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बिलासपुर में टोनही प्रताड़ना से तंग आकर महिला ने लगाई आग, गांव के लोगों पर आरोप

बिलासपुर में टोनही (Tonahi) प्रताड़ना से तंग आकर एक महिला ने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर खुदकुशी की कोशिश की. परिजनों ने देखने के बाद उसे फौरन अस्पताल पहुंचाया. पुलिस (Bilaspur Police) आरोपियों की तलाश में जुट गई है.

tonhi pratadna case woman attempted suicide in bilaspur
बिलासपुर में टोनही प्रताड़ना का मामला
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Published : Jun 10, 2021, 1:35 PM IST

Updated : Jun 10, 2021, 2:28 PM IST

बिलासपुर: जिले में टोनही प्रताड़ना (Tonhi Harassment) का मामला सामने आया है. प्रताड़ना से तंग आकर एक महिला ने खुदकुशी ( suicide) करने की कोशिश करते हुए खुद को आग लगा ली. समय रहते परिजनों ने देख लिया और महिला को इलाज के लिए सिम्स (cims) में भर्ती कराया. जहां उसकी हालत स्थिर है. गांव के लोगों पर प्रताड़ना का आरोप है.

टोनही कहकर प्रताड़ित करते थे मोहल्ले के लोग

कोनी थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला को गांव के कुछ लोग टोनही होने का दावा करते हुए रोज प्रताड़ित करते थे. तंग आकर महिला ने बुधवार को अपने घर की छत पर अपने ऊपर मिट्टी तेल डालकर आग लगा ली. इस बीच घर में अपनी मां को नहीं देख महिला का 17 वर्षीय बेटा उसे ढूंढते हुए छत पर पहुंचा. जहां महिला मिट्टी तेल डालकर अपने ऊपर आग लगा रही थी. आनन-फानन में बेटा कंबल लेकर पहुंचा औऱ आग को बुझाने लगा. बेटे के चिल्लाने की आवाज सुनकर घर के दूसरे सदस्य भी छत पर पहुंचे और किसी थऱङ आग पर काबू पाया. लेकिन तब तक महिला काफी जल चुकी थी. जिसे 112 की मदद से सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

पीड़ित का बयान दर्ज

गांव के ही राजू ठाकुर, करतार ठाकुर, भारत ठाकुर सहित जगदीश ठाकुर महिला की दुकान में रोज पहुंचते थे और उसे अपशब्द कहते थे. जिससे तंग आकर महिला ने ये आत्मघाती कदम उठाया. इधर कोनी पुलिस घटना की सूचना के बाद आरोपियों की तलाश में जुट गई है. मामले की जानकारी मिलने के बाद तहसीलदार अस्पताल के बर्न वार्ड पहुंचे (hospital burn ward) और पीड़ित महिला का बयान दर्ज कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

छत्तीसगढ़ में कड़ा कानून फिर भी नहीं रुक रहे टोनही प्रताड़ना के मामले

छत्तीसगढ़ में टोनही प्रताड़ना पर बना कानून

छत्तीसगढ़ देश में पहला ऐसा राज्य है. जहां इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए टोनही प्रताड़ना निवारण कानून (Chhattisgarh Tonhi Harassment Act ) बना है. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में खासकर मैदानी इलाकों में इस तरह की घटनाओं में काफी कमी आई है. हालांकि अभी भी छत्तीसगढ़ के खासकर बॉर्डर जिलों में इस तरह की घटनाएं काफी होती हैं. बॉर्डर राज्य जैसे- ओडिशा, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के सटे हुए क्षेत्रों में बैगा और टोनही प्रताड़ना के नाम पर लोगों में जागरूकता की जरूरत है.

छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना अधिनियम

छत्तीसगढ़ में टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम (Chhattisgarh Tonhi Harassment Act ) 2005 के तहत किसी को भी टोनही कहने पर 3 साल का कठोर कारावास, जुर्माने का प्रावधान है. शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने या नुकसान पहुंचाने पर 5 साल के कठोर कारावास और जुर्माने का प्रावधान है.

बिलासपुर: जिले में टोनही प्रताड़ना (Tonhi Harassment) का मामला सामने आया है. प्रताड़ना से तंग आकर एक महिला ने खुदकुशी ( suicide) करने की कोशिश करते हुए खुद को आग लगा ली. समय रहते परिजनों ने देख लिया और महिला को इलाज के लिए सिम्स (cims) में भर्ती कराया. जहां उसकी हालत स्थिर है. गांव के लोगों पर प्रताड़ना का आरोप है.

टोनही कहकर प्रताड़ित करते थे मोहल्ले के लोग

कोनी थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला को गांव के कुछ लोग टोनही होने का दावा करते हुए रोज प्रताड़ित करते थे. तंग आकर महिला ने बुधवार को अपने घर की छत पर अपने ऊपर मिट्टी तेल डालकर आग लगा ली. इस बीच घर में अपनी मां को नहीं देख महिला का 17 वर्षीय बेटा उसे ढूंढते हुए छत पर पहुंचा. जहां महिला मिट्टी तेल डालकर अपने ऊपर आग लगा रही थी. आनन-फानन में बेटा कंबल लेकर पहुंचा औऱ आग को बुझाने लगा. बेटे के चिल्लाने की आवाज सुनकर घर के दूसरे सदस्य भी छत पर पहुंचे और किसी थऱङ आग पर काबू पाया. लेकिन तब तक महिला काफी जल चुकी थी. जिसे 112 की मदद से सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

पीड़ित का बयान दर्ज

गांव के ही राजू ठाकुर, करतार ठाकुर, भारत ठाकुर सहित जगदीश ठाकुर महिला की दुकान में रोज पहुंचते थे और उसे अपशब्द कहते थे. जिससे तंग आकर महिला ने ये आत्मघाती कदम उठाया. इधर कोनी पुलिस घटना की सूचना के बाद आरोपियों की तलाश में जुट गई है. मामले की जानकारी मिलने के बाद तहसीलदार अस्पताल के बर्न वार्ड पहुंचे (hospital burn ward) और पीड़ित महिला का बयान दर्ज कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

छत्तीसगढ़ में कड़ा कानून फिर भी नहीं रुक रहे टोनही प्रताड़ना के मामले

छत्तीसगढ़ में टोनही प्रताड़ना पर बना कानून

छत्तीसगढ़ देश में पहला ऐसा राज्य है. जहां इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए टोनही प्रताड़ना निवारण कानून (Chhattisgarh Tonhi Harassment Act ) बना है. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में खासकर मैदानी इलाकों में इस तरह की घटनाओं में काफी कमी आई है. हालांकि अभी भी छत्तीसगढ़ के खासकर बॉर्डर जिलों में इस तरह की घटनाएं काफी होती हैं. बॉर्डर राज्य जैसे- ओडिशा, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के सटे हुए क्षेत्रों में बैगा और टोनही प्रताड़ना के नाम पर लोगों में जागरूकता की जरूरत है.

छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना अधिनियम

छत्तीसगढ़ में टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम (Chhattisgarh Tonhi Harassment Act ) 2005 के तहत किसी को भी टोनही कहने पर 3 साल का कठोर कारावास, जुर्माने का प्रावधान है. शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने या नुकसान पहुंचाने पर 5 साल के कठोर कारावास और जुर्माने का प्रावधान है.

Last Updated : Jun 10, 2021, 2:28 PM IST
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