बिलासपुर: तखतपुर थाना क्षेत्र से हुए नाबालिग की अपहरण की गुत्थी सुलझ गई है. नाबालिग को पास के रहने वाले एक नाबालिक सही सात युवकों ने किडनैप किया था. इस मामले में पुलिस ने बच्चे को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल बरामद कर लिया और अपहरण कांड में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. मामले का खुलासा आईजी में देर रात किया.
किडनैपर्स के चंगुल से 15 साल के बच्चे को पुलिस ने कराया रिहा
तखतपुर थाना क्षेत्र में नाबालिग का अपहरण मंगलवार दोपहर 12 बजे हो गया था. इस मामले में आरोपियों ने नाबालिग की मां को फोन कर 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी. इसके साथ ही पुलिस को जानकारी देने और पैसा नहीं देने पर उनके बेटे को जान से मारने की धमकी भी दी थी. इस मामले से घबराए परिजनों ने तखतपुर पुलिस को जानकारी दी. जानकारी के बाद पुलिस तत्काल ने अपहरण की सूचना आईजी और एसपी को दी. एसपी दीपक झा ने मामले में कई थाना स्टाफ के साथ ही साइबर सेल को अपहरण के केस को सुलझाने और तत्काल परिणाम तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे.
साइबर की मदद से सुलझा केस
तखतपुर थाना, कोटा थाना और साइबर सेल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जिस नंबर से अपहरणकर्ताओं ने नाबालिग की मां को फोन लगाया था. उसे ट्रेस करना शुरू कर दिया. फोन कॉल करने वाला नंबर बार-बार लोकेशन बदल रहा था. जिसकी वजह से शुरुआत में तो पुलिस धोखा खा रही थी. लेकिन फिर पुलिस ने सभी लोकेशन में पुलिस की टीम को भेजकर मौके का मुआयना करवाया. इस दौरान अपहरण में शामिल दो युवकों को पुलिस ने पकड़ लिया.
घेराबंदी कर किया गिरफ्तार
पुलिस ने युवकों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनके साथी कोटा के पास एक खेत में बच्चे को रखे हैं. पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई. तब पुलिस ने देखा कि खेत में नाबालिग को बिठाया गया है. लेकिन पुलिस सीधे पहुंचती तो अपहरणकर्ता को पुलिस आते दिख जाती और इससे नाबालिग के जान को भी खतरा था. तब पुलिस ने घेराबंदी कर अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया और नाबालिग को उनके हाथों से सकुशल बरामद कर लिया.
एसपी दीपक झा ने बताया कि शुरुआत में तो उन्हें यह डर था कि अपहरणकर्ता पुलिस को आता देख बच्चे को कहीं नुकसान ना पहुंचा दें. लेकिन पुलिस ने घेराबंदी इस तरह से किया कि अपहरणकर्ताओं को पुलिस आती नजर नहीं आई और जब करीब पहुंचे तो अपहरणकर्ता भागने लगे जिन्हें दौड़ा कर पुलिस ने पकड़ लिया.
अपहरणकर्ताओं में कुछ को पहचानती है नाबालिग की मां
नाबालिग के अपहरण में शामिल युवकों में कुछ युवक ऐसे थे. जिन्हें नाबालिग और उसकी मां दोनों पहचानते हैं. इसके साथ ही अपहरणकर्ताओं में शामिल एक नाबालिग को भी पीड़ित नाबालिग ने पहचानता था. इस मामले में अपहरणकर्ताओं ने पहले तो बच्चे को यह बोल कर अपने साथ लेकर गए कि चलो पेपर हो गया है और अब घूमते हैं. तुमको मोबाइल और कुछ सामान दिलाएंगे. अपहरणकर्ताओं के लालच में आकर नाबालिग उनके साथ चला गया. लेकिन उसे अनजान जगह पर ले जाकर कहा गया कि अब तेरे बदले तेरे परिवार वालों से 10 लाख रुपए लेंगे और फिर तेरे को भी सामान दिलाएंगे और हम भी सामान लेंगे. अपहरणकर्ताओं की बात सुनकर बच्चा डर गया. इस मामले में सबसे अच्छी बात यह रही कि बच्चा सकुशल है और अपहरणकर्ताओं ने उसे नुकसान नहीं पहुंचाया.
परिजनों ने ऐसे मिली अपहरण की जानकारी
नाबालिग घर से ट्यूशन पढ़ने के लिए दोपहर 12 बजे निकला था और ट्यूशन नहीं पहुंच पाया था. इस बात की जानकारी उसके टीचर ने बच्चे के घर में दी और कुछ समय बाद बच्चे की मां को भी अपहरणकर्ताओं ने फोन कर 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी. इस मामले को लेकर पहले तो परिवार वाले इसे मजाक समझ रहे थे, फिर नाबालिग के घर नहीं पहुंचने के बाद उन्हें यह एहसास हो गया था कि उनके बच्चे का अपहरण हुआ है.
फिरौती के पैसों से पिस्तौल खरीदने की तैयारी में थे आरोपी
अपहरण के मामले में पुलिस सभी तथ्यों की जांच कर रही है. आरोपरियों ने मोबाइल और सिम कहां से लिया पुलिस इसकी जांच करेगी. इसके अलावा पुलिस ने बताया कि अपहरणकर्ता को फिरौती मिलने के बाद वह पिस्तौल भी खरीदने की तैयारी में थे. सभी अपहरणकर्ता तखतपुर के आसपास के रहने वाले हैं और पैसा कमाने के लालच में उन्होंने अपहरण की घटा को अंजाम दिया था.
इस पूरे मामले में पुलिस ने बताया कि बच्चे का अपहरण इसलिए किया गया था. क्योंकि बच्चा अपहरणकर्ताओं में शामिल कुछ लोगों को पहचानता था और वह उनके साथ आसानी से चला जाएगा. बच्चे के पिता किसान हैं और उनके पास खेती है. इसी लालच में आकर अपहरणकर्ताओं ने नाबालिग का अपहरण किया. ताकि उसका पिता खेत बेचकर उन्हें फिरौती दे दे. अब इस मामले में पकड़े गए नाबालिग सहित सातों आरोपियों से पुलिस पूछताछ करेगी. इसके साथ ही किसी और घटना में शामिल होने की भी जांच कर रही है.