरक्षण का दायित्व है, जब वही ऐसी सोच रखने लगें तो महिला आयोग को वुमन कमीशन ( woman commission ) कहने की बजाय एंटी वुमन कमीशन ( anti woman commission) कहना ज्यादा उचित होगा.
हर्षिता पांडेय ने यह भी कहा कि प्रदेश में जब सत्ता में बैठे लोग कोंडागांव, बलरामपुर, कवर्धा और जशपुर जैसे मामलों में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार में न्याय दिलाते नहीं दिखते तब महिला आयोग और सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं.
हर्षिता पांडेय के इस बयान पर किरणमयी नायक ने भी पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि महिला आयोग में महिलाएं अपनी पीड़ा लेकर आएं, अपनी गलतियां छुपाने के लिए नहीं. यदि कोई महिला किसी शादीशुदा पुरुष के साथ अवैध संबंध रख कर दूसरी महिला का घर उजाड़ने का काम करती है तो ऐसी महिलाओं को तुरंत सबक सीखाना चाहिए. किरणमयी नायक ने यह भी कहा कि यदि ये करना एंटी वूमेन है तो ऐसे काम हम करते रहेंगे.