जीपीएम: जिले के कलेक्टर कार्यालय के ठीक सामने स्थित गुरुकुल खेल परिसर स्थित छात्रावास का एक छात्र दुर्घटना का शिकार हो गया. रविवार को छात्र, छात्रावास के अंदर दीवार पर ओवरहेड टैंक भरने के लिए लगाई गई सालों पुरानी लोहे की पाइप पर चढ़कर पढ़ रहे थे तभी अचानक लगभग 25 फीट ऊपर दो पाइप में से एक पाइप टूट गई और छात्र दूसरी पाइप पर फिसलता हुआ सीधे जमीन पर आ गिरा. इतनी ऊंचाई से गिरने पर छात्र के दोनों पैरों और कमर में गंभीर चोट आई. जिसके बाद छात्र ने दर्द से कराहते हुए दूसरे छात्रों को आवाज देकर मदद मांगी.
घटना के वक्त हॉस्टल में नहीं थे वार्डन: छात्रावास के छात्रों ने हॉस्टल अधीक्षक को फोन कर घटना की सूचना दी जो कि हमेशा की तरह छात्रावास से नदारद थे. घटना के बाद अधीक्षक अपनी मोटरसाइकिल से जब छात्रावास पहुंचे तब तक छात्र दर्द से कराह रहा था. जिसके बाद उसे अधीक्षक की मोटरसाइकिल में बैठा कर जिला चिकित्सालय लाया गया. जहां उसका इलाज किया गया. इस पूरे घटना को आदिवासी विकास विभाग ने प्रशासन के उच्च अधिकारियों से दबा कर रखा. ताकि किसी को कानों कान खबर न हो. साथ ही छात्रों को भी अधीक्षक और विभाग के अधिकारियों ने डरा दिया कि मामले की जानकारी किसी भी तरह से छात्रावास के बाहर ना जाने पाए. लेकिन लगभग एक हफ्ते के बाद यह मामला सबके सामने आया.
मामले को दबाने की थी तैयारी: दीवार से गिरने के बाद छात्रावास के कक्षा 10वीं में पढ़ने वाले छात्र रविंद्र सिंह को प्राथमिक उपचार दिलाकर पैरों में प्लास्टर बंधवा कर उसके घर दूर वनांचल बस्ती बगरा छोड़ दिया गया. शुक्रवार को जब छात्र फिर से जिला अस्पताल उपचार के लिए पहुंचा. तो पूरे मामले से पर्दा उठ पाया. मामले की जानकारी जब अधीक्षक से ली गई. तो अधीक्षक बाथरूम में फिसल कर गिर जाने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ने लगे.