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गौरेला पेंड्रा मरवाही में राशन दुकान संचालक की धांधली, कम राशन देकर बताया ज्यादा

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में राशन वितरण में गरीब उपभोक्ताओं को ठगने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. ताजा मामला मरवाही विकासखंड के दरमोहली गांव का है. जहां राशन दुकान संचालक पर उपभोक्ताओं ने राशन कार्ड में चावल वितरण की ज्यादा मात्रा दर्ज कर वजन में 10 से 15 किलो कम चावल देने का आरोप लगाया है. साथ ही कोरोना काल में मुफ्त वितरण के लिए मिले चावल में भी गोलमाल का आरोप लगा है.

गौरेला पेंड्रा मरवाही में राशन दुकान संचालक की धांधली
गौरेला पेंड्रा मरवाही में राशन दुकान संचालक की धांधली
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Published : Nov 17, 2022, 12:32 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 2:58 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही : सार्वजनिक वितरण प्रणाली में देश विदेश में अपना अलग मकाम बना चुके छत्तीसगढ़ राज्य में अब भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बड़ी धांधली सामने आ रही है. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मरवाही विकासखंड में दरमोहली ग्राम पंचायत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबों को कम कीमत पर मिलने वाले राशन में राशन दुकान संचालक ही नजरें गड़ाए बैठे हैं. (Ration shop operator rigged in Gaurela Pendra Marwahi )

क्या है ग्रामीणों का आरोप : ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि राशन दुकान संचालक ने उनके राशन कार्ड में मिलने वाले चावल में वर्षों से लगातार बड़ी हेराफेरी की है. दुकान संचालक ने राशन कार्ड में ज्यादा वजन के चावल का वितरण बताते हुए भौतिक रूप से कम वितरण किया है. इस माह ग्रामीणों ने पूरे गड़बड़झाले को पकड़ लिया. ग्रामीणों का आरोप है कि '' दुकान संचालक ने उन्हें लगातार 10 से 15 किलो तक कम चावल दिया. इस माह की बात करे तो राशन कार्ड में 30 किलो चावल का वितरण दर्शाया गया है. उपभोक्ता से 30 किलो का पैसा भी लिया गया. पर जब उसे चावल दिया गया तो वजन 20 किलो ही दिया गया. ऐसे ही जिस राशन कार्ड में 85 किलो का वितरण बताया गया है उस उपभोक्ता को 70 किलो का वितरण ही किया गया. इसी तरह 65 किलो चावल वितरण दर्शाते हुए 55 किलो ही राशन दिया गया.

राशन दुकान संचालक पर गंभीर आरोप : इस तरह एक या दो उपभोक्ताओं के साथ ही नहीं किया गया बल्कि राशन लेने पहुंचे ज्यादातर उपभोक्ताओं के राशन में दुकान संचालक ने डाका डाल दिया. ग्रामीण उपभोक्ताओं का कहना है कि लगातार उनसे ठगी हो रही है और तो और कोरोना काल मे मुफ्त वितरण के लिए आए चावल में भी दुकान संचालक ने गफलत की है जिसकी जांच होनी चाहिए.

Etv भारत को दी सूचना : अपने साथ हो रही ठगी की जानकारी उपभोक्ताओं ने हमें दी और हमारे मौके पर पहुंचने की खबर सुनते ही दुकान संचालक राशन दुकान बंद कर चलता बना. मौके पर पहुंचकर हमने जब पूरे मामले की पड़ताल की तो ग्रामीणों का आरोप सही नजर आया. जिस पर हमने राशन दुकान संचालक से बात करने की कोशिश की तो राशन दुकान संचालक ने खुद को गांव से बाहर होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया. पूरे मामले की जानकारी जिला खाद्य अधिकारी को दी गई. जिस पर उन्होंने पूरे मामले की विधिवत जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया है.

सरकारी वितरण प्रणाली पर उठे सवाल : सार्वजनिक वितरण प्रणाली के नाम पर ग्रामीणों को दिए जाने वाले सस्ते राशन में दुकान संचालक लगातार गफलत करते आ रहे हैं. वही इस सिस्टम पर मॉनिटरिंग करने के लिए नियुक्त अधिकारी भी दूर ग्रामीण इलाकों में संचालित राशन दुकानों का दौरा नहीं करते. जिससे राशन दुकान संचालकों के हौसले बुलंद हैं. ग्रामीणों के साथ ठगी हो रही है. देखना ये होगा कि पूरा मामला सामने आने के बाद विभाग किस तरह कार्यवाही करते हुए एक नजीर पेश करता है ताकि आगे ग्रामीणों के साथ इस तरह की गड़बड़झाला ना हो सके. Gaurela Pendra Marwahi news

गौरेला पेंड्रा मरवाही : सार्वजनिक वितरण प्रणाली में देश विदेश में अपना अलग मकाम बना चुके छत्तीसगढ़ राज्य में अब भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बड़ी धांधली सामने आ रही है. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मरवाही विकासखंड में दरमोहली ग्राम पंचायत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबों को कम कीमत पर मिलने वाले राशन में राशन दुकान संचालक ही नजरें गड़ाए बैठे हैं. (Ration shop operator rigged in Gaurela Pendra Marwahi )

क्या है ग्रामीणों का आरोप : ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि राशन दुकान संचालक ने उनके राशन कार्ड में मिलने वाले चावल में वर्षों से लगातार बड़ी हेराफेरी की है. दुकान संचालक ने राशन कार्ड में ज्यादा वजन के चावल का वितरण बताते हुए भौतिक रूप से कम वितरण किया है. इस माह ग्रामीणों ने पूरे गड़बड़झाले को पकड़ लिया. ग्रामीणों का आरोप है कि '' दुकान संचालक ने उन्हें लगातार 10 से 15 किलो तक कम चावल दिया. इस माह की बात करे तो राशन कार्ड में 30 किलो चावल का वितरण दर्शाया गया है. उपभोक्ता से 30 किलो का पैसा भी लिया गया. पर जब उसे चावल दिया गया तो वजन 20 किलो ही दिया गया. ऐसे ही जिस राशन कार्ड में 85 किलो का वितरण बताया गया है उस उपभोक्ता को 70 किलो का वितरण ही किया गया. इसी तरह 65 किलो चावल वितरण दर्शाते हुए 55 किलो ही राशन दिया गया.

राशन दुकान संचालक पर गंभीर आरोप : इस तरह एक या दो उपभोक्ताओं के साथ ही नहीं किया गया बल्कि राशन लेने पहुंचे ज्यादातर उपभोक्ताओं के राशन में दुकान संचालक ने डाका डाल दिया. ग्रामीण उपभोक्ताओं का कहना है कि लगातार उनसे ठगी हो रही है और तो और कोरोना काल मे मुफ्त वितरण के लिए आए चावल में भी दुकान संचालक ने गफलत की है जिसकी जांच होनी चाहिए.

Etv भारत को दी सूचना : अपने साथ हो रही ठगी की जानकारी उपभोक्ताओं ने हमें दी और हमारे मौके पर पहुंचने की खबर सुनते ही दुकान संचालक राशन दुकान बंद कर चलता बना. मौके पर पहुंचकर हमने जब पूरे मामले की पड़ताल की तो ग्रामीणों का आरोप सही नजर आया. जिस पर हमने राशन दुकान संचालक से बात करने की कोशिश की तो राशन दुकान संचालक ने खुद को गांव से बाहर होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया. पूरे मामले की जानकारी जिला खाद्य अधिकारी को दी गई. जिस पर उन्होंने पूरे मामले की विधिवत जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया है.

सरकारी वितरण प्रणाली पर उठे सवाल : सार्वजनिक वितरण प्रणाली के नाम पर ग्रामीणों को दिए जाने वाले सस्ते राशन में दुकान संचालक लगातार गफलत करते आ रहे हैं. वही इस सिस्टम पर मॉनिटरिंग करने के लिए नियुक्त अधिकारी भी दूर ग्रामीण इलाकों में संचालित राशन दुकानों का दौरा नहीं करते. जिससे राशन दुकान संचालकों के हौसले बुलंद हैं. ग्रामीणों के साथ ठगी हो रही है. देखना ये होगा कि पूरा मामला सामने आने के बाद विभाग किस तरह कार्यवाही करते हुए एक नजीर पेश करता है ताकि आगे ग्रामीणों के साथ इस तरह की गड़बड़झाला ना हो सके. Gaurela Pendra Marwahi news

Last Updated : Nov 17, 2022, 2:58 PM IST
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