ETV Bharat / state

कानन पेंडारी जू में बारहसिंगा की मौत, प्रशासन पर उठे सवाल - छत्तीसगढ़ न्यूज

बिलासपुर के मिनी जू 'कानन पेंडारी' में एक बाद एक वन्य जीवों की मौत से कानन प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. जू में एक बार फिर आपसी लड़ाई में एक बारहसिंगा की मौत हो गई है.

kanan pendari zoo bilaspur
कानन पेंडारी में बारहसिंघा की मौत
author img

By

Published : Jul 30, 2020, 6:00 PM IST

Updated : Jul 30, 2020, 8:36 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के विख्यात मिनी जू 'कानन पेंडारी' में एक बाद एक वन्य जीवों की मौत से कानन प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. ताजा मामला बारहसिंगा की मौत से जुड़ा है. आपसी लड़ाई में बारहसिंगा की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि आपसी लड़ाई के दौरान बारहसिंगा काफी चोटिल हो गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी अंदरूनी चोट की बात सामने आई है.

कानन पेंडारी में बारहसिंगा की मौत

इधर, कानन जू के अधीक्षक का कहना है कि आने वाले दिनों में इनपर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि फिर से ऐसी घटना न घटे. बीते 5 महीने में 11 वन्यप्राणियों की मौत हो चुकी है. एक के बाद एक मौत से पशुप्रेमियों में खासा आक्रोश है. हर बार कानन प्रशासन आपसी लड़ाई की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है लेकिन सवाल यह भी है कि घायल वन्यप्राणियों के तत्काल उपचार की व्यवस्था क्यों नहीं दी जाती.

पढ़ें-बिलासपुर : खरकेना में गौठान की जमीन को लेकर विवाद, अधिकारी ने दिए ये निर्देश

लगातार मौतों से उठे सवाल

कानन पेंडारी के डॉक्टर घायल वन्यप्राणियों को बचाने में नाकाम क्यों हो जाते हैं. इसका जवाब किसी के पास नहीं है. हालांकि वन अधिकारी आने वाले दिनों में सतत निगरानी की बात जरूर कह रहे हैं, ताकि आपसी लड़ाई जैसी स्थिति ही न बने.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के विख्यात मिनी जू 'कानन पेंडारी' में एक बाद एक वन्य जीवों की मौत से कानन प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. ताजा मामला बारहसिंगा की मौत से जुड़ा है. आपसी लड़ाई में बारहसिंगा की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि आपसी लड़ाई के दौरान बारहसिंगा काफी चोटिल हो गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी अंदरूनी चोट की बात सामने आई है.

कानन पेंडारी में बारहसिंगा की मौत

इधर, कानन जू के अधीक्षक का कहना है कि आने वाले दिनों में इनपर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि फिर से ऐसी घटना न घटे. बीते 5 महीने में 11 वन्यप्राणियों की मौत हो चुकी है. एक के बाद एक मौत से पशुप्रेमियों में खासा आक्रोश है. हर बार कानन प्रशासन आपसी लड़ाई की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है लेकिन सवाल यह भी है कि घायल वन्यप्राणियों के तत्काल उपचार की व्यवस्था क्यों नहीं दी जाती.

पढ़ें-बिलासपुर : खरकेना में गौठान की जमीन को लेकर विवाद, अधिकारी ने दिए ये निर्देश

लगातार मौतों से उठे सवाल

कानन पेंडारी के डॉक्टर घायल वन्यप्राणियों को बचाने में नाकाम क्यों हो जाते हैं. इसका जवाब किसी के पास नहीं है. हालांकि वन अधिकारी आने वाले दिनों में सतत निगरानी की बात जरूर कह रहे हैं, ताकि आपसी लड़ाई जैसी स्थिति ही न बने.

Last Updated : Jul 30, 2020, 8:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.