बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के विख्यात मिनी जू 'कानन पेंडारी' में एक बाद एक वन्य जीवों की मौत से कानन प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. ताजा मामला बारहसिंगा की मौत से जुड़ा है. आपसी लड़ाई में बारहसिंगा की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि आपसी लड़ाई के दौरान बारहसिंगा काफी चोटिल हो गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी अंदरूनी चोट की बात सामने आई है.
इधर, कानन जू के अधीक्षक का कहना है कि आने वाले दिनों में इनपर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि फिर से ऐसी घटना न घटे. बीते 5 महीने में 11 वन्यप्राणियों की मौत हो चुकी है. एक के बाद एक मौत से पशुप्रेमियों में खासा आक्रोश है. हर बार कानन प्रशासन आपसी लड़ाई की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है लेकिन सवाल यह भी है कि घायल वन्यप्राणियों के तत्काल उपचार की व्यवस्था क्यों नहीं दी जाती.
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लगातार मौतों से उठे सवाल
कानन पेंडारी के डॉक्टर घायल वन्यप्राणियों को बचाने में नाकाम क्यों हो जाते हैं. इसका जवाब किसी के पास नहीं है. हालांकि वन अधिकारी आने वाले दिनों में सतत निगरानी की बात जरूर कह रहे हैं, ताकि आपसी लड़ाई जैसी स्थिति ही न बने.