बिलासपुर: देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 70 से अधिक हो चुकी है. दिनों दिन यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में देश के हर नागरिक के लिए यह जानना बहुत जरूरी हो गया है कि क्या कोरोना वायरस से संक्रमण के बाद संक्रमित लोगों का बचाव संभव है. इसी कड़ी में ETV भारत की टीम ने विशेषज्ञ चिकित्सक से बातचीत की.
बिलासपुर सिम्स अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. पुनीत भारद्वाज ने ETV भारत से चर्चा करते हुए बताया कि 'कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति और संक्रमण के आशंका के साथ तत्काल मरीजों को डॉक्टर्स की निगरानी में आनी चाहिए. कोरोना की पुष्टि के बाद मरीजों के तात्कालिक सिमटम के आधार पर इलाज संभव है'.
'मरीज इलाज नहीं होने की भय को लेकर न घबराएं'
इस बीच कोरोना के इलाज के लिए कोई विशेष गाइडलाइन अभी मौजूद नहीं है, लेकिन कोरोना के इलाज के दौरान सिमटम के आधार पर स्वाइन फ्लू में प्रयुक्त टेमी फ्लू जैसी दवाओं को उपयोग में लाया जा सकता है. लिहाजा मरीज और उनके परिजन इलाज नहीं होने की भय को लेकर घबराएं नहीं और बिना देरी किए डॉक्टर्स की निगरानी में जाएं.
भारत में कोरोना से पहली मौत
डॉक्टर्स की मानें, तो कोरोना बहुत ही स्ट्रांग वायरस नहीं है यह नया है. इसलिए एक तरह का भय का माहौल बना हुआ है. जरूरी है कि मरीज को आइसोलेट रखा जाए और डॉक्टर्स की निगरानी में इलाज हो. डॉक्टर्स का मानना है कि जैसे-जैसे कोरोना को लेकर लोगों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी वैसे-वैसे कोरोना कमजोर होता चला जायेगा. अन्य देशों की भांति भारत में कोरोना से मृत्यु के मामले भी बहुत कम हैं. भारत में कोरोना से पहली मौत एक 76 वर्षीय बुजुर्ग की हुई है.
बचाव के ये हैं तरीके
बता दें कि इस बीच डॉक्टर बार-बार समय-समय पर हाथ धोते रहने, भीड़भाड़ से बचने, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखने और अपने मुंहवाले हिस्से को ढक के रखने जैसे सावधानियों को बरतने की सलाह दे रहे हैं.