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PWD की लेटलतीफी से बिलासपुर बहतराई राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र का हो रहा बंटाधार - बहतराई राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र का काम अधूरा

बहतराई राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र (Bahtarai State Sports Training Center) के निर्माण का काम 13 साल बाद भी नहीं हो पाया है. खिलाड़ियों को अब भी स्टेडियम के पूरा होने का इंतजार है. वहीं PWD का कहना है कि खेल विभाग से ही लेटलतीफी हो रही है. पहले प्रोजेक्ट के लिए जितना बजट मिला था उसमें काम पूरा नहीं हो पाया.

bahtarai state sports training center
बहतराई राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र बदहाल
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Published : Sep 20, 2021, 6:13 PM IST

बिलासपुर: जिले में बहतराई राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र (Bahtarai State Sports Training Center) का निर्माण 13 साल बाद भी अधूरा है. इस केंद्र को इनडोर और आउटडोर खेलों (indoor and outdoor games) के लिए तैयार किया जा रहा है. जिसमें केवल हॉकी स्टेडियम (Hockey Stadium) ही तैयार हो पाया है. खिलाड़ियों के साथ पीडब्ल्यूडी (PWD) मजाक कर रहा है. 60 करोड़ की लागत से शुरू हुआ निर्माण कार्य सौ करोड़ के ऊपर चला गया है. खिलाड़ियों को अब भी स्टेडियम के पूरा होने का इंतजार है.

बहतराई राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र बदहाल
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बहतराई में राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र का काम अधूरा

दरअसल, खिलाड़ियों को नेशनल और इंटरनेशनल खेल सुविधा देने के लिए साल 2006 में 68 करोड़ रुपए की लागत से बहतराई ग्राम में सर्व सुविधा युक्त राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र (State Sports Training Center) बनाने की मंजूरी मिली थी. साल 2008 में प्रोजेक्ट पर काम शुरू भी हुआ, लेकिन उसके बाद प्रोजेक्ट धीरे -धीरे प्रशासनिक उदासीनता और राजनीति की भेंट चढ़ती गई. आज प्रोजेक्ट को शुरू हुए 13 साल बीत गए हैं. लागत 68 करोड़ से सवा सौ करोड़ पहुंच गया है, लेकिन अब तक अरबों का ये प्रोजेक्ट हैंडओवर नहीं हो सका है. अब भी इसका निर्माण कार्य अधूरा है, कई काम शेष हैं.

इधर, प्रोजेक्ट के हैंडओवर को लेकर दो विभाग आमने-सामने हैं. पीडब्ल्यूडी इसका निर्माण कर रही है. खेल विभाग को इसका हैंडओवर लेना है, लेकिन विभागीय खींचतान में हैंडओवर की प्रक्रिया अटकी हुई है. खेल विभाग का कहना है कि पीडब्ल्यूडी के तरफ से हैंडओवर में लेटलतिफी की जा रही है. खेल प्रशिक्षण केंद्र के अब भी कई काम शेष हैं. ऐसे में कार्य पूरा हुए बिना खेल विभाग इसका हैंडओवर नहीं ले सकता.

PWD के अधिकारी क्या बोले ?

पीडब्ल्यूडी के असिस्टेंट चीफ इंजीनियर पीएन साय (Assistant Chief Engineer PN Sai) का कहना है कि खेल विभाग से ही लेटलतिफी हो रही है. पहले प्रोजेक्ट के लिए जितना बजट मिला था उसमे काम पूरा नहीं हुआ. जिसके बाद रिवाइज इस्टीमेट बनाकर भेजा गया है, जो खेल विभाग में वित्तीय स्वीकृति और फिर वित्त विभाग में अप्रूवल के लिए लंबित है.

इधर, जिस उद्देश्य के लिए राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया जा रहा था. प्रशासन की उदासीनता के कारण वो अब तक फलीभूत नहीं हो सका है. इंडोर, आउटडोर स्टेडियम, एस्ट्रोटर्फ हॉस्टल और खेल विभाग के प्रशासनिक भवन का कोई लाभ खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को नहीं मिल रहा है.

खिलाड़ियों और खेल संघ का कहना है कि इससे भविष्य की संभावनाओं और प्रतिभाओं को मौका नहीं मिल पा रहा है. जिसके लिए शासन और प्रशासन जिम्मेदार है.

बिलासपुर: जिले में बहतराई राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र (Bahtarai State Sports Training Center) का निर्माण 13 साल बाद भी अधूरा है. इस केंद्र को इनडोर और आउटडोर खेलों (indoor and outdoor games) के लिए तैयार किया जा रहा है. जिसमें केवल हॉकी स्टेडियम (Hockey Stadium) ही तैयार हो पाया है. खिलाड़ियों के साथ पीडब्ल्यूडी (PWD) मजाक कर रहा है. 60 करोड़ की लागत से शुरू हुआ निर्माण कार्य सौ करोड़ के ऊपर चला गया है. खिलाड़ियों को अब भी स्टेडियम के पूरा होने का इंतजार है.

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दरअसल, खिलाड़ियों को नेशनल और इंटरनेशनल खेल सुविधा देने के लिए साल 2006 में 68 करोड़ रुपए की लागत से बहतराई ग्राम में सर्व सुविधा युक्त राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र (State Sports Training Center) बनाने की मंजूरी मिली थी. साल 2008 में प्रोजेक्ट पर काम शुरू भी हुआ, लेकिन उसके बाद प्रोजेक्ट धीरे -धीरे प्रशासनिक उदासीनता और राजनीति की भेंट चढ़ती गई. आज प्रोजेक्ट को शुरू हुए 13 साल बीत गए हैं. लागत 68 करोड़ से सवा सौ करोड़ पहुंच गया है, लेकिन अब तक अरबों का ये प्रोजेक्ट हैंडओवर नहीं हो सका है. अब भी इसका निर्माण कार्य अधूरा है, कई काम शेष हैं.

इधर, प्रोजेक्ट के हैंडओवर को लेकर दो विभाग आमने-सामने हैं. पीडब्ल्यूडी इसका निर्माण कर रही है. खेल विभाग को इसका हैंडओवर लेना है, लेकिन विभागीय खींचतान में हैंडओवर की प्रक्रिया अटकी हुई है. खेल विभाग का कहना है कि पीडब्ल्यूडी के तरफ से हैंडओवर में लेटलतिफी की जा रही है. खेल प्रशिक्षण केंद्र के अब भी कई काम शेष हैं. ऐसे में कार्य पूरा हुए बिना खेल विभाग इसका हैंडओवर नहीं ले सकता.

PWD के अधिकारी क्या बोले ?

पीडब्ल्यूडी के असिस्टेंट चीफ इंजीनियर पीएन साय (Assistant Chief Engineer PN Sai) का कहना है कि खेल विभाग से ही लेटलतिफी हो रही है. पहले प्रोजेक्ट के लिए जितना बजट मिला था उसमे काम पूरा नहीं हुआ. जिसके बाद रिवाइज इस्टीमेट बनाकर भेजा गया है, जो खेल विभाग में वित्तीय स्वीकृति और फिर वित्त विभाग में अप्रूवल के लिए लंबित है.

इधर, जिस उद्देश्य के लिए राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया जा रहा था. प्रशासन की उदासीनता के कारण वो अब तक फलीभूत नहीं हो सका है. इंडोर, आउटडोर स्टेडियम, एस्ट्रोटर्फ हॉस्टल और खेल विभाग के प्रशासनिक भवन का कोई लाभ खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को नहीं मिल रहा है.

खिलाड़ियों और खेल संघ का कहना है कि इससे भविष्य की संभावनाओं और प्रतिभाओं को मौका नहीं मिल पा रहा है. जिसके लिए शासन और प्रशासन जिम्मेदार है.

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