बिलासपुर: संविलियन अधिकार मंच ने 1 नवंबर को 'संविलियन आभार दिवस' मनाने का निर्णय लिया है. इस दिन शिक्षाकर्मी संविलियन की लड़ाई में साथ देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त करेंगे. इस दिन शिक्षाकर्मी मिठाई वितरण कर त्योहार के रूप में मनाएंगे.
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छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर को प्रदेश के 16 हजार 278 शिक्षाकर्मी जो 2 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके हैं, उनका स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन हो जाएगा. सरकार के इस फैसले को लेकर शिक्षाकर्मियों में खुशी का माहौल है. लंबी लड़ाई के बाद शिक्षाकर्मियों ने यह जीत हासिल की है. सरकार ने विधानसभा में 3 मार्च को यह निर्णय लिया था कि 2 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके समस्त शिक्षाकर्मियों का संविलियन होगा. कोरोना संक्रमण की वजह से 1 जुलाई को होने वाला यह निर्णय क्रियान्वित नहीं हो पाया था और इस पूरे निर्णय पर ही संकट के बादल घिर गए थे. शिक्षाकर्मियों ने फिर अपने परिवार के साथ मिलकर सरकार से गुहार लगाई और सरकार ने 1 नवंबर को प्रदेश के 2 वर्ष से अधिक की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके सभी शिक्षाकर्मियों के संविलियन का फैसला किया.
1 नवंबर को मनाया जाएगा त्योहार
इस निर्णय को यादगार बनाने के लिए संविलियन की मांग को लेकर लड़ाई लड़ने वाले संविलियन अधिकार मंच ने इस दिन को 'संविलियन आभार दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए संविलियन अधिकार मंच के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे ने बताया कि हम 1 नवंबर को संविलियन का निर्णय लेने वाले सरकार के नुमाइंदों और संविलियन की लड़ाई में साथ देने वाले सभी विधायकों, जनप्रतिनिधियों, मीडिया के साथियों, इस लड़ाई में साथ देने वाले समस्त लोगों के सहयोग के लिए आभार प्रकट करेंगे और भविष्य में भी हर मुद्दे पर सकारात्मक ढंग से प्रयास करने का संकल्प लेंगे. शिक्षाकर्मी 31 अक्टूबर की पूर्व संध्या पर अपने घरों में दीप जलाकर और पटाखे फोड़कर संविलियन दिवस के आगमन का स्वागत करेंगे. 1 नवम्बर को घरों में संविलियन रंगोली तैयार कर और मिठाई वितरण कर इसे त्योहार के रूप में मनाएंगे.